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क्षितिज फेडरेशन और रंजीता सहाय अशेष के नेतृत्व में कविता और कहानी कहने की कला का पुनर्जागरण: चंडीगढ़ में पायथियन गेम्स का भव्य आयोजन

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*क्षितिज फेडरेशन और रंजीता सहाय अशेष के नेतृत्व में कविता और कहानी कहने की कला का पुनर्जागरण: चंडीगढ़ में पायथियन गेम्स का भव्य आयोजन*

चंडीगढ़। कला और संस्कृति के पुनर्जागरण के उद्देश्य से आयोजित प्रथम राष्ट्रीय पायथियन गेम्स हाल ही में चंडीगढ़ में संपन्न हुए। इस भव्य आयोजन का मुख्य आकर्षण कविता और कहानी कहने की प्रतियोगिता रही, जिसका सफल आयोजन क्षितिज फेडरेशन की ओर से श्रीमती रंजीता सहाय अशेष और श्रीमती राखी सिंह , डॉ रूपिंदर कौर के नेतृत्व में किया गया।
इस प्रतिष्ठित कार्यक्रम का उद्देश्य युवाओं में साहित्यिक जागरूकता और रचनात्मक अभिव्यक्ति को बढ़ावा देना था। देशभर से आए प्रतिभागियों ने कविता और कहानी कहने की कला में अपने हुनर का प्रदर्शन किया, जिसने दर्शकों और निर्णायकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। यह आयोजन केवल एक प्रतियोगिता नहीं, बल्कि युवा पीढ़ी के लिए अपनी रचनात्मक क्षमताओं को सामने लाने का एक सशक्त मंच साबित हुआ।

*क्षितिज फेडरेशन का रचनात्मक नेतृत्व*
कार्यक्रम की सफलता का श्रेय क्षितिज फेडरेशन के मजबूत नेतृत्व को जाता है। श्रीमती रंजीता सहाय अशेष और श्रीमती राखी सिंह के मार्गदर्शन में इस आयोजन को न केवल व्यवस्थित रूप से संचालित किया गया, बल्कि इसे एक साहित्यिक और सांस्कृतिक उत्सव का रूप दिया गया।
प्रतियोगिता में स्कूली बच्चों ने अपने काव्य कौशल और कहानी कहने की प्रतिभा से सभी का दिल जीत लिया। विजेताओं को पदक और प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया, जिससे उनकी रचनात्मक उपलब्धियों को सराहा गया और उन्हें भविष्य में बेहतर करने के लिए प्रेरित किया गया।

*प्रतिभागियों के लिए निर्णायक मंडल का मार्गदर्शन*
निर्णायक मंडल में कला और मीडिया जगत के अनुभवी विशेषज्ञ शामिल रहे, जिनमें श्री रजनीश कुमार, आरजे गीत और श्रीमती नवनीत ग्रेवाल का नाम विशेष रूप से उल्लेखनीय है। उन्होंने प्रतिभागियों की रचनात्मक प्रस्तुतियों का गहराई से मूल्यांकन किया और उन्हें सार्थक सुझाव और प्रोत्साहन प्रदान किया।

*कार्यक्रम का प्रभाव*
श्रीमती स्नेहा के नेतृत्व में कार्यक्रम का समुचित संचालन सुनिश्चित किया गया, जिससे यह आयोजन निर्बाध और भव्य तरीके से संपन्न हुआ। कविता और कहानी कहने की प्रतियोगिता ने यह साबित कर दिया कि पायथियन गेम्स का आधुनिक स्वरूप केवल खेलों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह कला और संस्कृति के समग्र विकास का एक महत्वपूर्ण मंच बन चुका है।

*क्षितिज फेडरेशन का योगदान सराहनीय*
क्षितिज फेडरेशन और श्रीमती रंजीता सहाय अशेष के योगदान को आयोजन की सफलता का केंद्र माना गया। उनका नेतृत्व न केवल इस कार्यक्रम को सफल बनाने में सहायक रहा, बल्कि उन्होंने युवाओं को साहित्य और कला के प्रति जागरूक करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

*सांस्कृतिक और खेलों का अद्भुत संगम*
पायथियन गेम्स ने यह सिद्ध किया कि खेलों और सांस्कृतिक अभिव्यक्ति के बीच संतुलन स्थापित करना आज की पीढ़ी के समग्र विकास के लिए आवश्यक है। इस आयोजन ने कला और साहित्य के क्षेत्र में युवाओं को अपनी पहचान बनाने का अवसर प्रदान किया और उन्हें प्रेरणा और सम्मान से नवाजा।

*भविष्य के लिए प्रेरणादायक मंच*
प्रतियोगिता के समापन पर प्रतिभागियों के बीच अद्भुत उत्साह और ऊर्जा का संचार देखा गया। यह आयोजन आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणादायक मिसाल बन गया है, जो उन्हें अपनी रचनात्मकता और कला को एक नई ऊंचाई पर ले जाने के लिए प्रोत्साहित करेगा।
क्षितिज फेडरेशन और श्रीमती रंजीता सहाय अशेष के नेतृत्व में संपन्न यह कार्यक्रम कला और संस्कृति के क्षेत्र में एक नई शुरुआत के रूप में जाना जाएगा, जो आने वाले समय में युवाओं को रचनात्मकता के नए आयाम प्रदान करता रहेगा।

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