CBSE बोर्ड ने बदला क्लास 9 का सिलेबस; अब 5 की जगह 6 सब्जेक्ट्स में होंगे एग्जाम, टोटल 10 सब्जेक्ट्स पढ़ने होंगे
सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (CBSE) ने क्लास 9 के करिकुलम में बदलाव किया है। इससे क्लास 9 और क्लास 10 के स्टूडेंट्स को फायदा होगा। CBSE के सेकेंडरी स्कूल करिकुलम के मुताबिक
अब क्लास 9 में ही स्टूडेंट्स को 5 कोर सब्जेक्ट्स के अलावा छठा इलेक्टिव सब्जेक्ट चुनना होगा। क्लास 9 में जो सब्जेक्ट इलेक्टिव के तौर पर चुना हो, उसे क्लास 10 में बदलने का ऑप्शन नहीं होगा।
दरअसल, क्लास 10 में स्टूडेंट्स के पास 5 कोर सब्जेक्ट्स के अलावा एक इलेक्टिव सब्जेक्ट लेने का भी ऑप्शन होता है। अगर किसी लैंग्वेज सब्जेक्ट में कम मार्क्स हों, तो उस सब्जेक्ट का स्कोर इलेक्टिव सब्जेक्ट के स्कोर से बदला जा सकता है। इससे स्टूडेंट का ओवरऑल रिजल्ट इम्प्रूव होता है।
क्लास 9 में चुनना होगा इलेक्टिव सब्जेक्ट
CBSE के सेकेंडरी स्कूल करिकुलम के मुताबिक क्लास 9 में स्टूडेंट्स को मैथ्स, साइंस, सोशल साइंस जैसे कोर सब्जेक्ट्स और दो लैंग्वेज सब्जेक्ट्स के अलावा तीसरा लैंग्वेज या स्किल बेस्ड इलेक्टिव सब्जेक्ट चुनना होगा। ऐसे में 9वीं में स्टूडेंट्स के पास टोटल 6 सब्जेक्ट्स होंगे। बोर्ड ने ये जानकारी देते हुए नोटिफिकेशन जारी किया है। ये नियम एकेडमिक ईयर 2024-25 से लागू होगा।
स्किल सब्जेक्ट से बदले जा सकेंगे कोर सब्जेक्ट के मार्क्स
अगर कोई स्टूडेंट क्लास 10 में साइंस, मैथ्स या सोशल साइंस में से किसी एक सब्जेक्ट में फेल हो जाता है और इलेक्टिव सब्जेक्ट में पास होता है, तो उस कोर सब्जेक्ट को स्किल या इलेक्टिव से बदलकर क्लास 10 की मार्कशीट तैयार की जाएगी।
दोनों सब्जेक्ट के मार्क्स बदलकर नहीं लगाए जाएंगे बल्कि साइंटिफिक तरीके से बदले जाएंगे।
क्लास 9 में पढ़ने होंगे 10 सब्जेक्ट्स, 6 सब्जेक्ट्स का होगा एग्जाम
क्लास 9 में 5 कोर और 1 इलेक्टिव सब्जेक्ट के अलावा स्टूडेंट्स के पास आर्ट एजुकेशन, वर्क एक्सपीरियंस और हेल्थ एंड फिजिकल एजुकेशन जैसे 3 कंपल्सरी सब्जेक्ट्स भी होंगे। ऐसे में क्लास 9 में स्टूडेंट्स के पास टोटल 10 सब्जेक्ट्स होंगे। हालांकि, कोर और इलेक्टिव सब्जेक्ट्स के अलावा बाकी तीनों सब्जेक्ट्स का बोर्ड की तरफ से एग्जाम नहीं होगा। इन सब्जेक्ट्स के लिए स्कूल लेवल पर ही अससेसमेंट होगा।
क्लास 9-10 कंपोजिट कोर्स है : CBSE बोर्ड
बोर्ड ने कहा है कि क्लास 9 और क्लास 10 को कंपोजिट कोर्स के तौर पर देखा जाना चाहिए। ऐसे में स्टूडेंट्स को क्लास 9 में अपने लिए वो ही ऑप्शनल सब्जेक्ट्स चुनने चाहिए जो वो क्लास 10 में भी पढ़ना चाहें।
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