NATIONAL NEWS

स्मृति ईरानी बोलीं-महिलाओं को मेंस्ट्रुअल लीव की जरूरत नहीं:ये हमारी जिंदगी का हिस्सा, कमजोरी नहीं; इस लीव से फीमेल इम्पलॉयीज के साथ भेदभाव बढ़ेगा

TIN NETWORK
TIN NETWORK
FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare

स्मृति ईरानी बोलीं-महिलाओं को मेंस्ट्रुअल लीव की जरूरत नहीं:ये हमारी जिंदगी का हिस्सा, कमजोरी नहीं; इस लीव से फीमेल इम्पलॉयीज के साथ भेदभाव बढ़ेगा

नई दिल्ली

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने संसद में कहा कि महिलाओं के पीरियड को दिव्यांगता की तरह नहीं देखा जाना चाहिए। - Dainik Bhaskar

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने संसद में कहा कि महिलाओं के पीरियड को दिव्यांगता की तरह नहीं देखा जाना चाहिए।

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कामकाजी महिलाओं को पेड मेंस्ट्रुअल लीव (सवेतन मासिक धर्म अवकाश) दिए जाने पर असहमति जताई है। उन्होंने कहा कि मेंस्ट्रुएशन महिलाओं के जीवन का नेचुरल पार्ट है। इसे दिव्यांगता यानी किसी तरह की कमजोरी की तरह नहीं देखा जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि महिला के तौर पर मैं जानती हूं कि पीरियड्स और मेंस्ट्रुएशन साइकिल परेशानी की बात नहीं हैं। पीरियड्स के दौरान ऑफिस से लीव मिलना महिलाओं से भेदभाव का कारण बन सकता है। कई लोग जो खुद मेंस्ट्रुएट नहीं करते हैं, लेकिन इसे लेकर अलग सोच रखते हैं। हमें उनकी सोच को आधार बनाकर ऐसे मुद्दों को नहीं उठाना चाहिए जिससे महिलाओं को समान अवसर मिलने कम हो जाएं।

स्मृति ईरानी ने संसद में बुधवार को महिलाओं को पीरियड्स के दौरान पेड लीव (छुट्टी) दिए से जुड़े राष्ट्रीय जनता दल सांसद मनोज कुमार के सवाल पर जवाब दिया।

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि पीरियड के दौरान वर्किंग प्लेस से लीव मिलना महिलाओं से भेदभाव का कारण हो सकता है।

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि पीरियड के दौरान वर्किंग प्लेस से लीव मिलना महिलाओं से भेदभाव का कारण हो सकता है।

पीरियड हाइजीन के लिए मसौदा तैयार, फैलाई जाएगी जागरूकता
स्मृति ईरानी ने पीरियड हाइजीन को महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की तरफ से राष्ट्रीय स्तर पर तैयार किए गए एक ड्राफ्ट का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि स्टेक होल्डर्स के सपोर्ट से यह नीति तैयार की गई है, जिसका उद्देश्य पीरियड्स और हाइजीन को लेकर जागरूकता फैलाना है।

उन्होंने मौजूदा MHM (मासिक धर्म स्वच्छता प्रबंधन) को बढ़ावा देने वाली योजना की बात की, जो 10 से 19 साल की लड़कियों के लिए है। इस योजना के जरिए में पीरियड से जुड़ी अवेयरनेस फैलना उद्देश्य है।

स्पेन ने महिलाओं-लड़कियों को मिलती है पेड पीरियड लीव
स्पेन में पेड पीरियड लीव को लेकर काफी विवाद रहा। इसके बाद स्पेन में तय किया गया कि पीरियड में होने वाली परेशानी के चलते महिलाओं, लड़कियों को लीव दी जाए। ऐसा फैसला करने वाला स्पेन यूरोप का पहला देश है।

8 दिसंबर को कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने पेड पीरियड लीव को लेकर सवाल किया था। इसका जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने यही कहा था कि वर्किंग प्लेस में पेड पीरियड लीव को अनिवार्य करने का सरकार के पास फिलहाल कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।

