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Rajasthan CHO Exam: दो घंटे पहले ही Whatsapp पर पेपर वायरल, 78 क्वेश्चन हूबहू पर बोर्ड का लीक से इनकार

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Rajasthan CHO Exam: दो घंटे पहले ही Whatsapp पर पेपर वायरल, 78 क्वेश्चन हूबहू पर बोर्ड का लीक से इनकार

Rajasthan News: राजस्थान में एक बार फिर पेपर लीक का चौंकाने वाला मामला सामने आ रहा। जिसमें कई कैंडिडेट्स दावा कर रहे कि परीक्षा से पहले ही पेपर उनके Whatsapp पर आ गया था। यही नहीं उन्होंने जब पेपर का मिलान किया तो कई सवाल भी वही नजर आए। जानिए क्या है मामला?

हाइलाइट्स

  • राजस्थान में फिर पेपर लीक का चौंकाने वाला मामला
  • CHO भर्ती परीक्षा के कैंडिडेट्स ने किया पेपर लीक का दावा
  • एग्जाम से पहले मोबाइल पर आया क्वेश्चन पेपर, विपक्ष का वार
  • कर्मचारी चयन बोर्ड के अध्यक्ष का लीक से इनकार

जयपुर: राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड की ओर से कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर (CHO) संविदा भर्ती की परीक्षा का आयोजन किया गया। एग्जाम रविवार सुबह साढ़े 10 बजे शुरू होना था लेकिन परीक्षा शुरू होने से दो घंटे पहले ही इसका पेपर सोशल मीडिया लीक हो गया। कई अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया कि सीएचओ परीक्षा का पेपर Whatsapp पर सुबह 8 बजकर 2 मिनट पर ही आ गया था। अभ्यर्थियों का कहना है कि सोशल मीडिया पर वायरल हुए क्वेश्चन पेपर में 78 प्रश्न हूबहू एग्जाम में आए थे।

हालांकि, कर्मचारी चयन बोर्ड के अध्यक्ष हरिप्रसाद शर्मा ने इसे अफवाह करार दिया। वहीं इस पेपर लीक की घटना पर बीजेपी ने अशोक गहलोत सरकार पर अटैक किया। विपक्षी पार्टी ने कहा कि राज्य सरकार पेपर लीक की घटना को रोकने में फिर नाकाम साबित हुई है।

कई कैंडिडेट्स ने दी पेपर लीक की सूचना

19 फरवरी को एग्जाम के बाद कई अभ्यर्थियों ने पेपर लीक होने की सूचना दी। उनका कहना था कि वे अपना मोबाइल सुबह 8 बजे ही परीक्षा केंद्र के काउंटर पर जमा कराए थे, फिर वो एग्जाम देने चले गए। जब वो परीक्षा देकर वापस बाहर आए और मोबाइल देखा तो Whatsapp पर पेपर आया हुआ था। प्रश्नों का मिलान किया तो 78 क्वेश्चन बिल्कुल वही पाए गए।

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झुंझुनूं निवासी सुनीता सेन ने बताया कि उसके मोबाइल पर एक नंबर से पेपर आया हुआ था। प्रश्न पत्र के फोटो खींच कर भेजे हुए थे। सुनीता ने अपने मोबाइल के स्क्रीन शॉट सबूत के तौर पर पेश भी किए। सुनीता के साथ सुखजीत अठवाल, सुखी चौधरी और देव कस्वा ने भी पेपर लीक होने की शिकायत की।

जिस नंबर से मैसेज आया वो क्या बोला?

जिस मोबाइल नंबर से सीएचओ का पेपर सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। उस मोबाइल नंबर पर कॉल करके बात की भी गई। हालांकि, दूसरी ओर से महेश सैनी नाम के शख्स ने बात की। पेपर लीक की घटना को लेकर महेश सैनी ने बताया कि यह मोबाइल नंबर तो उसी का है लेकिन उसने किसी को कोई मैसेज या फोटो भेजे ही नहीं। बिना भेजे ही उसके नंबर से मैसेज कैसे पहुंचे, इसके बारे में उसे कोई जानकारी नहीं है। मोबाइल नंबर होल्डर महेश ने हैरानी जताई कि जब मोबाइल उसके पास है तो उसके नंबर से कोई और मैसेज कैसे भेज सकता है?

कोचिंग माफियाओं की करतूत- बोर्ड चेयरमैन

राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. हरिप्रसाद शर्मा ने पेपर लीक होने की घटना से इनकार किया है। उन्होंने इसे कोचिंग माफियाओं की करतूत करार दिया है। शर्मा ने कहा कि यह सब कोचिंग माफियाओं को करतूत है। बोर्ड के पास एग्जाम संपन्न होने के दो घंटे बाद पेपर लीक होने की शिकायतें मिली जो कि सही नहीं है। प्रशासन पूरी तरह सक्रिय था। पेपर को कहीं भी लीक नहीं होने दिया गया।

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