बीकानेर। हर व्यक्ति को समय-समय पर अपने कार्यक्षेत्र में अनेक कठिन लक्ष्यों का सामना करना पड़ता है एवं जो व्यक्ति संपूर्ण इच्छा शक्ति से कार्य करता है वही उस लक्ष्य को भेदने में सफल होता है, उक्त विचार डॉ बी पी मिश्रा, निदेशक, राष्ट्रीय पशु आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो, करनाल, हरियाणा ने राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र, बीकानेर पर आज दो दिवसीय संरक्षण प्रशिक्षण कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए व्यक्त किए । उन्होंने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि उनके कार्य क्षेत्र के कुछ महत्वपूर्ण कार्य उन्होंने लदाख से शुरू किए एवं कुछ कोरोना के समय ऑनलाइन कार्यक्रमों के माध्यम से शुरू किए लेकिन हमारी इच्छा शक्ति से हमने उनमें सम्पूर्ण सफलता प्राप्त की । कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए केंद्र के प्रभागाध्यक्ष डॉ एस सी मेहता ने कहा की देश में घोड़ों, गधों एवं ऊँटों की संख्या में तेजी से कमी आ रही है एवं गधों के बारे में तो कोई बात भी नहीं करना चाहता है । देश में जहाँ पिछले 6-7 वर्षों में 45 प्रतिशत घोड़े कम हुए हैं वहीं 60 प्रतिशत गधे कम हुए हैं । उन्होंने बताया की गधों की कुछ नस्लें तो समाप्ति के कगार पर है । देश में हलारी गधे मात्र 439 हैं । ऐसी स्थिति में इनका संरक्षण बहुत ही आवश्यक हो गया है । आज अश्व अनुसंधान केंद्र के पास इस नस्ल के 43 पशु है जो कि कुल संख्या का लगभग 10 प्रतिशत है । उन्होंने इस संदर्भ में राष्ट्रीय स्तर से ब्यूरो द्वारा दी गई परियोजना के लिए ब्यूरो के निदेशक महोदय को धन्यवाद दिया और कहा कि दोनों संस्थाएं मिल कर एवं प्रशिक्षण के माध्यम से इसके किसानों को उन्नत करने के संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे । इस प्रशिक्षण कार्य क्रम में भाग लेने के लिए गुजरात से विशेष रूप से किसान बीकानेर आए । प्रशिक्षण में राजस्थान के अश्व पालक भी भाग ले रहे हैं । इस अवसर पर इंजीनियरिंग महाविद्यालय के प्रोफ़ेसर हरजीत सिंह ने कहा की हम अश्व अनुसंधान केंद्र के साथ मिल कर फार्म ऑटोमेशन की दिशा में कदम बढ़ाने जा रहे । उन्होंने उम्मीद की कि हम इस क्षेत्र में शीघ्र ही हम कुछ नया अपने देश को दे पाएंगे । इस अवसर पर विशिष्ठ अतिथि डॉ नरेश गोयल ने कहा कि इस तरह के व्यक्ति को कभी रिटायर नहीं करना चाहिए एवं इनके अनुभवों का अधिक से अधिक फायदा देश को मिलना चाहिए । उन्होंने डॉ मिश्रा के उज्जवल भविष्य की कामना की । कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि श्री राजेन्द्र जोशी ने बीकानेर में शिक्षा एवं साहित्य के विकास के बारे में अपने विचार रखे। प्रशिक्षण कार्यक्रम डॉ रमेश देदड एवं डॉ टी राव के निर्देशन में चल रहा है एवं इसका संयोजन डॉ कुट्टी एवं डॉ जितेन्द्र सिंह कर रहे हैं । कार्यक्रम का सञ्चालन डॉ सुहैब ने किया एवं कार्यक्रम में एडवोकेट महेंद्र जैन, पूरण चन्द राखेचा, कल्याण राम, डॉ पूजा मोहता, सुरेश गुप्ता, करना यादव एवं भुजिया पापड़ संघ के अध्यक्ष एवं केंद्र के अधिकारीयों एवं कर्मचारियों ने भाग लिया
संपूर्ण इच्छा शक्ति से ही लक्ष्य प्राप्त करना संभव : डॉ मिश्रा
January 3, 2025
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