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10 घंटे बाद 2 संगठनों ने ली जिम्मेदारी मणिपुर हमले का जिम्मा लेने वाले संगठन पीएलए को चीन से हो रही फंडिंग

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REPORT BY SAHIL PATHAN
मणिपुर में शुक्रवार को सेना पर घात लगाकर हमला करने के 10 घंटे बाद दो उग्रवादी संगठनों (पीपुल्स’ लिबरेशन आर्मी और मणिपुर नागा पीपुल्स फ्रंट) ने इसकी जिम्मेदारी ली है। पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के तार पड़ोसी देश चीन से जुड़ रहे हैं।
पीपुल्स लिबरेशन आर्मी, मणिपुर को अलग राज्य बनाने का मंसूबा

कब बना? 25 सितंबर, 1978 को एन. बिशेश्वर सिंह के नेतृत्व में इस संगठन की स्थापना की गई।
लक्ष्य क्या? मणिपुर को भारत से अलग करने के लिए मैते, नागा व कुकी समूहों को एकजुट करना।
ट्रेनिंग कहां? म्यांमार में दो और बांग्लादेश में 5 शिविर मौजूद हैं। इनमें करीब 1,000 रंगरूटों ने अत्याधुनिक हथियारों का प्रशिक्षण प्राप्त किया है।
क्या कार्रवाई? सुरक्षा बलों ने थौबल के टेकचम में एक पीएलए शिविर पर छापा मारते हुए लगभग सभी शीर्ष नेतृत्व को मार दिया। 6 जुलाई, 1981 को बिशेश्वर को भी गिरफ्तार कर लिया गया था।
फिर कब सक्रिय ? पीएलए उग्रवादियों ने 8 अप्रैल, 1989 को इंफाल के पास एक आईपीएस अधिकारी वंदना मलिक को घात लगाकर मार डाला था।
फंडिंग के स्त्रोत? जनवरी 1991 के दस्तावेज के मुताबिक पाक खुफिया एजेंसी आईएसआई के साथ गठजोड़। भारत में इन आतंकियों को फलने-फूलने के लिए चीन से भी मोटी फंडिंग की जा रही है।भारत सरकार आतंकी संगठन घोषित कर चुकी है।
मणिपुर नागा पीपुल्स फ्रंट; हाल ही में 2 संगठनों से मिलकर बना
मणिपुर में कुछ दिन पहले ही दो भूमिगत संगठनों मणिपुर नागा रिवोल्यूशनरी फ्रंट (एनआरएफ) और यूनाइटेड नागा पीपुल्स काउंसिल (यूएनपीसी) ने मिलकर मणिपुर नागा पीपुल्स फ्रंट (एमएनपीएफ) बनाया है। इस विलय का संयुक्त बयान भी दोनों ने सोशल मीडिया पर जारी किया था। इसका संगठन का मकसद भी मणिपुर को अलग राज्य बनाना है।

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