REPORT BY SAHIL PATHAN
*AS Dulat: कौन हैं राहुल की यात्रा में चलने वाले दुलत, पूर्व रॉ चीफ के कश्मीर कनेक्शन पर क्यों हमलावर है BJP?*
आईबी में उन्होंने 1990 के दशक के उथल-पुथल के दौरान कश्मीर इकाई का नेतृत्व किया। इसके बाद रॉ में शामिल होकर उन्होंने एजेंसी के प्रमुख के रूप में भूमिका निभाई। यहां उन्होंने RAW प्रमुख के रूप में 1999 से लेकर 2000 कार्य किया
राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में भारतीय खुफिया एजेंसी ‘रिसर्च एंड एनालिसिस विंग ‘ (RAW) के पूर्व प्रमुख अमरजीत सिंह (एएस) दुलत भी शामिल हुए। इसे लेकर भाजपा ने दुलत को निशाने पर लिया है। भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने ट्वीट कर कहा कि दुलत ने कश्मीर संकट को यादगार बनाने का काम किया था।
भारत जोड़ो यात्रा दिल्ली में नौ दिन के विराम के बाद मंगलवार को यूपी के लिए रवाना हुई। इसमें रॉ के पूर्व प्रमुख दुलत भी राहुल के साथ कदम मिलाते नजर आए थे। इसे लेकर भाजपा दुलत पर हमलावर हुई है। आखिर एएस दुलत कौन हैं? दुलत किन अहम पदों पर रहे? पहले क्या विवाद जुड़े? अभी क्यों चर्चा में आए दुलत? आइए जानते हैं…
*आखिर एएस दुलत कौन हैं?*
पूर्व रॉ प्रमुख अमरजीत सिंह दुलत का जन्म दिसंबर 1940 में पंजाब के सियालकोट में हुआ था। भारत के विभाजन के समय, उनके पिता, न्यायमूर्ति शमशेर सिंह दुलत, आईसीएस, दिल्ली में तैनात थे। दुलत की शिक्षा बिशप कॉटन स्कूल, शिमला और पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ में हुई। उच्च शिक्षा के बाद एएस दुलत 1965 में भारतीय पुलिस सेवा (IPS) और फिर 1969 में इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) में शामिल हुए, जहां उन्होंने लगभग तीस वर्षों तक सेवा की।
*दुलत किन अहम पदों पर रहे?*
आईबी में उन्होंने 1990 के दशक के उथल-पुथल के दौरान कश्मीर इकाई का नेतृत्व किया। इसके बाद रॉ में शामिल होकर उन्होंने एजेंसी के प्रमुख के रूप में भूमिका निभाई। यहां उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में RAW प्रमुख के रूप में 1999 से लेकर 2000 कार्य किया।
सेवानिवृत होने के बाद उन्होंने बाजपेयी कार्यकाल में ही पीएमओ में जनवरी 2000 से मई 2004 तक कार्य किया। यहां उनका काम कश्मीर में केंद्र सरकार की शांति पहल की ‘निगरानी, प्रबंधन और निर्देशन’ करना था।
*कब-कब विवादों में आए दुलत?*
कश्मीर मामलों के विशेषज्ञ माने जाने वाले दुलत पिछले साल अप्रैल में बॉलीवुड की फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ पर टिप्पणी कर चर्चा में आए थे। दुलत ने निर्देशक विवेक अग्निहोत्री की फिल्म को कोरा प्रचार (propaganda) बताया था।
मार्च 2019 में एएस दुलत ने पुलवामा हमले को आम चुनाव से पहले बीजेपी को तोहफा बताया था। इसके बाद उनकी तीखी आलोचना हुई थी। दरअसल, हैदराबाद में भारतीय आर्थिक व्यापार संगठन द्वारा आयोजित एशियाई अरब पुरस्कार 2019 के मौके पर दुलत ने कहा था, “यह आम चुनावों से पहले भाजपा के लिए एक तोहफा था और भारत के पास पाकिस्तान में आतंकवादी शिविरों पर सर्जिकल स्ट्राइक करने का अधिकार था।”
मई 2019 में एएस दुलत ने पूर्व पाकिस्तानी जासूस असद दुर्रानी के बचाव में बयान दिया था, जिसे उसकी लॉन्च की गई किताब के लिए पाकिस्तान से बाहर जाने से रोक दिया गया था। दुलत ने कहा था कि ऐसा कोई कारण नहीं है कि पूर्व विदेश सचिव रियाज मोहम्मद खान के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होने पर सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल असद दुर्रानी को अपनी राय रखने के लिए आलोचना का सामना करना पड़े।
एएस दुलत ने पूर्व पाकिस्तानी जासूस दुर्रानी के साथ “द स्पाई क्रॉनिकल्स: रॉ, आईएसआई एंड द इल्यूजन ऑफ पीस” नामक पुस्तक लिखी थी जिसके कारण भी वह विवादों में घिर गए थे।
*अभी क्यों चर्चा में आए दुलत?*
मंगलवार को भारत जोड़ो यात्रा यूपी के लिए रवाना हुई जिसमें रॉ के पूर्व प्रमुख दुलत भी राहुल के साथ कदम मिलाते नजर आए थे। वे अपने संस्मरण ‘ए लाइफ इन द शैडोज’ (A Life in the Shadows) के विमोचन के बाद राहुल गांधी के राष्ट्रव्यापी मार्च में शामिल हुए। इसे लेकर भाजपा दुलत पर हमलावर हुई। भाजपा नेता अमित मालवीय ने ट्वीट कर आरोप लगाया कि पूर्व स्पाईमास्टर दुलत अपने काम के प्रति कभी प्रतिबद्ध नहीं थे। वे अलगाववादियों और पाकिस्तान से प्रभावित थे। मालवीय ने तंज कसते हुए कहा कि रॉ के पूर्व प्रमुख दुलत की कश्मीर संकट में यादगार भूमिका है। मालवीय ने यह भी कहा कि रॉ के विवादास्पद पूर्व प्रमुख एएस दुलत राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में शामिल हुए। किसी ने भी दुलत पर अपनी नौकरी या उस देश के प्रति प्रतिबद्ध होने का आरोप नहीं लगाया, जिसकी वह सेवा करने के लिए नियुक्त किए गए थे। अलगाववादियों और पाकिस्तान के समर्थन और कश्मीर बवाल में उनकी अहम भूमिका है।
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