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राजस्थान : 18+ से अधिक आयु वर्ग के वैक्सीनेशन से जुड़ी बड़ी खबर, 11 जिला मुख्यालयों पर शनिवार से होगा टीकाकरण

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जयपुर: राजस्थान के 11 जिला मुख्यालयों पर कोरोना वायरस प्रतिरक्षण टीकाकरण का नया चरण शनिवार से शुरू होगा जिसमें 18 से 44 साल आयुवर्ग के लोगों का टीकाकरण होगा. राज्य के चिकित्सा व स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि एक मई से राज्य 11 जिला मुख्यालयों पर 45 वर्ष से कम के आयु वर्ग के लोगों का टीकाकरण शुरू हो रहा है. शर्मा ने बताया कि टीका उत्पादक सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने राजस्थान को फिलहाल तीन लाख खुराक देने पर सहमति दी है, इसलिए इस आयु वर्ग के लिए टीकाकरण की शुरुआत उन 11 जिला मुख्यालयों से की जा रही है जो कोविड-19 से सबसे अधिक प्रभावित हैं.
11 जिला मुख्यालयों पर शनिवार से होगा टीकाकरण:
उन्होंने बताया कि जिन 11 जिला मुख्यालयों में 45 वर्ष से कम आयुवर्ग के व्यक्तियों का टीकाकरण होना है उनमें जयपुर, जोधपुर, अजमेर, बीकानेर, उदयपुर, अलवर, धौलपुर, भीलवाड़ा, कोटा, सीकर और पाली शामिल हैं. डॉ.शर्मा ने बताया कि दवा कंपनी से आने वाले दिनों में जब अधिक खुराक मिलेगी तब सभी जगह टीकाकरण शुरू किया जाएगा.
राज्य में 18-44 वर्ष आयुवर्ग के करीब 3.25 करोड़ लोग:
चिकित्सा मंत्री ने कहा कि राज्य में 18-44 वर्ष आयुवर्ग के करीब 3.25 करोड़ लोग हैं, इसलिए राज्य को टीके की सात करोड़ खुराक की आवश्यकता है. उन्होंने बताया कि राज्य में रोजाना सात लाख खुराक देने के लिए तंत्र विकसित किया जा चुका है, जिसे और भी बढ़ाया जा सकता है. मंत्री ने बताया कि विभाग ने टीके की पांच लाख 80 हजार खुराक एक दिन में लगाई थी. उन्होंने कहा कि 45 से अधिक उम्र के लोग करीब दो करोड़ नौ लाख हैं जिनमें से कई लोगों को दूसरी खुराक देनी बाकी है.
एक मई से चाहिए 15 हजार रेमडेसिविर इंजेक्शन प्रतिदिन:
डॉ.शर्मा ने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमितों की तेजी से बढ़ती संख्या के कारण राज्य को एक मई से 15 हजार रेमडेसिविर इंजेक्शन प्रतिदिन चाहिए जबकि केन्द्र सरकार की ओर से जो आवंटन किया जा रहा है वह बेहद कम है. उन्होंने कहा अप्रैल माह में राजस्थान को 67 हजार रेमडेसिविर इंजेक्शन का आवंटन किया गया था लेकिन प्रदेश को केवल 40 हजार इंजेक्शन की उपलब्ध हो सके. उन्होंने कहा कि राज्य में अस्पतालों या कोविड केयर सेंटर में पर्याप्त संख्या में बिस्तर उपलब्ध हैं लेकिन ऑक्सीजन और रेमडेसिविर का आवंटन केन्द्र सरकार के हाथ में होने के कारण चुनौती का सामना करना पड़ रहा है.

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