NSG: एनएसजी में सीआरपीएफ समेत दूसरे केंद्रीय बलों की प्रतिनियुक्ति पर असमंजस, मैनपावर की हो रही समीक्षा
सूत्रों के अनुसार, सीआरपीएफ द्वारा अपनी सभी यूनिटों को भेजे गए संदेश में कहा गया है कि अभी एनएसजी में जाने वाले अधिकारियों/जवानों को रिलीव न करें। एनएसजी के ग्रुप कमांडर द्वारा इस बाबत दूसरे बलों को सूचित किया गया है…
राष्ट्रीय सुरक्षा गारद (एनएसजी) में प्रतिनियुक्ति पर आने वाले केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के जवानों को लेकर असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है। सूत्रों का कहना है कि एनएसजी में आने वाले सीआरपीएफ सहित दूसरे केंद्रीय बलों के जवानों की संख्या में कटौती हो सकती है। ऐसा भी संभव है कि आने वाले समय में सेना के जवानों को ही एनएसजी में तव्वजो दी जाए। हालांकि मौजूदा परिस्थितियों में इस विषय को लेकर गहन विचार मंथन चल रहा है। फिलहाल सीआरपीएफ में 86 ऐसे जवान, जिनका एनएसजी में बतौर प्रतिनियुक्ति चयन हो चुका था, उन्हें रिलीव नहीं करने की बात कही गई है। इसके पीछे यह तर्क दिया गया है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय, एनएसजी की मैनपावर की समीक्षा कर रहा है।
सूत्रों के अनुसार, सीआरपीएफ द्वारा अपनी सभी यूनिटों को भेजे गए संदेश में कहा गया है कि अभी एनएसजी में जाने वाले अधिकारियों/जवानों को रिलीव न करें। एनएसजी के ग्रुप कमांडर द्वारा इस बाबत दूसरे बलों को सूचित किया गया है। पांच फरवरी को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देशों के मुताबिक, एनएसजी की तय संख्या और प्रतिनियुक्ति के नियमों में बदलाव हो सकता है। मैनपावर की समीक्षा की जा रही है।
एनएसजी में किस बल से कितने जवानों को और कितने समय के लिए प्रतिनियुक्ति पर बुलाया जाए, इस संबंध में कोई नई पॉलिसी देखने को मिल सकती है। एनएसजी की तरफ से सीआरपीएफ को लिखा गया है कि इस बल के जितने भी जवानों ने एनएसजी में जाने के लिए कमांडो कन्वर्जन कोर्स सीरियल नंबर 33 को पास किया है, वे अभी रिलीव न किए जाएं। करीब 86 जवानों ने कमांडो कन्वर्जन कोर्स, पास किया है। अब उन्हें एनएसजी में प्रतिनियुक्ति पर ज्वाइन करना था। आदेशों में कहा गया है कि अगली सूचना तक उन्हें रिलीव न किया जाए। अगर किसी जवान को रिलीव कर दिया है तो उसे वापस बुला लें।
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