NATIONAL NEWS

क्या है ऑपरेशन लल्लनटॉप ! मजदूर-दूध और नारियल वाला बन पुलिस ने आरोपियों को पकड़ा:12 साल पहले की थी मुनीम की हत्या; फलोदी के सट्टा बाजार और सोजत की मेहंदी से पहचाना

TIN NETWORK
TIN NETWORK
FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare

मजदूर-दूध और नारियल वाला बन पुलिस ने आरोपियों को पकड़ा:12 साल पहले की थी मुनीम की हत्या; फलोदी के सट्टा बाजार और सोजत की मेहंदी से पहचाना

जोधपुर

जोधपुर के पास फलोदी में 12 साल पहले हुई एक मुनीम की हत्या में पुलिस ने तेलंगाना और बिहार से तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इन तीन आरोपियों में से दो सगे भाई है और एक चाचा का लड़का है।

पुलिस ने जब दो महीने पहले इस केस को रि-ओपन किया तो इनके फोटो नहीं थे। एक इनपुट पर पुलिस बिहार और तेलंगाना पहुंची। पुलिस वाले नारियल पानी, दूध बेचने वाले और मजदूर बन इन आरोपियों तक पहुंचे। इस बीच जब इन आरोपियों से फलोदी सट्टा बाजार और सोजत मेहंदी को लेकर जिक्र किया तो पुलिस को संदेह हुआ और आरोपियों को गिरफ्तार किया।

पुलिस बुधवार सुबह इन तीनों आरोपियों को लेकर जोधपुर पहुंची। इस ऑपरेशन को ‘लल्लनटॉप’ नाम दिया गया। 12 लोगों की टीम ने 2 महीने की मशक्कत के बाद इन आरोपियों को पकड़ा।

पुलिस की गिरफ्त में (लाल और नीले टीशर्ट) दोनों आरोपी लाल देव और नरेश है। ये दोनों तेलंगाना में मजदूरी कर रहे थे।

पुलिस की गिरफ्त में (लाल और नीले टीशर्ट) दोनों आरोपी लाल देव और नरेश है। ये दोनों तेलंगाना में मजदूरी कर रहे थे।

पढ़िए इस हत्याकांड के लिए पुलिस ने कैसे चलाया ऑपरेशन लल्लनटॉप….।

रेंज आईजी विकास कुमार ने बताया कि 10 दिसंबर 2012 को फलोदी के खींचन में बिहार के मुजफ्फुर जिले में काठी थाना क्षेत्र निवासी लाल देव, नरेश और उदय ने सोनामुखी की फैक्ट्री में एक मुनीम की हत्या कर दी थी। तीनों आरोपी इसी फैक्ट्री में 1 महीने से काम कर रहे थे। लूट के फिराक में तीनों ने मिलकर मुनीम कोजाराम की हत्या कर डेढ़ लाख रुपए लेकर फरार हो गए थे।

दो दिन बाद जब कोजाराम का फैक्ट्री के पास बोरी में शव मिला तो पता चला कि लाल देव, नरेश और उदय इस हत्या के बाद से फरार है। इनमें लाल देव और नरेश दोनों सगे भाई है। जबकि उदय चाचा का लड़का है। तीनों एक ही घर में रहते है।

इस हत्याकांड के बाद से इन तीनों का कोई सुराग नहीं था। दो महीने पहले जब रेंज में स्पेशल टीम बनाई तो फाइल को री-ओपन किया गया। पुलिस के पास केवल ये इनपुट था कि तीनों बिहार के रहने वाले है। इस पर टीम को दोबारा वहां भेजा लेकिन काेई तलाशी नहीं मिली।

इसी बीच एक महीने पहले ये इनपुट​ मिला कि लाल देव और नरेश की मां का देहांत हो चुका है हो सकता है कि ये तीनों आरोपी यहां आए। इस पर टीम को बिहार इनके घर भेजा गया।

जोधपुर पुलिस बुधवार सुबह ही इन तीनों को जोधपुर लेकर आई थी। 12 साल पहले तीनों हत्या कर दिल्ली गए थे और वहां से बिहार।

जोधपुर पुलिस बुधवार सुबह ही इन तीनों को जोधपुर लेकर आई थी। 12 साल पहले तीनों हत्या कर दिल्ली गए थे और वहां से बिहार।

बिहार से तीनों के पंजाब, तेलंगाना और बिहार का इनपुट मिला

रेंज आईजी ने बताया कि टीम वहां पहुंची तो तीनों आरोपी वहां नहीं मिले। लेकिन, घर में मातम के बीच एक संदिग्ध व्यक्ति नजर आया जो इनके घर का सारा खर्च उठा रहा था। टीम ने उस व्यक्ति की जानकारी लेकर उसके बैंक अकाउंट को खंगाला। सामने आया कि उसके अकाउंट में पंजाब, तेलंगाना और बिहार से पैसे आ रहे है।

इसके बाद 12 लोगों की टीम बनाकर इन तीन जगह पर भेजा गया। आखिर में इनपुट मिला कि लाल देव और नरेश तेलंगाना में है और उदय बिहार में है। रेंज आईजी ने बताया कि टीम के पास फोटो नहीं थे तो इन आरोपियों की तलाशी के लिए तेलंगाना में सब इंस्पेक्टर प्रमीत चौहान ​नारियल पानी वाला, कॉन्स्टेबल महेंद्र उज्जवल पशुपालक और चारे वाला, हेड कॉन्स्टेबल महेंद्र कुमार दूध वाला और बिहार में कॉन्स्टेबल नगाराम ईंट भट्टे पर मजूदर बन रेकी की।

