राजस्थान में मिले विस्फोटक का धौलपुर-अजमेर कनेक्शन:एक किमी एरिया को कर सकता है तबाह, फैक्ट्री से निकलने के बाद हुआ गायब
REPORT BY SAHIL PATHAN
उदयपुर के ओढ़ा रेलवे ब्रिज पर ब्लास्ट के मामले में रोज चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। पिछले दिनों 186 किलो जिलेटिन राॅड ने सब को हैरानी में डाल दिया है। जिस फैक्ट्री से यह विस्फोटक निकला था, उसके प्रबंध के मुताबिक इतनी बड़ी मात्रा में मिला धमाके का सामान करीब एक किलोमीटर तक तबाही मचा सकता है।जब इन विस्फोटक की पड़ताल की तो चौंकाने वाला खुलासा हुआ। जो जिलेटिन डूंगरपुर की सोम नदी के पुल पर मिली है, वह 8 महीने पहले धौलपुर की एक्सप्लोसिव फैक्ट्री से सप्लाई हुई थी। इस मामले में धौलपुर और अजमेर दोनों का कनेक्शन सामने आया है।
दरअसल, शनिवार रात 11 बजे उदयपुर के ओढ़ा रेलवे ब्रिज पर ब्लास्ट हुआ था। सूचना मिलने के बाद अगले दिन रविवार को तमाम सुरक्षा एजेंसियां मौके पर पहुंची। घटना के तीन दिन बाद 15 नवंबर (मंगलवार) को घटनास्थल से 70 किलोमीटर दूर आसपुर के पास पुल के नीचे जिलेटिन की छड़ें (विस्फोटक) मिली थीं। इसके बाद से राजस्थान से लेकर दिल्ली तक की सुरक्षा एजेंसियों की टीमें ब्लास्ट और विस्फोटकों की जांच में जुटी हैं।
आखिर कहां से और कैसे सप्लाई हुआ था ये विस्फोटक…
जब इस मामले की जांच की तो दो कनेक्शन सामने आए। पहला धौलपुर और दूसरा अजमेर। धौलपुर इसलिए क्योंकि सोम नदी के पुल के नीचे मिला ये विस्फोटक धौलपुर की राजस्थान एक्सप्लोसिव एंड केमिकल लिमिटेड (RECL) फैक्ट्री में बना था। यहां से 23 मार्च को अजमेर की कृष्णा सेल्स निजामपुरा मैगजीन को ट्रक से 15 टन विस्फोटक भेजा गया था, जिसमें ये 186 किलो जिलेटिन की छड़ भी थीं।
फैक्ट्री के एचआर मैनेजर पीएन श्रीवास्तव से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि ये छड़ अजमेर की एजेंसी के मालिक भीलवाड़ा के गुलाबपुरा निवासी राजेंद्र कुमार बाहेती की हैं। उनकी डिमांड पर एक ट्रक में अजमेर माल भेजने के बाद डाटा को स्टोर किया गया।
दो आशंका या तो बीच रास्ते से गायब हुआ या एजेंसी से सप्लाई
फैक्ट्री प्रबंधन का कहना है कि सोम नदी में मिला विस्फोटक अजमेर की एजेंसी को दिया गया था। ऐसे में दो आशंका जताई जा रही है कि या तो मार्च महीने में सप्लाई के दौरान बीच रास्ते से कुछ छड़ों को गायब कर दिया गया हो या फिर अजमेर एजेंसी से इसे कुछ लोगों को दिया गया है।
फैक्ट्री प्रबंधन ने बताया कि धौलपुर फैक्ट्री से गए सभी विस्फोटक पर बार कोड लगा होता है। इसी बार कोड के जरिए ये सामने आया कि ये विस्फोटक अजमेर की एजेंसी का था। इसको लेकर सुरक्षा एजेंसी और संबंधित पुलिस अधिकारियों को भी जानकारी दे दी गई है।
2009 में इसी फैक्ट्री से विस्फोटक के 164 ट्रक हो गए थे गायब
राजस्थान एक्सप्लोसिव एंड केमिकल लिमिटेड फैक्ट्री साल 2009 में उस वक्त चर्चा में आई थी। जब फैक्ट्री से निकले 164 ट्रक विस्फोटक गायब हुए थे। मामले को लेकर पड़ताल की तो पता चला कि साल 2009 में फैक्ट्री से भीलवाड़ा के रहने वाले एक व्यवसायी ने सागर (मध्यप्रदेश) में मैगजीन खोली थी। मध्य प्रदेश में टैक्स कम होने की वजह से दोनों व्यापारी धौलपुर आरईसीएल से विस्फोटक सागर के लिए मंगाते थे। जो विस्फोटक को सागर भेजने की बजाय सीधे भीलवाड़ा ले जाते थे।तत्कालीन एसपी सागर ने पुलिस रिकॉर्ड में भारी मात्रा में विस्फोटक आने पर जांच के लिए अधिकारी को सागर की मैगजीन में भेजा, जहां बड़ी-बड़ी घास देखकर पता चला कि कई दिनों से मैगजीन का ताला ही नहीं खुला था। इस पर सागर के तत्कालीन एसपी ने विस्फोटक गायब होने की सूचना दी थी।
4 लोगों को सुनाई थी 8 साल की सजा
तत्कालीन समय में 164 ट्रक विस्फोटक गायब होने के बाद सागर जिला कोर्ट ने भीलवाड़ा के व्यवसायी शिवचरण हेड़ा, दीपा हेड़ा के साथ देवेंद्र ठाकुर और जय किशन आसवानी को विस्फोटक गायब करने का दोषी मानते हुए 8-8 साल के कारावास की सजा सुनाई थी। कोर्ट ने इन पर 1 लाख 3 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया था।
आसपुर में 15 टन में से 5 टन मिला विस्फोटक
धौलपुर फैक्ट्री प्रबंधन के अनुसार 23 मार्च को 15 टन विस्फोटक ट्रक में अजमेर के लिए रवाना किया गया था। जिसका रिकॉर्ड अजमेर मैगजीन के मालिक भीलवाड़ा निवासी राजेंद्र कुमार बाहेती के पास है। उन्होंने बताया कि जांच एजेंसियों से मिली जानकारी के मुताबिक आसपुर नदी में 5 टन विस्फोटक मिला है, जो धौलपुर की फैक्ट्री में बनाया गया था।
125 ग्राम की है एक रॉड
फैक्ट्री प्रबंधन ने बताया कि 23 मार्च को अजमेर के लिए रवाना किया गया विस्फोटक EA2753 बैच का है। इसमें प्रत्येक जिलेटिन की छड़ 125 ग्राम की है। उन्होंने बताया कि 1 किलो का विस्फोटक 1 टन मिट्टी खोदने के काम में लिया जाता है। उन्होंने बताया कि जो माल अजमेर भेजा गया था। उसे धौलपुर से ट्रक ड्राइवर भंवर लाल गुर्जर लेकर गया था, इसका रिकॉर्ड फैक्ट्री प्रबंधन के पास मौजूद है।
क्या है मामला
दरअसल, उदयपुर-अहमदाबाद रेलवे लाइन ट्रैक पर शनिवार रात सुपर पावर-90 डेटोनेटर से हुए ब्लास्ट ने पूरे राजस्थान को हिला दिया। पुलिस को रेलवे ट्रैक पर बारूद भी मिला। इस मामले में NSG, NIA, IB की टीमें उदयपुर में आतंकी और नक्सली हमले की आशंका को लेकर जांच कर रही है। इसके अलावा रेलवे पुलिस और उदयपुर पुलिस भी मामले की जांच में जुटी हुई है।
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