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ब्लैक फंगस: कारण ,बचाव और उपचार

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कुछ वर्षो से ऐसा प्रतीत होने लगा है जैसे अब मानव जाति का अंत निकट है धुंआ धार प्रगति की होड़ मे हमने पर्यावरण का ज़रा भी न सोचा बस लगे पड़े है वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण, अंतरिक्ष प्रदूषण करने मे, आज हम खुद जिम्मेदार है इन आपदाओं के ।
ये कहना अतिशयोक्ति नही होगी कि ये कोई प्राकृतिक आपदा नही अपितु ये मानवनिर्मित कृतिम आपदाएँ है हमने इनको मौका दिया । महान वैज्ञानिक न्यूटन का क्रिया प्रतिक्रिया का नियम आज भलीभाँति समझ आ रहा है ।
कभी बर्ड फ्लू , कभी स्वाइन फ्लू, कभी चिकन गुनिया कभी कोरोना ओर अब एक और ब्लैक फंगस ये सब महामारियों के जिम्मेदार हम खुद है छोटी छोटी बीमारियों मे दवाओ के उपयोग से शरीर के रोग-प्रतिरोधक कार्यप्रणाली को कार्य मुक्त कर देना हमारी एक भूल है । मानव जाति अगर अब भी न संभली तो विकट परिस्थितियों के लिए तैयार हो जाएँ ।
ब्लैक फंगस :- ये फफूंदी की शक्ल मे ब्रेड और पेड़ के तनो पर काले रंग जैसा दिखता है।
कैसे होता है :- ये नाक से होता हुआ बलगम मे मिलकर नाक की चमड़ी मे जाता है और धीरे धीरे दिमाग तक चला जाता है इसकी मृत्यु दर 50% है ।
कारण :- ये बीमारी रोगप्रतिरोधक क्षमता की कमी होने से होती है , पहले ये बीमारी कीमोथेरेपी, अनियंत्रित डियाबिटीज़, ट्रांसप्लांट मरीजो ओर बुजुर्ग लोगो मे दिखती थी लेकिन कोविड के बाद कोमबीटीज़ ओर ज्यादा स्टेरॉयड लेने वाले मरीज़ों मे भी नज़र आ रही है ।
लक्षण :- आंखों मे लालपन, सांस मे तकलीफ, उल्टी मे खून या मानसिक स्थिति मे बदलाव ।
कैसे बचें :- 1. धूल से बचे, मास्क का उपयोग करे,

  1. मिट्टी, काई, खाद, बदबूदार पुराने भोजय पदार्थ के नज़दीक जाते वक्त जूते, ग्लब्स, बाहो और पैरो तक के कपडे पहने ।
  2. शरीर का कोई भी हिस्सा खुल्ला न छोड़े ।
  3. साफ सफाई का पूरा ध्यान रखे ।
  4. डियाबिटीज़ पर नियंत्रण, एमनुकंट्रोल, स्टेरॉयड दवाओं के इस्तेमाल से बचें ।
  5. ऑक्सीजन थैरेपी के दौरान हुमीडिटिफायर मे साफ पानी का इस्तेमाल करें ।
  6. एंटीबायोटिक / एंटीफंगल / स्टेरॉइड का इस्तेमाल कम से कम करें ।
    पर्यावरण स्वस्थ रखे ।
    आप स्वस्थ रहें
    आलेखः डॉ. रुबीना खानम मिर्ज़ा
    MD स्कॉलर
    एम. एन. होमियोपैथी मेडिकल कॉलेज एवम अनुसंथान केंद्र
    बीकानेर ।
    डॉ. यासिर मिर्ज़ा
    MD स्कॉलर
    एम. एन. होमियोपैथी मेडिकल कॉलेज एवम अनुसंथान केंद्र
    बीकानेर ।
    डॉ. नीतू सिंह
    HOD ( स्त्री रोग विभाग )
    एम. एन. होमियोपैथी मेडिकल कॉलेज एवम अनुसंथान केंद्र
    बीकानेर ।
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