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सेहतनामा- भूख से बिगड़ी आतिशी मार्लेना की तबीयत:भूखे रहने से शरीर में क्या बदलाव होता है, जानें फास्टिंग का सही तरीका

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सेहतनामा- भूख से बिगड़ी आतिशी मार्लेना की तबीयत:भूखे रहने से शरीर में क्या बदलाव होता है, जानें फास्टिंग का सही तरीका

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में जल संकट को लेकर मंत्री आतिशी मार्लेना अनशन कर रही थीं। इस दौरान वह भूख हड़ताल पर थीं। अनशन के पांचवें दिन सोमवार-मंगलवार की रात को उनकी तबीयत बिगड़ी और उन्हें दिल्ली के LNJP अस्पताल में भर्ती कराया गया।

आतिशी जब 21 जून को अनशन पर बैठीं, तब उनका वजन 65.8 किलो था। यह भूख हड़ताल के चौथे दिन तक 2.2 किलो घटकर 63.6 किलो रह गया। इस बीच उनका ब्लड शुगर लेवल भी तेजी से कम हुआ। पहले दिन की तुलना में चौथे दिन उनका ब्लड शुगर लेवल 28 यूनिट तक कम हुआ। जब उनकी तबीयत बिगड़ी तो ब्लड शुगर लेवल 36 तक पहुंच गया था। उनका ब्लड प्रेशर भी तेजी से कम हुआ। डॉक्टर्स ने अचानक आतिशी के ब्लड शुगर लेवल, ब्लड प्रेशर और वजन घटने को खतरनाक बताया है। हालांकि, आतिशी को ICU में भर्ती किया गया है और अभी उनकी तबीयत ठीक है।

आज ‘सेहतनामा’ में जानेंगे कि भूखे रहने पर हमारे शरीर में क्या होता है। साथ ही जानेंगे कि-

  • हम कितने दिन तक बिना खाए जिंदा रह सकते हैं?
  • भूखे रहने का हमारी सेहत पर क्या असर पड़ता है?
  • इसके क्या फायदे और क्या साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं?

भोजन और पानी है इंसान की प्राथमिक जरूरत
इंसान के जीवित रहने के लिए भोजन और पानी प्राथमिक जरूरतें हैं। भोजन से मिलने वाली ऊर्जा और पानी से मिलने वाले हाइड्रेशन की मदद से हमारा शरीर काम करता रहता है। अगर रोजाना डाइट में अलग-अलग फूड आइटम्स शामिल किए जाएं और पर्याप्त पानी पिया जाए तो बॉडी ठीक ढंग से फंक्शन करती रहती है।

स्टार्वेशन या भुखमरी क्या है?
हमारे शरीर को अपने कामकाज के लिए ऊर्जा की निरंतर जरूरत पड़ती है। यह जरूरत हम भोजन और पानी के जरिए पूरी करते हैं, जिसे हमारा शरीर कैलोरीज के रूप में रिसीव करता है और ऊर्जा की तरह इस्तेमाल करता है। जब हमारे शरीर को अपने लाइफ सपोर्टिंग कामों को पूरा करने के लिए पर्याप्त कैलोरी नहीं मिलती है तो इसे भुखमरी या स्टार्वेशन कहते हैं। यह दो कारणों से हो सकता है या तो किसी इंसान को बिल्कुल भोजन नहीं मिल रहा है या उसका शरीर भोजन से पोषक तत्व अवशोषित करने के लिए भोजन को पचा नहीं पा रहा है।

भोजन के बिना कोई कितने दिन तक जीवित रह सकता है?
अगर कोई लंबे समय तक भोजन न करे तो उसके शरीर में कैलोरी की भारी कमी हो जाती है। ऐसे में हमारा शरीर इस तरह से काम करना शुरू कर देता है, जिससे कम-से-कम कैलोरी बर्न हों। अगर शरीर को पोषण मिलना नहीं शुरू हुआ तो भुखमरी से मौत हो सकती है।

कोई बिना भोजन के कितने दिनों तक जीवित रह सकता है, इसका कोई सटीक जवाब नहीं हो सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि यह कई परिस्थितियों पर निर्भर करता है। जैसे-

  • किसी की हेल्थ कंडीशन कैसी है?
  • उसकी लाइफस्टाइल कैसी है?
  • वह किस तरह के वातावरण में रहता है?
  • क्या वह इस बीच लगातार पानी का सेवन कर रहा है?

