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रूस के न्यूक्लियर ठिकानों के नजदीक पहुंचे थे वैगनर लड़ाके:यूक्रेन के इंटेलिजेंस चीफ का दावा- खुद को ताकतवर बनाना चाहती थी प्राइवेट मिलिट्री

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रूस के न्यूक्लियर ठिकानों के नजदीक पहुंचे थे वैगनर लड़ाके:यूक्रेन के इंटेलिजेंस चीफ का दावा- खुद को ताकतवर बनाना चाहती थी प्राइवेट मिलिट्री

तस्वीर में वैगनर चीफ येवगेनी प्रिगोजिन (बीच में) अपनी सेना के लड़ाकों के साथ नजर आ रहे हैं। (फोटो क्रेडिट- न्यूयॉर्क टाइम्स) - Dainik Bhaskar

तस्वीर में वैगनर चीफ येवगेनी प्रिगोजिन (बीच में) अपनी सेना के लड़ाकों के साथ नजर आ रहे हैं। (फोटो क्रेडिट- न्यूयॉर्क टाइम्स)

रूस की प्राइवेट मिलिट्री के नाराज लड़ाके 24 जून को हुए विद्रोह के दौरान देश के परमाणु ठिकानों के नजदीक पहुंच गए थे। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक लोकल लोगों ने इसकी पुष्टि करते हुए कई विडियोज पोस्ट किए हैं।

इनमें येवगेनी प्रिगोजिन के लड़ाके रूस के किलेबंद आर्मी बेस की तरफ बढ़ते दिख रहे हैं, जिसमें परमाणु हथियार रखे हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक वोरोनजेह-45 नाम के आर्मी बेस में रूस ने सोवियत यूनियन के दौर के छोटे परमाणु हथियार रखे हुए हैं। इन्हें कोई बैग में रखकर भी ले जा सकता है।

तस्वीर 24 जून की है, जब वैगनर के लड़ाकों ने रूस के रोस्तोव शहर पर कब्जा कर लिया था।

तस्वीर 24 जून की है, जब वैगनर के लड़ाकों ने रूस के रोस्तोव शहर पर कब्जा कर लिया था।

यूक्रेन का दावा- परमाणु हथियार हासिल करना चाहते थे लड़ाके
यूक्रेन के इंटेलिजेंस चीफ किर्लो बुदनोव ने रॉयटर्स को एक इंटरव्यू दिया। इसमें बुदनोव ने यह तक दावा किया है कि वैगनर के लड़ाके न्यूक्लियर बेस तक पहुंच गए थे। वो विद्रोह में खुद को मजबूत करने के लिए ये हथियार हासिल करना चाहते थे।

हाालांकि, बुदनोव ने अपने दावों के पीछे कोई सबूत पेश नहीं किया। वो पहले अधिकारी हैं जिन्होंने कोई ऐसा दावा किया है। इससे पहले यूक्रेन के समर्थन वाले एतेश ग्रुप ने भी ये जानकारी दी थी। रॉयटर्स को रूस से भी इस दावे की पुष्टि करती हुई जानकारी मिली है। न्यूज एजेंसी से सूत्रों के हवाले से कहा है कि वैगनर के लड़ाके रूस के स्पेशल इंटरेस्ट जोन में घुस गए थे। इससे अमेरिका में भी सतर्क हो गया था।

रॉयटर्स ने कहा है कि उन्होंने लड़ाकों की मूवमेंट्स को ट्रैक किया। इसमें कुछ लड़ाके राजधानी मॉस्को जाने की बजाए वोरोनजेह-45 की ओर कूच करते दिखाई दिए हैं। हालांकि, एजेंसी ने कहा है कि वो लड़ाकों की मूवमेंट को तब तक ही ट्रैक कर पाई जब तक वो न्यूक्लियर हथियारों वाले आर्मी बेस से 70 मील की दूरी पर थे।

तस्वीर यूक्रेन के इंटेलिजेंस चीफ किर्लो बुदनोव की है।

तस्वीर यूक्रेन के इंटेलिजेंस चीफ किर्लो बुदनोव की है।

शीत युद्ध में अमेरिका-रूस ने बनाए थे ‘सूटकेस न्यूक्स’
बिजनेस इनसाइडर की रिपोर्ट के मुताबिक रूस और अमेरिका ने शीत युद्ध के दौरान छोटे परमाणु हथियार बनाए थे। जिन्हें एक जगह से दूसरी जगह ले जाना काफी आसान होता है। इन्हें ‘सूटकेस न्यूक्स’ कहा जाता है। हालांकि, इन हथियारों के सालों बाद भी एक्टिव होने पर कुछ कहा नहीं जा सकता है। रूस कि डिफेंस मिनिस्ट्री ने इस पर कोई भी कमेंट करने से इनकार कर दिया।

रूस ने कभी नहीं कहा है कि वोरोनजेह-45 में परमाणु हथियार हैं। हालांकि, मामले से जुड़े कई विशेषज्ञों का कहना है कि ये बेस उन 12 स्टोरेज साइट्स में से एक है, जिसमें रूस ने परमाणु हथियार रखे हैं।

तस्वीर सूटकेस न्यूक्स का मॉडल दिखाते अमेरिकी अधिकारी की है।

तस्वीर सूटकेस न्यूक्स का मॉडल दिखाते अमेरिकी अधिकारी की है।

23 जून को वैगनर ने किया था विद्रोह
23 जून को वैगनर ग्रुप ने रूस के खिलाफ विद्रोह की घोषणा की थी। वैगनर आर्मी यूक्रेन के कैंप छोड़कर रूसी सीमा में दाखिल हो गई थी। उसने रोस्तोव शहर और मिलिट्री हेडक्वार्टर पर कब्जा कर लिया था।

प्रिगोजिन ने तब कहा था- हम मरने से नहीं डरते। उन्होंने दावा किया था वैगनर लड़ाकों ने रूसी सेना के कई हेलिकॉप्टर्स को मार गिराया था। RT के मुताबिक, प्रिगोजिन ने रूस के रक्षा मंत्री को रोस्तोव आकर उनसे मिलने के लिए कहा था।

हालांकि, इसके 24 घंटे के अंदर ही प्रिगोजिन ने मॉस्को की ओर अपना कूच रोक दिया था। पुतिन और प्रिगोजिन के बीच बेलारूस के राष्ट्रपति लुकाशेंको ने समझौता करवाया था।

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