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विदेश मंत्री जयशंकर पाकिस्तान जाएंगे:15-16 अक्टूबर को SCO की बैठक में शामिल होंगे; 2015 में सुषमा स्वराज के बाद भारतीय नेता का पहला दौरा

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विदेश मंत्री जयशंकर पाकिस्तान जाएंगे:15-16 अक्टूबर को SCO की बैठक में शामिल होंगे; 2015 में सुषमा स्वराज के बाद भारतीय नेता का पहला दौरा

विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा था कि पाकिस्तान से बातचीत करने का दौर खत्म हो चुका है। - Dainik Bhaskar

विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा था कि पाकिस्तान से बातचीत करने का दौर खत्म हो चुका है।

विदेश मंत्री एस जयशंकर 15-16 अक्टूबर को पाकिस्तान जाएंगे। वे इस्लामाबाद में SCO के हेड्स ऑफ गवर्नमेंट (CHG) की बैठक में शामिल होंगे। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने शुक्रवार (4 अक्टूबर) को इसकी जानकारी दी। यह पिछले 9 साल में पहली बार होगा जब भारत का कोई मंत्री पाकिस्तान जाएगा।

विदेश मंत्रालय की प्रेस कॉन्फ्रेंस में जायसवाल से सवाल किया गया कि क्या जयशंकर की यात्रा भारत-पाकिस्तान के रिश्तों को सुधारने की कोशिश है। इस पर उन्होंने जवाब दिया कि भारत SCO चार्टर को लेकर प्रतिबद्ध है। विदेश मंत्री की यात्रा का यही कारण है। इसका कोई और मतलब नहीं निकाला जाना चाहिए।

दरअसल, पाकिस्तान ने 29 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को SCO मीटिंग के लिए न्योता दिया था। पाकिस्तान की विदेश विभाग की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलोच ने कहा था कि बैठक में भाग लेने के लिए सभी सदस्य देशों के प्रमुखों को निमंत्रण भेजा गया है।

तस्वीर 2015 की है, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरप्राइज विजिट पर पाकिस्तान के लाहौर पहुंचे थे।

तस्वीर 2015 की है, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरप्राइज विजिट पर पाकिस्तान के लाहौर पहुंचे थे।

जयशंकर ने कहा था- पाकिस्तान से बातचीत का दौर खत्म पाकिस्तान की तरफ से न्योता आने के बाद 30 अगस्त को जयशंकर दोनों देशों के रिश्ते पर बयान दिया था। उन्होंने कहा था, “पाकिस्तान से बातचीत करने का दौर खत्म हो चुका है। हर चीज का समय होता है, हर काम कभी ना कभी अपने अंजाम तक पहुंचता है। जहां तक ​​​​जम्मू-कश्मीर का सवाल है तो अब वहां आर्टिकल 370 हट चुका है, यानी मुद्दा ही खत्म हो चुका है। अब हमें पाकिस्तान के साथ किसी रिश्ते पर क्यों विचार करना चाहिए।”

आखिरी बार सुषमा स्वराज गई थीं पाकिस्तान प्रधानमंत्री मोदी आखिरी बार साल 2015 में एक सरप्राइज विजिट पर लाहौर पहुंचे थे। तब उन्होंने पाकिस्तान के PM नवाज शरीफ से मुलाकात की थी। इसके बाद दिसंबर 2015 में भारत की तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज भी पाकिस्तान दौरे पर गई थीं।

उनके इस दौरे के बाद से भारत के किसी भी प्रधानमंत्री या मंत्री ने पाकिस्तान की यात्रा नहीं की है। 2019 में जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटने के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया। तब से दोनों देशों के बीच कोई हाई-लेवल बैठक नहीं हुई है।

2015 में वक्त सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान के PM नवाज शरीफ से मुलाकात की थी।

2015 में वक्त सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान के PM नवाज शरीफ से मुलाकात की थी।

SCO के समिट में भी शामिल नहीं हुए थे PM मोदी इस साल 3-4 जुलाई को कजाकिस्तान में हुए SCO समिट में PM मोदी शामिल नहीं हुए थे। उनकी जगह विदेश मंत्री जयशंकर ने भारत का प्रतिनिधित्व किया था। पिछले साल किर्गिस्तान की राजधानी बिश्केक ने SCO की CHG बैठक होस्ट की थी। इसमें भी PM मोदी नहीं जा पाए थे। उनकी जगह विदेश मंत्री एस जयशंकर शामिल हुए थे।

भारत ने पिछले साल वर्चुअल मोड में 4 जुलाई को SCO शिखर सम्मेलन की मेजबानी की थी। इसमें पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने ऑनलाइन हिस्सा लिया था। इससे पहले मई 2023 में पाकिस्तान के तत्कालीन विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी गोवा में SCO विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेने के लिए भारत आए थे।

तब एक वीडियो मैसेज में भुट्टो ने कहा था कि इस बैठक में हिस्सा लेने का मेरा फैसला यह दिखाता है कि पाकिस्तान के लिए SCO कितना अहम है। बिलावल का यह दौरा 12 सालों में किसी पाकिस्तानी विदेश मंत्री का पहला दौरा था।

2023 में SCO बैठक के दौरान गोवा की राजधानी पणजी में विदेश मंत्री एस जयशंकर (बाएं) और पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो।

2023 में SCO बैठक के दौरान गोवा की राजधानी पणजी में विदेश मंत्री एस जयशंकर (बाएं) और पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो।

1 फीट दूरी पर बैठे थे दोनों देशों के विदेश मंत्री जुलाई 2022 की मीटिंग में SCO के सभी आठ सदस्य देशों के फॉरेन मिनिस्टर मौजूद थे। जयशंकर ने समिट से इतर 7 देशों के विदेश मंत्रियों से मुलाकात की, लेकिन बिलावल को नजरअंदाज कर दिया था। जब उज्बेक राष्ट्रपति ने सभी विदेश मंत्रियों के लिए डिनर होस्ट किया, तब बिलावल और जयशंकर अलग-अलग बैठे।

जयशंकर ने पाकिस्तानी विदेश मंत्री को छोड़कर सभी से बातचीत की। ग्रुप फोटो के दौरान भी दोनों के बीच 5 फीट से ज्यादा फासला नहीं था। यहां सभी विदेश मंत्रियों ने हाथ मिलाए, लेकिन जयशंकर और बिलावल अलग-अलग ही खड़े रहे।

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