डाइटीशियन डॉ. अनु अग्रवाल कहती हैं कि आमतौर पर कोई व्यक्ति सामान्य स्थितियों में बिना भोजन और पानी के अधिकतम एक सप्ताह तक जीवित रह सकता है। जबकि अगर कोई व्यक्ति भोजन नहीं कर रहा है पर पानी पी रहा है तो वह 2 से 3 महीने तक जीवित रह सकता है।

दुबले-पतले लोगों को होता है ज्यादा खतरा
अगर किसी का बॉडी मास इंडेक्स (BMI) 18.5 से कम है और वह भोजन छोड़ दे तो उसकी जिंदगी स्वस्थ लोगों की तुलना में छोटी होगी। ऐसा इसलिए क्योंकि उसका शरीर पहले से ही कुपोषण की स्थिति से गुजर रहा है। इसके अलावा पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।

मेडिकल जर्नल द लांसेट में साल 2018 में पब्लिश एक स्टडी के मुताबिक, अगर 18.5 से कम BMI है तो पुरुषों का जीवन औसतन 4.3 साल और महिलाओं का जीवन 4.5 साल कम हो सकता है।

लंबे समय तक भूखे रहने के क्या जोखिम हैं?
हर किसी के शरीर की क्षमता अलग-अलग हो सकती है। कुछ लोग कई दिनों या हफ्तों तक भूखे रह सकते हैं। जबकि कुछ लोगों के लिए तीन दिन भूखे रहना भी मुश्किल हो सकता है। जब हमारा शरीर अपनी क्षमता की आखिरी स्टेज में होता है यानी स्टार्वेशन या भुखमरी की स्थिति से गुजरने लगता है तो कई लक्षण नजर आते हैं। आइए ग्राफिक में देखते हैं:

लंबे समय तक भूखे रहने से प्रभावित हो सकती है आगे की जिंदगी
डॉ. अनु अग्रवाल के मुताबिक अगर किसी व्यक्ति ने जीवन में कभी भुखमरी या स्टार्वेशन का अनुभव किया है या लंबे समय तक बहुत कम भोजन किया है तो इसके कई दीर्घकालिक प्रभाव हो सकते हैं। जैसे-

  • शरीर का विकास अवरुद्ध हो सकता है
  • हड्डियां कमजोर हो सकती हैं या ऑस्टियोपोरोसिस हो सकता है
  • पोस्ट ट्रॉमैटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर (PTSD) या डिप्रेशन हो सकता है

स्टार्वेशन के तुरंत बाद सामान्य भोजन नहीं शुरू कर सकते
डॉ. अनु अग्रवाल कहती हैं कि अगर कोई लंबे समय तक भुखमरी या स्टार्वेशन से गुजरा है तो वह तुरंत सामान्य डाइट प्लान नहीं फॉलो कर सकता है। शरीर को दोबारा खाने की आदत डालने के लिए लंबा समय चाहिए। यह सबकुछ बहुत धीरे-धीरे होना चाहिए। अगर जल्दबाजी दिखाई गई तो इसके प्रतिकूल प्रभाव हो सकते हैं, जिसे रीफीडिंग सिंड्रोम कहते हैं। इससे कई खतरनाक मेडिकल कंडीशन बन सकती हैं। जैसे-

  • हार्ट कंडीशन
  • न्यूरोलॉजिकल कंडीशन
  • इंफ्लेमेशन
  • इलेक्ट्रोलाइट इंबैलेंस

जो लोग लंबे समय तक भुखमरी या कुपोषण से गुजरे हैं, उन्हें भोजन को सुरक्षित रूप से इंट्रोड्यूस कराने के लिए हॉस्पिटल या किसी एक्सपर्ट न्यूट्रिशनिस्ट की जरूरत पड़ती है।

नपे-तुले अंदाज में की गई फास्टिंग के फायदे भी हैं
भोजन न करना हमारे शरीर के लिए इतना भी बुरा नहीं है। अगर फास्टिंग कर रहे हैं तो इसे नपे-तुले अंदाज में करना चाहिए। यह ध्यान रखना चाहिए कि इसके कारण शरीर में जरूरी न्यूट्रिशंस की कमी न हो पाए तो इससे हमारी सेहत को कई फायदे हो सकते हैं। आइए ग्राफिक में देखते हैं।

क्या है फास्टिंग का सही तरीका
अब मन में सवाल हो सकता है कि ये फास्टिंग का सही तरीका क्या है? तो इसका जवाब है कि फास्टिंग के ऐसे तरीके, जिससे हमारे शरीर में जरूरी न्यूट्रिशन की कमी न हो। हर किसी के शरीर की अलग जरूरतें हो सकती हैं। हर कोई अपनी जरूरत के अनुसार फास्टिंग का तरीका अपना सकता है। हमने डॉ. अनु अग्रवाल की मदद से कुछ पॉपुलर फास्टिंग के तरीकों की लिस्ट बनाई है।

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