स्पेन, यूरोप का पहला देश है जो महिलाओं-लड़कियों को पेड पीरियड लीव देता है।

स्पेन, यूरोप का पहला देश है जो महिलाओं-लड़कियों को पेड पीरियड लीव देता है।

जापान और साउथ कोरिया में मिलती है पीरियड्स लीव, शर्म और स्टिग्मा की वजह से महिलाएं नहीं लेती छुट्टी
जापान और साउथ कोरिया में महिलाओं को पीरियड्स के लिए छुट्टी मिलती है। लेकिन वहां भी महिलाएं इस छुट्टी का इस्तेमाल नहीं करती हैं। जापान में 1947 में लेबर राइट्स कंसर्न के तहत पीरियड लीव पॉलिसी आई।

जापान की स्थानीय मीडिया रिपोर्ट बताती है कि साल 1965 में केवल 26% महिलाओं ने इस छुट्टी का इस्तेमाल किया। लेकिन वक्त के साथ ये आंकड़ा और कम हो गया। वहां की सरकार ने साल 2017 में एक सर्वे कराया, उसमें ये बात सामने आई कि सिर्फ 0.9% महिलाओं ने ही पीरियड लीव अप्लाय की थीं।

साउथ कोरिया में भी यही ट्रेंड देखने को मिल रहा है। 2013 के एक सर्वेक्षण में 23.6% दक्षिण कोरियाई महिलाओं ने इस छुट्टी का इस्तेमाल किया, जबकि 2017 में यह दर गिरकर 19.7% हो गई। दोनों ही देशों में महिलाएं पीरियड्स के दौरान मिलने वाली छुट्टी इसलिए नहीं लेतीं क्योंकि उन्हें पीरियड्स से जुड़ी संस्कृति और वर्क प्लेस पर भेदभाव का डर होता है।

साउथ कोरिया में पुरुषों के अधिकार के लिए काम करने वाले ग्रुप ‘मैन ऑफ कोरिया’ के प्रमुख सुंग जे-गी ने साल 2012 में ट्विटर पर इसे लेकर बेहद आपत्तिजनक पोस्ट किया। सुंग ने अपने ट्वीट में लिखा- ‘तुम (महिलाओं) को खुद पर शर्म आनी चाहिए। जब देश की जन्म दर दुनिया में सबसे कम है तो आप पीरियड्स को लेकर इतना हंगामा क्यों कर रही हैं?’

क्या पीरियड्स का दर्द सच में बहाना होता है?
पीरियड्स से संबंधित लक्षण हर लड़की और महिला में अलग होते हैं। कई सर्वे में 80 से 85% महिलाओं ने माना कि उन्हें पेनफुल पीरियड्स होते हैं। पीरियड्स सिर्फ दर्द तक सीमित नहीं होते। मदरहुड हॉस्पिटल की गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. इंदुजा बताती हैं कि पीरियड्स के पहले-दूसरे दिन महिलाएं या लड़कियां कई दिक्कतों का सामना करती हैं। ज्यादा दर्द, हैवी ब्लीडिंग, उल्टी, क्रैम्प, ब्रेस्ट टेंडरनेस, मूड स्विंग, हेडेक, माइग्रेन जैसे कई लक्षण महिलाओं में देखने को मिलते हैं।

डॉ. इंदुजा कहती हैं- ये कोई बहाना नहीं है। हमारे पास ऐसे मामले भी आते हैं, जिनमें महिलाओं को इतना तेज दर्द होता है कि उन्हें इंजेक्शन देना पड़ता है। सीवियर पेन का कारण एंडोमेट्रियोसिस फाइब्रॉयड होता है। वैसे, पहला दिन अधिकांश लड़कियों के लिए मुश्किल वक्त होता है। वहीं, बहुत सारी लड़कियां शुरुआत के दो दिन पेन किलर्स का सहारा लेती हैं। लंबे समय तक पेनकिलर्स खाना सेहत पर बुरा असर डालता है।

FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare

About the author

THE INTERNAL NEWS

Add Comment

Click here to post a comment

error: Content is protected !!