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सप्त शक्ति कमांड द्वारा जयपुर में फॉर्मेशन कमांडर सम्मेलन का आयोजन: सुरक्षा और उन्नति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम

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सप्त शक्ति कमांड द्वारा जयपुर में फॉर्मेशन कमांडर सम्मेलन का आयोजन: सुरक्षा और उन्नति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम

जयपुर, बुधवार 16 अक्टूबर 2024: भारतीय सेना के सप्त शक्ति कमांड द्वारा जयपुर में 15 से 16 अक्टूबर 2024 तक दो दिवसीय फॉर्मेशन कमांडर सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस सम्मेलन की अध्यक्षता सप्त शक्ति कमांड के आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल मनजिंदर सिंह ने की। सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य सेना की नई रणनीतियों, तकनीकी उन्नति और सुरक्षा उपायों पर विचार-विमर्श करना था, ताकि वर्तमान और भविष्य में उभरते खतरों का सामना करने में सेना की क्षमताओं को और अधिक सशक्त किया जा सके।

सम्मेलन में उभरे प्रमुख विषय

इस सम्मेलन के दौरान कई महत्वपूर्ण विषयों पर विचार किया गया, जिनमें विशेष रूप से साइबर सुरक्षा को बढ़ावा देना, सैनिकों के सशक्तिकरण और प्रशिक्षण के लिए नई रणनीतियों को विकसित करना, और आधुनिक तकनीक के उपयोग को बढ़ावा देना शामिल था। सेना के फोर्स मल्टीप्लायर्स के प्रभावी उपयोग और संगठनात्मक लक्ष्यों के समन्वय के साथ कमांड के विकास के लिए नई प्रक्रियाओं को अपनाने पर भी गहन चर्चा की गई।

फॉर्मेशन कमांडर सम्मेलन में सैन्य विशेषज्ञों और उच्चाधिकारियों ने एकजुट होकर उभरते खतरों और राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कई नए तकनीकी और संगठनात्मक सुधारों पर सुझाव प्रस्तुत किए। इनमें उन्नत तकनीकों के प्रयोग से सेना की ऑपरेशनल दक्षता बढ़ाने पर विशेष जोर दिया गया, ताकि भारतीय सेना किसी भी चुनौती का सामना करने में पूरी तरह सक्षम हो सके।

आर्मी कमांडर का प्रौद्योगिकी और आत्म-मूल्यांकन पर जोर

सम्मेलन के दौरान लेफ्टिनेंट जनरल मनजिंदर सिंह ने भारतीय सेना की ऑपरेशनल क्षमताओं को उन्नत बनाने के लिए तकनीकी नवाचारों की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में साइबर सुरक्षा और डिजिटल प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में तेजी से हो रहे बदलावों के कारण सेना को हमेशा तत्पर और उन्नत रखना अत्यंत आवश्यक है। आर्मी कमांडर ने अपने संबोधन में कहा, “हमारे सैनिकों को हर प्रकार के खतरों का सामना करने के लिए मानसिक और तकनीकी रूप से सशक्त बनाना हमारी प्राथमिकता है।”

लेफ्टिनेंट जनरल सिंह ने यह भी कहा कि सेना को हर समय एक उन्नत और मजबूत रुख बनाए रखने के लिए आत्म-मूल्यांकन और प्रशिक्षण की प्रक्रिया में निरंतरता बनाए रखना महत्वपूर्ण है। इसके लिए उन्होंने अत्याधुनिक तकनीकों को अपनाने, नए सुरक्षा उपायों को लागू करने और सैनिकों के मानसिक एवं शारीरिक सशक्तिकरण की दिशा में पहल करने की आवश्यकता पर जोर दिया।

भविष्य की रणनीतियों का निर्माण

सम्मेलन के दौरान सेना के अधिकारियों ने भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए कई उन्नत रणनीतियों पर चर्चा की, जिनमें साइबर सुरक्षा और डिजिटल वारफेयर के खतरों का मुकाबला करने के लिए नई प्रक्रियाओं का निर्माण शामिल था। इस सम्मेलन में तय किया गया कि सेना के प्रत्येक स्तर पर आधुनिक तकनीक का अधिकतम उपयोग कर सैनिकों के प्रशिक्षण और ऑपरेशनल कार्यों को सशक्त बनाया जाएगा।

फॉर्मेशन कमांडर सम्मेलन में सभी अधिकारियों ने एकमत से सहमति व्यक्त की कि भारतीय सेना की सतत प्रगति और उन्नति के लिए इस तरह के कार्यक्रम बेहद जरूरी हैं। सेना में उन्नत तकनीक और नवाचारों को शामिल कर भारतीय सेना को भविष्य में और भी मजबूत और सशक्त बनाने की दिशा में यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।

सप्त शक्ति कमांड का यह सम्मेलन भारतीय सेना की ताकत और उन्नति को बढ़ावा देने में एक प्रेरणादायक पहल रहा, जिसने भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए एक नई ऊर्जा का संचार किया है।

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