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शाह रशीद अहमद कादरी द्वारा कर्नाटक में बीदरी कला का पुनर्जीवन: हिंदुस्तान में धार्मिक समन्वय की मिसाल

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REPORT BY DR MUDITA POPLI

5 अप्रैल को पद्म पुरस्कार राष्ट्रपति माननीय द्रौपदी मुर्मू द्वारा राष्ट्रपति भवन में वितरित किए गए। इनमें राजनीति, संगीत, साहित्य, सामाजिक सेवाओं, महिलाओं के क्षेत्र में सेवाओं आदि के लिए कुल 106 पुरस्कारों (6 पद्म विभूषण, 9 पद्म भूषण और 91 पद्म श्री की घोषणा की गई, जिनमें 19 महिलाएं भी शामिल थे। इस संबंध में, शाह राशीद अहमद कादरी को कर्नाटक के ऐतिहासिक शहर बीदर से बीदर के प्रसिद्ध ऐतिहासिक शिल्प कौशल में उनके काम और उनकी सेवा के लिए पद्म श्री पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया था। 5 अप्रैल को राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा उन्हें पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह बीदर जिला से पहले पद्मश्री पुरस्कार विजेता हैं। इससे पहले किसी भी क्षेत्र में बीदर के लोगों को पद्म श्री पुरस्कार नहीं दिया गया। बौदरी उद्योग पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। यह हुनर बीदर के अलावा और कहीं नहीं मिलता। गुलबर्गा और हैदराबाद जैसे शहर भी बीदर उद्योग से वंचित है।
इस बार पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित कर्नाटक के बीदर के प्रमुख कलाकार और गुरु शाह रशीद अहमद कादरी ने पुरस्कार प्राप्त करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया। प्रधानमंत्री से मुलाकात के दौरान रशीद अहमद कादरी ने कहा कि मैंने कांग्रेस के दौर में इस अवॉर्ड को पाने के लिए सालों कोशिश की, लेकिन मुझे यह अवार्ड नहीं मिल सका। जब भारतीय जनता पार्टी केंद्र में सत्ता में आई तो मैंने सोचा कि अब मुझे पद्म पुरस्कार नहीं मिलेगा, क्योंकि यह हमारे अवचेतन मन में है कि भाजपा मुसलमानों को कभी कुछ नहीं देती, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने मुझे इस पुरस्कार के लिए चुना और मेरे डर को गलत साबित कर दिया। रशीद कादरी की बातें सुनकर प्रधानमंत्री हंस पड़े और अपने अंदाज में उनका शुक्रिया अदा किया। भारत गणराज्य की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस वर्ष गणतंत्र दिवस के अवसर पर 106 पद्म पुरस्कार प्रदान करने की स्वीकृति दी थी 5 अप्रैल को 53 व्यक्तियों को इन सर्वोच्च सम्मानों से सम्मानित किया गया, जिनमें तीन पद्म विभूषण, पांच पद्म भूषण और 45 पद्मश्री शामिल हैं। अन्य गणमान्य व्यक्तियों को कुछ दिन पहले पद्म पुरस्कार दिए गए। कर्नाटक के कलाकार शाह रशीद अहमद कादरी को 5 अप्रैल को पद्म श्री से सम्मानित किया गया था। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से सम्मान प्राप्त करने के बाद शाह रशीद अहमद कादरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की। उन्होंने प्रधानमंत्री से कहा कि उन्हें लगता था कि बीजेपी सरकार से उन्हें यह सम्मान कभी नहीं मिलेगा, लेकिन प्रधानमंत्री ने उन्हें गलत साबित कर दिया। राष्ट्रपति भवन आयोजित पद्म पुरस्कार वितरण समारोह के बाद शाह रशहद अहमद कादरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से बातचीत की। जब प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें इस सम्मान के लिए बधाई दी तो उन्होंने प्रधानमंत्री से कहा कि यूपीए सरकार के समय मुझे पदमश्री पुरस्कार मिलने की उम्मीद थी. लेकिन नहीं मिला। जब आपकी सरकार आई तो मैंने सोचा था कि भाजपा सरकार मुझे यह सम्मान कभी नहीं देगी, लेकिन आपने मुझे गलत साबित कर दिया. मैं आपका आभारी हूँ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शाह रशीद अहमद कादरी की कृतज्ञता की अभिव्यक्ति को स्वीकार किया। शाह कादरी ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इसका वीडियो भी पोस्ट किया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के शासन में मुझे यह (पदमश्री) नहीं मिला। मैंने सोचा था कि भाजपा सरकार मुझे यह पुरस्कार नहीं देगी, लेकिन आपने मेरा खयाल रखा और मुझे गलत साबित कर दिया।”
