SC-ST के बंद को राजस्थान में कांग्रेस का समर्थन:व्यापारियों में असमंजस; संघर्ष समिति के संयोजक बोले- बाजार बंद कराएंगे, आंदोलन शांतिपूर्ण होगा
जयपुर
अनुसूचित जाति-जनजाति (SC-ST) के आरक्षण में क्रीमीलेयर पर सुप्रीम कार्ट के फैसले के विरोध में बुधवार को भारत बंद का आह्वान किया है। राजस्थान में बंद को कांग्रेस ने भी समर्थन दिया है। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा- कांग्रेस कार्यकर्ता इस लड़ाई में साथ है। बीजेपी आरक्षण के खिलाफ है।
जूली ने कहा कि जिस प्रकार भाजपा की मानसिकता है, वह संविधान को कमजोर करने की, आरक्षण को कमजोर करने की है। कांग्रेस के बंद का समर्थन करने के सवाल पर जूली ने कहा कि अंतिम निर्णय अध्यक्ष करेंगे, लेकिन जहां भी मांग संविधान की है तो पीछे हटने वाले नहीं है, कांग्रेस के कार्यकर्ता इस लड़ाई में साथ रहेगा।
आज सुप्रीम कोर्ट कोई बात कह रहा है, उसके लिए कोई नीति ये लोग तय नहीं कर रहे हैं। इन लोगों की मंशा जग जाहिर हो गई है कि यह लोग आरक्षण के खिलाफ हैं, संविधान को कमजोर करना चाहते हैं।
इधर, किरोड़ीलाल मीणा ने भारत बंद को बेतुका बताया है। उन्होंने कहा- इसकी कोई जरूरत नहीं है। भारत बंद करने वाले राजनीतिक रोटियां सेंकना चाहते हैं। क्रीमीलेयर को लेकर देश में जिस तरह से व्यवहार चल रहा है। इसमें मैं सुप्रीम कोर्ट के फैसले के साथ हूं।
जयपुर बंद के लिए समिति ने 25 टीमें बनाईं
अनुसूचित जाति-जनजाति संयुक्त संघर्ष समिति ने भी बंद को राजस्थान में समर्थन दिया है। जयपुर बंद के लिए समिति ने 25 टीमें बनाई हैं, जो बाजार बंद कराएगी। बंद समर्थकों की ओर से रैली भी निकाली जाएगी। हालांकि अभी तक बंद को लेकर व्यापारियों में असमंजस की स्थिति है।
अनुसूचित जाति-जनजाति संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक अनिल गोठवाल ने बताया- बंद को शांतिपूर्वक सफल बनाया जाएगा। समिति किसी भी हिंसा का समर्थन नहीं करती है। आंदोलन के बारे में सोशल मीडिया पर जाे कुछ चल रहा है, उसका हम समर्थन नहीं करते।
जयपुर में 25 टीमें बनाई गई हैं। यह टीमें अपने-अपने इलाके में टोलियों में रैली निकालेगी। बाजारों को बंद करवाएगी। बंद के समर्थन में बड़ी रैली रामनिवास बाग से शुरू होगी। जो चौड़ा रास्ता, त्रिपोलिया बाजार, बड़ी चौपड़, जौहरी बाजार, सांगानेरी गेट, एमआई रोड होते हुए रामनिवास बाग में आकर खत्म होगी। इसके बाद कलेक्टर को ज्ञापन देंगे।
व्यापारियों का स्वैच्छिक बंद होगा
जयपुर व्यापार मंडल के अध्यक्ष डॉ ललित सिंह सांचौरा ने बताया- हमने सभी व्यापारियों से कहा है कि किसी एक संगठन ने 21 अगस्त को बंद का आह्वान किया है। जयपुर व्यापार मंडल ने यह फैसला लिया है कि यह व्यापारियों का स्वैच्छिक बंद होगा। इसका फैसला व्यापारी और व्यापार मंडल स्वयं करें। उन्होंने कहा- हर समस्या का पहला हमला व्यापारियों पर ही होता है।
किसी संगठन ने हमसे बंद के लिए नहीं कहा
जयपुर व्यापार महासंघ के अध्यक्ष सुभाष गोयल का कहना है कि आए दिन किसी न किसी कारण से व्यापारियों को अपनी दुकानें बंद रखनी पड़ती है। इससे व्यापारियों का नुकसान होता है। यह नुकसान केवल एक दिन का नहीं होता। इससे कई दिन तक व्यापार प्रभावित रहता है।
जयपुर में बाहर से टूरिस्ट आते हैं। टूरिस्ट आय का सबसे बड़े साधन हैं। बंद की सूचना पर टूरिस्ट अपना प्लान कैंसिल कर देते हैं। इससे यहां के व्यापारियों को अगले कई दिनों तक नुकसान उठाना पड़ता है। व्यापार महासंघ ने यह निर्णय लिया है कि सभी व्यापारी अपनी सुरक्षा को देखते हुए अपने प्रतिष्ठान को खोले या बंद रखें।
बंद को लेकर गृह विभाग ने सभी कलेक्टर, एसपी को निर्देश जारी किए हैं। इसमें समाज और व्यापारिक संगठन को बाजार बंद नहीं रखने के लिए समझाने के लिए कहा गया है। साथ ही बंद की स्थिति में किसी भी व्यक्ति को परेशानी न हो, इसके निर्देश दिए गए हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने SC रिजर्वेशन में कोटे में कोटा को दी थी मंजूर
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार (1 अगस्त) को इस बारे में बड़ा फैसला सुनाया था। राज्य सरकारें अब अनुसूचित जाति, यानी SC के रिजर्वेशन में कोटे में कोटा दे सकेंगी। अदालत ने 20 साल पुराना अपना ही फैसला पलटा था। तब कोर्ट ने कहा था कि अनुसूचित जातियां खुद में एक समूह हैं, इसमें शामिल जातियों के आधार पर और बंटवारा नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने अपने नए फैसले में राज्यों के लिए जरूरी हिदायत भी दी थी। कहा था कि राज्य सरकारें मनमर्जी से फैसला नहीं कर सकतीं। फैसला सुप्रीम कोर्ट की 7 जजों की संविधान पीठ का था। इसमें कहा गया कि अनुसूचित जाति को उसमें शामिल जातियों के आधार पर बांटना संविधान के अनुच्छेद-341 के खिलाफ नहीं है।
Add Comment