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1 दिन पहले जन्मी बच्ची को पालना गृह में छोड़ा:बेल बजी तो टीम पहुंची, वजन 1.2KG; NICU में भर्ती किया

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1 दिन पहले जन्मी बच्ची को पालना गृह में छोड़ा:बेल बजी तो टीम पहुंची, वजन 1.2KG; NICU में भर्ती किया

अलवर

पालना में इस नवजात को छोड़ गए। - Dainik Bhaskar

पालना में इस नवजात को छोड़ गए।

पालना गृह में एक अज्ञात महिला 1 दिन पहले जन्मी नवजात को छोड़ गई। 2 मिनट बाद बेल बजी तो अस्पताल के लोग दौड़े और ठंड में ठिठुर रही बच्ची को अंदर ले आए। इसके बाद नवजात को NICU में शिफ्ट कर दिया गया है।

मामला अलवर के जानना अस्पताल का बुधवार दोपहर 12 बजे का है।

शिशु अस्पताल के प्रभारी डॉ महेश शर्मा ने बताया दोपहर 12 बजे पर पालना गृह में कोई अज्ञात महिला एक नवजात प्री मैच्योर नवजात को छोड़ गई। नवजात करीब एक दिन पहले जन्मी है। जिसे पालना गृह में कोई छोड़ा गया। नवजात के पालना गृह में आने के 2 मिनट बाद एक बेल बज गई। उसके बाद मौजूद स्टाफ ने बाहर आकर देखा तो पालना गृह में नवजात थी। जिसे तुरंत शिशु अस्पताल में ले जाया गया। वहां डॉक्टर ने देखा। वैसे नवजात ठीक है। लेकिन प्री मैच्योर है और वजन कम है। उसके अनुसार जांच की गई है।

ये है जनाना अस्पताल का पालना गृह। जिसके अंदर नवजात को रख गई थी अज्ञात महिला।

ये है जनाना अस्पताल का पालना गृह। जिसके अंदर नवजात को रख गई थी अज्ञात महिला।

डॉ महेश शर्मा ने बताया कि नवजात का 1 किलो 240 ग्राम वजन है। जो काफी कम है। अभी हमने नवजात की जांच कराई हैं। गुरुवार तक सब रिपोर्ट आ जाएंगी। उधर, सीडब्ल्यूसी की टीम भी नवजात को देखने पहुंची। आवश्यक कागजी कार्यवाही शुरू की। ताकि नवजात के ठीक होने पर उसे शिशु गृह ले जाया जा सके। असल में 10 दिन पहले ही इसी पालना गृह के जरिए एक नवजात मिली थी। जनाना अस्पताल की कंट्रोल रूम प्रभारी ने बताया कि पालना में नवजात मिली थी। जिसने बेबी किट भी पहनी थी। नीचे डाइपर लगा मिला। नवजात रो रही थी। उसे तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया। इसे NICU में शिफ्ट किया गया है।

शिशु अस्पताल में नवजात के पास खड़े हैं CWC के प्रभारी राजेश कुमार व डॉ महेश शर्मा ।

शिशु अस्पताल में नवजात के पास खड़े हैं CWC के प्रभारी राजेश कुमार व डॉ महेश शर्मा ।

अस्पताल के पालना गृह में छोड़ने की अपील

CWC के अधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि अनचाहे नवजात को कहीं नहीं फेंकें। जनाना अस्पताल के पालना गृह में रख जाएं। ताकि उनका जीवन बच सके। कई बार लापरवाही करते हुए अनचाहे बच्चे झाड़ियों में फेंक दिए जाते हैं। जिससे उनको बचाना मुश्किल हो जाता है। यहां आने पर बच्चे की जान बच जाती है। आगे जाकर उनका भविष्य भी संवर जाता है।

अब नवजात को शिशु अस्पताल के ICU में इलाज जारी है। नवजात केी पहचान के लिए फुट प्रिंट भी लिए जाते हैं। हाथ पर टैग भी लगता है।

अब नवजात को शिशु अस्पताल के ICU में इलाज जारी है। नवजात केी पहचान के लिए फुट प्रिंट भी लिए जाते हैं। हाथ पर टैग भी लगता है।

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