*जयपुर में कोचिंग चलाता है पेपर लीक का मास्टरमाइंड:3 दिन पहले वॉट्सऐप पर साले को भेजा, 8-10 कैंडिडेट पुलिस पहुंचने से पहले भागे*
सीनियर टीचर भर्ती परीक्षा का पेपर शनिवार को शुरू होने से पहले ही लीक हो गया। उदयपुर में चलती बस में पेपर सॉल्व करते हुए 40 स्टूडेंट्स को पकड़ा गया। पेपर लीक होने की खबर मिलते ही सुबह नौ बजे एग्जाम कैंसिल कर दिया गया है। करीब 4 लाख अभ्यर्थियों को सामान्य ज्ञान (GK) की परीक्षा देनी थी। अब ये परीक्षा 29 जनवरी को होगी।
पेपर लीक के तार जालोर के सांचौर से जुड़े हैं। जयपुर से पेपर जालोर पहुंचा और पेपर लीक गिरोह के सदस्य बस में पेपर सॉल्व कराते हुए अभ्यर्थियों को उदयपुर लेकर गए।



*मामले को इंवेस्टिगेशन किया, जिसमें कई खुलासे हुए…*
पेपर लीक का पूरा प्लान 15 दिन पहले बन गया था।
इस पूरी साजिश का मास्टरमाइंड जयपुर का एक कोचिंग संचालक है।
पेपर तीन दिन पहले ही गिरोह तक पहुंच गया था।
नकल कराने के लिए 1 लाख रुपए में बस किराए पर ली गई।
लोकेशन ट्रेस के लिए बस में जीपीएस लगाया गया था।
बस में सिर्फ सांचौर के 37 अभ्यर्थी थे।
8-10 अभ्यर्थी पुलिस की कार्रवाई के पहले ही बस से उतर गए थे।
इस पूरे पेपर लीक के 4 मास्टरमाइंड हैं।
*पढ़िए पूरी रिपोर्ट…*
*8-10 लाख रुपए में नकल कराने की डील*
पेपर लीक का मास्टरमाइंड सुरेश बिश्नोई, सुरेश ढाका और भूपेंद्र है। सुरेश ढाका ने ही अपने साले सुरेश बिश्नोई और भूपेंद्र को जयपुर से पेपर उपलब्ध करवाया था।
आरोपी सुरेश ढाका मंत्रियों-नेताओं तक पहुंच रखता है। सभी आरोपी 15 दिनों से पेपर लीक करने की पूरी प्लानिंग कर रहे थे।
पेपर मिलने के बाद सांचौर व आसपास के ही अभ्यर्थियों को शामिल किया गया था। पेपर के लिए हर स्टूडेंट से 8-10 लाख रुपए में डील हुई।
एग्जाम से 3 दिन पहले इस गिरोह को जयपुर से पेपर मिल गया था। एग्जाम से एक दिन पहले सारे अभ्यर्थियों को बुला लिया था।
*एक लाख रुपए में बस किराए पर ली*
गिरोह के सामने सबसे बड़ा चैलेंज था कि अभ्यर्थियों को पेपर सॉल्व कराने के लिए कैसे लेकर जाएं। तब सुरेश बिश्नोई और भूपेंद्र ने सांचोर से उदयपुर ले जाने के लिए बस की। बस आर के ट्रेवल्स के मालिक राकेश कुमार की है।
बस मालिक हेमागुढ़ा का रहने वाला है। पहले से ही पेपर लीक की सारी बातें क्लीयर हो चुकी थीं। इसी वजह से किराया भी एक लाख रुपए तय हुआ। राकेश कुमार ने अपने बेटे पीराराम को ही बस लेकर भेजा था।
*बस ड्राइवर के भतीजे भी हुए शामिल*
पेपर सॉल्व के लिए बस किराए पर लेने की बात का आसपास कई लोगों को पता लग चुका था। बस ड्राइवर पीराराम ने अपने मामा और चाचा के लड़कों को भी पेपर सॉल्व कराने के लिए बस में बैठा लिया था। कई रिश्तेदारों को भी पेपर कराने के लिए लेकर गए थे। इनसे भी 5 लाख रुपए में डील की गई थी।
सूत्रों का कहना है कि केवल सांचौर से करीब 37 अभ्यर्थी बस में बैठे हुए थे। पुलिस ने बस में सवार 49 लोगों को गिरफ्तार किया है। बस में करीब 60 लोग सवार थे। जिनमें से 8-10 अभ्यर्थी पुलिस की कार्रवाई से पहले बस से उतर गए थे।
*बस में जीपीएस लगाया, बिना परमिट ले गए*
बस पहले लोक परिवहन के तहत परमिट से ही चलती थी। पिछले 7 महीनों से बस हाईवे पर सिंवाड़ा चौकी के पास खड़ी हुई थी। वहां पर राकेश कुमार के रिश्तेदारों के खेत थे। पेपर सॉल्व कराने की डील हुई तो बाकायदा बस में जीपीएस भी लगवाया गया।
इसी जीपीएस के जरिए बस की लोकेशन और रूट तय किया गया था। मास्टरमाइंड जीपीएस के जरिए बस को कंट्रोल कर रहे थे। हैरानी की बात है कि बिना परमिट की बस को किसी दूसरी बस के परमिट पर लेकर गए थे, लेकिन कहीं पर भी रास्ते में बस को चेक नहीं किया गया।
