युगांडा के स्कूल में आतंकी हमला, 40 लोगों की मौत:ISIS से जुड़े संगठन ने हॉस्टल में आग लगाई; 25 सालों का सबसे बड़ा हमला
ADF ने युगांडा और कॉन्गो के बॉर्डर पर म्पोंडवे के स्कूल में हमला किया। -फाइल फोटो
युगांडा के एक स्कूल में ISIS से जुड़े संगठन ADF के आंतकियों ने हमला कर दिया। BBC के मुताबिक, इसमें 40 लोगों की मौत हो गई, वहीं कई लोग घायल हुए हैं। मरने वालों में ज्यादातर स्टूडेंट्स हैं। हमले के बाद आतंकियों ने स्कूल में आग लगा दी। इसमें डॉरमेट्री जल गई वहीं आतंकियों ने फूड स्टोर को लूट लिया।
युगांडा में पिछले 25 साल में किसी स्कूल पर हुआ ये सबसे बड़ा हमला है। ये अटैक युगांडा के एलाइड डेमोक्रैटिक फोर्सेस (ADF) ने म्पोंडवे के लुबिरिरा सेकेंडरी स्कूल में किया।
इसके अलावा आतंकियों ने 6 लोगों को किडनैप भी किया है। घटना शुक्रवार रात 11 बजे की है। CNN के मुताबिक, स्कूल युगांडा और कॉन्गो बॉर्डर पर स्थित है। हमला करने के बाद आतंकी कॉन्गो भाग गए। पुलिस ने बताया कि गंभीर रूप से घायल 8 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हमले में 20-25 आतंकी शामिल थे। आशंका है कि सभी आतंकी कॉन्गो के विरुंगा नेशनल पार्क में छिपे हो सकते हैं।
आतंकवादी हमले में 8 लोग घायल हुए हैं, जिनका इसी अस्पताल में इलाज चल रहा है।
पहले भी कई हमले कर चुका है ये आतंकी संगठन
ADF ने इससे पहले अप्रैल में भी एक गांव पर हमला किया था, जिसमें 20 लोगों की मौत हो गई थी। इसके अलावा मार्च में भी युगांडा के मुकोंदी गांव में ADF के आतंकियों ने हमला किया था। इसमें 36 लोगों की मौत हो गई थी। 2021 में राजधानी कंपाला में हुई सुसाइड बॉम्बिंग के लिए भी युगांडा सरकार ADF को जिम्मेदार ठहराती है। इस हमले के बाद युगांडा ने कॉन्गो में ADF के ठिकानों पर एयरस्ट्राइक भी की थी।
तस्वीर ADF के लड़ाकों की है। इनका लक्ष्य युगांडा की मुसेवनी सरकार को हटाना है।
4 पॉइंट में जानिए क्या है आतंकी संगठन ADF
- अल-जजीरा के मुताबिक, पिछले कुछ सालों से ADF को ISIS का समर्थन हासिल है। 1995 में युगांडा मुस्लिम लिबरेशन आर्मी और नेशनल आर्मी ने साथ मिलकर एलाइड डेमोक्रैटिक फोर्सेस (ADF) की स्थापना की थी।
- इनका लक्ष्य युगांडा की मुसेवनी सरकार को हटाना था। इसके बाद इस संगठन को डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कॉन्गो की कुछ सरकारों का समर्थन मिला जो देश में रवांडा और युगांडा के प्रभाव को कम करना चाहते थे।
- हालांकि, 2013 में ADF ने कॉन्गो की ही मिलिट्री पर हमला करना शुरू कर दिया। इसके बाद वहां की सेना ने आतंकियों पर जवाबी कार्रवाई की। हमलों को देखते हुए ADF का संस्थापक और लीडर जामिल मुलूलू तंजानिया भाग गया था। यहां 2015 में उसे गिरफ्तार करके युगांडा भेज दिया गया जहां उस पर टेररिजम के चार्ज लगाए गए।
- अमेरिका भी ADF को एक आतंकी संगठन घोषित कर चुका है। युगांडा के एक कैथोलिक चर्च के मुताबिक, इस संगठन ने 2013 से 2021 के बीच करीब 6 हजार आम नागरिकों की हत्या की थी।
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