तीनों रिश्ते में भाई लगते है। ये 12 से ज्यादा वारदात को अंजाम दे चुके है।

तीनों रिश्ते में भाई लगते है। ये 12 से ज्यादा वारदात को अंजाम दे चुके है।

पुलिस वाले आरोपियों के बीच मजदूर बनकर काम किया, दोनों भाई ऐसे पकड़े गए

उदय लाल फलोदी सट्टे बाजार से पकड़ में आया: जोधपुर पुलिस को इनपुट मिला कि लाल देव और नरेश तेलंगाना के श्वारा ओपेठा जिला कोठे गुडम के विनायपुर गांव में मजदूरी कर रहे है। इस पर हेड कॉन्स्टेबल महेंद्र कुमार दूध वाला और कॉन्स्टेबल महेंद्र उज्जवल पशु पालक और चारे वाला बने और दोनों आरोपियाें तक पहुंचे। यहां बड़ी संख्या में मजदूर थे तो दोनों का पता लगाना मुश्किल था।

इस पर मजदूरों के बीच दोनों पुलिस वाले पहुंचे। यहां हेड कॉन्स्टेबल महेंद्र कुमार ने चुनाव पर बात छेड़ी और पूछा इस बार कौन जितेगा। इतने में लाल देव बोला कि फलोदी में सट्टा लगता है। इस पर जब उससे पूछा गया कि फलोदी कहा है ? तब लाल देव ने बता दिया कि जोधपुर के पास।

नरेश सोजत की मेहंदी से पकड़ में आया: कुछ मजदूर बालों में कलर करवा रहे थे। यहां कॉन्स्टेबल महेंद्र उज्जवल ने पूछा कि डाई क्यों करवा रहे हो मेहंदी लगाओ। तभी उनमें से एक ने बोला कि मेहंदी में भी केमिकल होता है। इनके बीच में नरेश भी था। तभी नरेश बोला कि सोजत की मेहंदी अच्छी है। इस पर पुलिस को शक हो गया कि दूसरा आरोपी ये ही।

पुलिस ने दोनों के फोटो लेकर फलोदी फैक्ट्री में भेजे, जहां मुनीम की हत्या हुई थी। यहां से पता चला कि ये दोनों ही आरोपी है और पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार किया।

वहीं तीसरा आरोपी बिहार के पटना जिले के बिहट्टा में था। यहां पर कॉन्स्टेबल नगाराम ईंट भट्टे पर मजदूरी कर तीसरे आरोपी तक पहुंचे और टीम को इनपुट दिया कि उदय एक बिल्डिंग में सरिया का काम करता है। पुलिस वहां पहुंची तो दो मजदूर थे, जो सरिया का काम कर रहे थे। पुलिस ने दोनों को हिरासत में लिया और पूछताछ की तो उदय ने बताया कि तीसरा आराेपी वो खुद है।

मां के अत्याचार से परेशान होकर सीधे फलोदी आए थे

आरोपी लाल देव और नरेश ने बताया कि वे दोनों सगे भाई है। बचपन में पिता की मौत हो गई थी। उदय चाचा का लड़का है। उदय के पिता पिता ने दूसरी शादी की थी। तीनों एक ही घर में रहते थे लेकिन, उदय की सौतेली मां काफी परेशान करती थी और तीनों की पिटाई करती थी।

तीनों उसके अत्याचार से परेशान होकर गांव से भाग गए और सीधे फलोदी पहुंचे। यहां सोनामुखी की फैक्ट्री में एक महीने तक काम किया। इसी बीच उन्हें पता चला कि मुनीम कोजाराम के पास काफी कैश रहता है और इसी वजह से उसके मर्डर का प्लान बनाया।

तीनों मर्डर के बाद जोधपुर से दिल्ली आए और वहां से बिहार चले गए। इस बीच पुलिस को कई बार इनपुट मिला कि वे बिहार में अपने गांव आए है लेकिन दबिश के दौरान वे मिले नहीं।

इस ऑपरेशन के कामयाब होने पर आईजी विकास कुमार ने टीम में शामिल पुलिसकर्मियों को बधाई दी।

इस ऑपरेशन के कामयाब होने पर आईजी विकास कुमार ने टीम में शामिल पुलिसकर्मियों को बधाई दी।

नक्सलियों से वसूल चुके रुपए, नाम और लोकेशन पर नाम पड़ा ऑपरेशन ‘लल्लनटॉप’

तीनों आरोपी ने खींचन में हत्या कर फरार होने के बाद अब तब एक दर्जन से अधिक वारदात को अंजाम दे चुके हैं। इनमें हत्या, लूट, ठगी नक्सलियों के लिए पैसे वसूलना आदि है। इन आरोपियों के दाे अन्य भाइयों के खिलाफ भी आपराधिक मामले है।

रेंज आईजी ने इस ऑपरेशन के लल्लनटॉप नाम की भी कहानी बताई। उन्होंने बताया कि तीन आरोपी में लाल देव, उदय व नरेश तीनों के नाम की पहला एल्फाबेट और जहां इनको पकड़ने के लिए कार्रवाई चल रही थी, वह तेलंगाना, ओडिशा व पंजाब। था इन शहरों के नाम का पहला अक्षर लिया और सभी को मिलाकर ऑपरेशन का नाम ‘लल्लनटॉप’ रखा।

FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare

About the author

THE INTERNAL NEWS

Add Comment

Click here to post a comment

error: Content is protected !!