GK का पेपर लीक कराने में 4 मास्टरमाइंड शामिल हैं। इनमें दो जीजा-साले और 1 डॉक्टर है। पुलिस ने फिलहाल सुरेश बिश्नोई और डॉक्टर भजनलाल को गिरफ्तार कर लिया है। पेपर लीक में सुरेश बिश्नोई के बहनोई सुरेश ढाका का भी नाम सामने आया है। वह जयपुर में उमंग क्लासेज के नाम से कोचिंग चलाता है।
सुरेश ढाका : कोचिंग संचालक पहले भी 2 बार जेल जा चुका सुरेश ढाका सांचौर से 20 किलोमीटर दूर स्थित अचलपुर गांव का रहने वाला है। इसके पिता मांगीलाल वर्तमान में सरपंच हैं। पहले जेल भी जा चुका है। पहली बार मनी लॉड्रिंग और दूसरी बार पेपर लीक में जेल गया था। जयपुर में गुर्जर की थड़ी पर उमंग क्लासेज के नाम से कोचिंग चलाता है। चौंकाने वाली बात ये है कि सुरेश ढाका कई मंत्रियों के ट्विटर हैंडल और फेसबुक पेज हैंडल करता है। इसके अलावा खुद के भी सभी सोशल मीडिया अकाउंट वेरिफाइड हैं। अभी फरार है।
सुरेश बिश्नोई : स्कूल में हेडमास्टर सुरेश बिश्नोई ही पेपर लीक का मास्टरमाइंड है। वह सांचौर से 20 किलोमीटर दूर रूणाेधर गांव में गिरधर धौरा का रहने वाला है। करीब एक साल पहले ही रिडिया का धौरा के पास ठेलियों के सेकेंडरी स्कूल में हेडमास्टर लगा था। इसे जीजा सुरेश ढाका ने जयपुर से वॉट्सऐप पर पेपर भेजा था। जीजा-साले ने ही मिलकर पेपर लीक कराने की साजिश रची थी। पुलिस ने इसे गिरफ्तार कर लिया है।
भजनलाल बिश्नोई : वेटरनरी डॉक्टर, कहीं भी क्लीनिक नहीं भजनलाल बिश्नोई वेटरनरी डॉक्टर है, लेकिन कहीं भी क्लीनिक नहीं खोल रखा है। सांचौर में रूणोधर का रहने वाला है। इतेफाक है कि रीट पेपर लीक में भी भजनलाल नाम का ही एक शख्स शामिल रहा था। भजनलाल ने सुरेश के साथ मिलकर पेपर लीक की पूरी डील कराई थी। जांच में सामने आया कि भजनलाल पहले भी कई एग्जाम में नकल कराने की डील करा चुका है।
भूपेंद्र बिश्नोई : सस्पेंड पुलिसवाले का भाई भूपेंद्र बिश्नोई उर्फ भूपी चितलवाना थाना इलाके के परावां गांव का रहने वाला है। पेपर लीक में पहली बार इसका नाम सामने आया है। इसका भाई गोपाल बिश्नोई राजस्थान पुलिस में एसआई है। वह पाली के बगड़ी थाने पोस्टेड था। वह खुद भी ऑयल चोरी के मामले में सस्पेंड हो चुका है। उस पर गुजरात से पाली होकर निकलने वाली पाइप लाइन में तेल चोरी का आरोप लगा था। भजनलाल को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
*पेपर लीक माफिया के फोन बंद*
जालोर के सांचौर से ही GK पेपर लीक के तार जुड़े हुए है। पेपर लीक में कई बड़े लोगों के नाम सामने आ रहे है। उदयपुर पुलिस सुरेश और भजनलाल से पूछताछ के बाद सांचौर पहुंच चुकी है। गिरोह से जुड़े कई मास्टरमाइंड के फोन बंद आ रहे हैं। पुलिस आसपास के गांवों में आरोपियों के बारे में पूछताछ कर रही है।
*डीजीपी बोले- पकड़े गए अभ्यर्थी पर लगाएंगे बैन*
डीजीपी उमेश मिश्रा ने बताया कि रीट की तरह से इस बार भी नकल गिरोह को शिकंजे में लेकर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। ऐसे गिरोहों को पुलिस दबिश देकर पकड़ रही है। नकल करने का प्रयास करने वाले अभ्यर्थियों को भी हमेशा के लिए प्रतिबंधित करने के लिए आरपीएससी को लिखा जा रहा है।
उदयपुर एसपी विकास शर्मा ने बताया कि शुक्रवार देर रात को ही पेपर लीक होने की सूचना मिली थी। इसके बाद पुलिस टीम को एक्टिव कर दिया गया था। बेकरिया थाने के बाहर एक बस को पकड़ा गया। बस में कुछ लोग बैठे हुए थे। वे पेपर सॉल्व करते हुए मिले थे। इनके पेपर का मिलान किया गया तो हुबहू ओरिजनल पेपर से मिले थे। पुलिस ने सुरेश बिश्नोई, भजनलाल व अभ्यर्थियों सहित 49 को गिरफ्तार किया। इनमें 7 लड़कियां भी शामिल हैं।

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