गौरतलब है कि शाह रशीद अहमद कादरी को कर्नाटक का शिल्प गुरु भी कहा जाता है। ये पांच साल पुरानी बीदर कला को जीवित रखे हुए हैं। उन्होंने पूरी दुनिया में अपना टैलेंट दिखाया है। दरअसल बीदर एक लोक कला है। बीदर के 67 वर्षीय बीदरी शिल्पकार शाह रशीद अहमद कादरी ने 2011 में गणतंत्र दिवस परेड में कर्नाटक झांकी पर अपने औजारों के साथ काम करते हुए लोकप्रियता हासिल करना शुरू किया। उन्होंने अपने पिता शाह मुस्तफा कादरी से सीखी कला का अभ्यास करते हुए लगभग पांच दशक बिताए हैं, जो एक मास्टर शिल्पकार थे, जिन्हें हैदराबाद के निज़ाम द्वारा सम्मानित किया गया था। कादरी सीमित साधनों वाला परिवार था। रशीद के पिता नहीं चाहते थे कि वह बीदरी का कारीगर बने क्योंकि उन्हें लगता था कि वह ज्यादा नहीं कमा पाएगा। उन्होंने रशीद को एक अंग्रेजी टाइपराइटिंग कोर्स में दाखिला दिलाया। हालांकि, उन्होंने अपने पिता की मदद करना शुरू कर दिया, जो वृद्धावस्था के कारण अपनी दृष्टि खो रहे थे। वह शिल्पगुरु पुरस्कार, राज्योत्सव पुरस्कार और शिल्प कौशल के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार के विजेता है। उन्हें सूरजकुंड मेला, दिल्ली हाट और भारत में अन्य प्रदर्शनियों में नियमित रूप से आमंत्रित किया गया है। उन्होंने बेंगलुरु में कावेरी हस्तशिल्प संग्रहालय के लिए खरीदार के रूप में और केंद्र और राज्य सरकारों के विभिन्न कारीगर प्रशिक्षण कार्यक्रमों के लिए मास्टर ट्रेनी के रूप में भी काम किया है। उनके हस्तशिला की प्रदर्शनी अमेरिका, यूरोप, पश्चिम एशिया और सिंगापुर में लगाई जा चुकी है। उन्होंने बीदरी कला में लोकप्रियता हासिल की 2000 में गोल्ड कर्नाटक स्टेट फेस्टिवल अवार्ड, 2004 में ग्रेट इंडियन अचीवर्स अवार्ड 2012 में ज्यूपिटर अवार्ड, 2015 में नेशनल अवार्ड प्राप्त किया। उन्होंने कहा कि उन्हें इस सम्मान की उम्मीद नहीं थी। मुझे आज अपने पिता की याद आ रही है। मुझे यकीन है कि अगर वे जिंदा होते तो मुझसे ज्यादा खुश होते।
शाह रशीद अहमद को पद्मश्री पुरस्कार मिलने से उनके शहर बीदर में ही नहीं बल्कि पूरे राज्य में खुशी की लहर दौड़ा गई। बीदरी उद्योग एक प्राचीन उद्योग है और अब तक इस उद्योग को इतने उच्च स्तर पर कभी मान्यता नहीं मिली थी। पद्मश्री के लिए चुने जाने की खबर फैलते ही उनके घर बधाई देने वालों का तांता लग गया। सामाजिक और राजनीतिक नेताओं ने उन्हें बधाई दी और उनके स्वागत के लिए रैली की यह सम्मान बीदर जिले के निवासियों और विशेष रूप से बीदर उद्योग से जुड़े कारीगरों और कलाकारों लिए किसी अनमोल उपहार से कम नहीं है। सामाजिक-राजनीतिक नेता ही नहीं बल्कि आम लोगों में भी खुशी की लहर है और लोग अपने-अपने तरीके से शाह रशीद कादरी का स्वागत कर रहे हैं और उनकी किस्मत पर एक कर रहे हैं।
पशुपालन मंत्री प्रभु चौहान ने शाह रशीद अहमद कादरी से उनके घर जाकर मुलाकात की और देश के सबसे महत्वपूर्ण सम्मान पद्मश्री से सम्मानित होने पर उन्हें शाल पहनाकर और माल्यार्पण कर बधाई दी। श्री कादरी को बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि यह बहुत खुशी की बात है कि शाह रशीद अहमद कादरी को बीदरी कला और इसके संरक्षण और संवर्धन के लिए उनकी सेवाओं की मान्यता में पद्मश्री पुरस्कार के लिए चुना गया है, जो एक अद्वितीय है। उन्होंने कहा कि यह जिले के लिए ही नहीं प्रदेश के लिए भी गर्व की बात है। बीदर जिला बीदरी कला के लिए प्रसिद्ध है। जिले में इस कला को बचाने के लिए शाह रशीद अहमद कादरी की सेवाएं सराहनीय है। सरकार ने पद्मश्री पुरस्कार के लिए उपयुक्त व्यक्ति पर विचार किया। उन्होंने कहा कि जिले को दिया जाने वाला यह पुरस्कार बीदरी कला को बचाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे कई कारीगरों और कलाकारों को प्रोत्साहित करेगा। यह बहुत खुशी की बात है कि बीदर जिले के लोगों को देश के सर्वोच्च पुरस्कार के लिए चुना गया है। शाह कादरी की सेवाएं इसी तरह जारी रहें। मंत्री प्रभु चौहान ने जीवन में और अधिक सम्मान मिलने की शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर अरहत साबले एमडी सलाहुद्दीन रामशेट्टी पिनाले, शरणपा पंचाक्षरी, प्रकाश पोले और अन्य नेता भी उपस्थित थे। सभी ने अपने-अपने तरीके से श्री कादरी को बधाई दी और बीदरी उद्योग के विकास के लिए उनके जुनून और समर्पण की जमकर सराहना की। शाह रशीद अहमद कादरी ने बीदर उद्योग को एक नया जीवन दिया और पुरस्कार प्राप्त करने के बाद निश्चित रूप से इस उद्योग को और बढ़ावा मिलेगा।

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