WORLD NEWS

विदेश मंत्री जयशंकर से मिले पुतिन:PM मोदी को रूस आने का न्योता दिया, कहा- उनसे यूक्रेन जंग के समाधान पर चर्चा करूंगा

TIN NETWORK
TIN NETWORK
FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare

विदेश मंत्री जयशंकर से मिले पुतिन:PM मोदी को रूस आने का न्योता दिया, कहा- उनसे यूक्रेन जंग के समाधान पर चर्चा करूंगा

रूस में राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन से मुलाकात करते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर। - Dainik Bhaskar

रूस में राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन से मुलाकात करते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर।

रूस के दौरे पर गए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन से मुलाकात की। इस दौरान दोनों नेताओं ने यूक्रेन जंग समेत अलग-अलग मुद्दों पर चर्चा की। राष्ट्रपति पुतिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अगले साल रूस आने का न्योता दिया है।

पुतिन ने जयशंकर से कहा- हमें अपने दोस्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को रूस में देखकर अच्छा लगेगा। उन्होंने कहा कि दुनिया में काफी उथल-पुथल चल रही है इसके बावजूद रूस और भारत के रिश्ते मजबूत हो रहे हैं। भारत के लोग तेजी से विकास कर रहे हैं।

पुतिन ने कहा कि उन्होंने यूक्रेन जंग की स्थिति को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कई बार जानकारी दी है। उन्होंने कहा- मैं जानता हूं कि मोदी इस संकट का शांतिपूर्ण समाधान चाहते हैं। मैं उनके साथ मिलकर इस मुद्दे पर चर्चा करना चाहता हूं। पुतिन ने विदेश मंत्री से कहा- अगले साल आम चुनाव के चलते भारत का कैलेंडर का व्यस्त लग रहा है। हालांकि, कोई भी जीते रूस और भारत के रिश्ते स्थिर रहेंगे।

तस्वीर में रूसी राष्ट्रपति पुतिन कुछ दूसरे मंत्रियों के साथ भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ बैठक करते नजर आ रहे हैं।

तस्वीर में रूसी राष्ट्रपति पुतिन कुछ दूसरे मंत्रियों के साथ भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ बैठक करते नजर आ रहे हैं।

पुतिन बोले- भारत से बेहतर हो रहे रिश्ते
जयशंकर रूस में भारत के राजदूत भी रह चुके हैं। बुधवार को राष्ट्रपति पुतिन के साथ बैठक के दौरान दोनों नेताओं के बीच अंतरराष्ट्रीय मुद्दों, भारत-रूस संबंध, कारोबार और यूक्रेन के मुद्दे पर भारत के रुख की चर्चा हुई।

रूस ने इस बात पर जोर दिया कि दोनों देशों के बीच कारोबार केवल तेल, कोयला और ऊर्जा से संबंधित उत्पादों तक ही सीमित नहीं है बल्कि हाइटेक मामलों में भी संबंध आगे बढ़ रहे हैं। पुतिन ने कहा- हमें ये बताते हुए खुशी हो रही है कि मौजूदा समय में दुनिया में चल रही अशांति के बीच एशिया में हमारे दोस्त भारत और वहां के लोगों के साथ संबंध बेहतर हो रहे हैं।

तस्वीर में विदेश मंत्री जयशंकर रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ नजर आ रहे हैं।

तस्वीर में विदेश मंत्री जयशंकर रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ नजर आ रहे हैं।

UNSC में भारत की परमानेंट सीट के लिए रूस का समर्थन
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से मुलाकात की। दोनों के बीच द्विपक्षीय बैठक हुई। इस दौरान लावरोव ने संयुक्त राष्ट्र संघ के सुरक्षा परिषद में भारत की परमानेंट सीट होने का समर्थन किया। उन्होंने कहा- भारत ने G20 की अध्यक्षता कर अपने विदेश नीति की ताकत को साबित कर दिया।

इससे पहले जयशंकर ने मंगलवार को मॉस्को में भारतीय समुदाय के लोगों से मुलाकात की थी। जयशंकर ने कहा था- पिछले 70-80 दशकों में रूस और भारत में कई तरह के बदलाव हुए। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर राजनीति भी बदली, लेकिन दोनों देशों के बीच का कनेक्शन स्थिर रहा।

भारतीय समुदाय से विदेश मंत्री ने कहा- मेरे लिए जो बात दोनों देशों के संबंध को खास बनाती है वो यह है कि 1950 के दशक के बाद, पिछले 70-80 सालों में दुनिया में कई बड़े बदलाव आए। सोवियत संघ रूस में बदल गया। भारत ने भी अलग-अलग क्षेत्रों में विकास किया। इस बीच अंतरराष्ट्रीय राजनीति में सिर्फ भारत-रूस के रिश्ते ही ऐसे हैं, जिसमें कोई बदलाव नहीं आया।

इस साल यह 7वीं बार है जब भारत-रूस के विदेश मंत्रियों के बीच मुलाकात हुई है। इससे पहले G20 समिट के वक्त भी दोनों नेता मिले थे। तब रूस के राष्ट्रपति की जगह विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव शिखर सम्मेलन में शामिल हुए थे।

रूस के दौरे पर खुद क्यों नहीं गए PM मोदी?
ये दूसरी बार है, जब भारत-रूस के बीच एनुअल समिट में PM नरेंद्र मोदी शामिल नहीं हुए। दरअसल, दोनों देशों के बीच हर साल वार्षिक सम्मेलन होता है। इस दौरान एक देश के लीडर दूसरे देश का दौरा करते हैं। समिट का वेन्यू एक बार भारत और एक बार रूस होता है।

रूस-भारत में अब तक 21 एनुअल समिट हो चुकी हैं। आखिरी समिट 2021 में हुई थी, जब पुतिन भारत के दौरे पर आए थे। 2022 में यूक्रेन जंग शुरू होने के बाद PM मोदी रूस के दौरे पर नहीं गए। इसके बाद इस साल सितंबर में रूसी राष्ट्रपति पुतिन भी G20 के लिए भारत नहीं आए थे।

‌BBC की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका के प्रतिबंधों को झेल रहे रूस का दौरा न करके PM मोदी पश्चिम को संकेत दे रहे हैं, जबकि जयशंकर का दौरा रूस के लिए संकेत है कि दिल्ली ने अपने पुराने रणनीतिक पार्टनर को छोड़ा नहीं है।

पिछले साल ब्लूमबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि यूक्रेन युद्ध में परमाणु हथियार इस्तेमाल करने की व्लादिमिर पुतिन की धमकियों के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस में होने वाला सम्मलेन कैंसिल कर दिया था।

FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare

About the author

THE INTERNAL NEWS

Add Comment

Click here to post a comment

error: Content is protected !!