मुद्दे भटकाने से जेठानंद नहीं भटकेगा, दस सवालों का जवाब तो देना ही होगा
विधायक ने कहा-सवाल पूछना मेरा अधिकार नहीं, कर्त्तव्य है
राजीव यूथ क्लब का मुद्दा उठाते ही क्यों घबराए कल्ला!
बीकानेर (पश्चिम) विधायक जेठानंद व्यास ने कहा कि फोबिया मुझे नहीं बल्कि डॉ. बी.डी. कल्ला को हो गया है। राजस्थान के इतिहास में यह पहली बार है कि दस चुनाव लड़ने वाले व्यक्ति को दस महीने से भी कम समय पहले विधायक बने जेठानंद जैसे नए जनप्रतिनिधि के सवालों पर तीन दिन में दूसरी बार सफाई देनी पड़ी है। उन्होंने कहा कि सवाल पूछना मेरा अधिकार नहीं, बल्कि कर्त्तव्य है। यह जिम्मेदारी एक लाख मतदाताओं ने दी मुझे दी है। इस जिम्मेदारी का पालन करते हुए मैंने दस सवाल रखे हैं। आपको परिपक्व राजनीति का परिचय देते हुए इनके जवाब देने चाहिए। उन्होंने साफ कहा कि मुद्दों को भटकाने से जेठानंद भटकने वाला नहीं है। उन्होंने फिर दोहराया कि कृषि विश्वविद्यालय को खंड-खंड करने और यहां के पेंशनर्स की समस्या का समाधान, ऊर्जा मंत्री रहते हुए बिजली कंपनी के विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं करने और प्रदर्शन के दौरान अपना मुकदमा हटवाने एवं दूसरों के अब तक पड़े रहने, राजस्थानी भाषा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी में एक भी स्थाई कार्मिक नहीं होने, जिला अस्पताल की अनदेखी करने, रेलवे फाटकों की समस्या के समाधान की बजाय रेल बाईपास को मुद्दा बनाए रखने, करमीसर रोड पर पूर्व चिह्नित स्थान पर बालिका महाविद्यालय नहीं खुलने देना जैसे दस सवालों के जवाब देना होगा। उन्होंने कहा कि आज महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय स्टाफ को तरस रहा है। गत वर्ष प्रदेश के इकलौते पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के दो टुकड़े हो गए और कल्ला मौन रहे। तकनीकी विश्वविद्यालय पूरे पांच साल कॉलेज परिसर में चलता रहा। कल्ला ने उद्योगों का जितना विकास नहीं किया, उससे बड़ा नासूर करणी औद्योगिक क्षेत्र से कृषि विश्वविद्यालय तक गंदे पानी के समुद्र के तौर पर दिया है। कल्ला का कभी इस ओर ध्यान ही नहीं गया। जिसके कारण आज सैकड़ों बीघा भूमि अनुपयोगी हो गई है। लोग वहां खड़े नहीं रह पाते। रीको के औद्योगिक क्षेत्रों में आधारभूत सुविधाओं का विकास नहीं हुआ। इस कारण यहां नए उद्योग नहीं आ पाए। कल्ला पूरे पांच साल में हवाई सेवाओं के विकास के मद्देनजर एयरपोर्ट विकास के लिए भूमि आवंटित नहीं करवा पाए। शहरी यूपीएससी भवन बनवा दिए, लेकिन इनमें स्टाफ नहीं लगा पाए। मुरलीधर व्यास नगर का कन्या महाविद्यालय दो कमरों में चल रहा है। उन्होंने कहा कि कल्ला यह बताएं कि आज जोधपुर, कोटा और अजमेर जैसे संभाग मुख्यालयों के मुकाबले बीकानेर इतना पिछड़ा क्यों है? कोटा जैसा एक भी सर्किल बीकानेर में हो तो इसकी जानकारी दे। उन्होंने कहा कि कल्ला ने आधारभूत सुविधाओं का विकास बिना किए संस्थान खुलवाकर झूठी वाहवाही लूटने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि कल्ला ने बीकानेर के लिए इतना कुछ किया होता तो जनता उन्हें नकारती नहीं। विधायक ने कहा कि यह फोबिया वास्तव में विधानसभा में राजीव यूथ क्लब का मुद्दा उठाने से कल्ला को हुआ है। यदि कल्ला को लगता है कि मैं गलत हूं, तो राजीव यूथ क्लब का पिछले पांच सालों का आय-व्यय का सम्पूर्ण ब्यौरा बीकानेर की जनता के समक्ष रख दें।
विधायक का विधानसभा में साफगोई से बोलना डॉ. कल्ला को नागवार गुजरा
भाजपा नेता राजकुमार किराडू ने कहा कि पूर्व मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला को पहली बार ऐसी चुनौती मिली है। इससे कल्ला और उनके परिवारजन सकते में हैं। हास्यास्पद स्थिति यह है कि कल्ला को बार-बार बयान जारी कर बताना पड़ रहा है कि उन्होंने अपने कार्यकाल में क्या-क्या कार्य किए? किराडू ने कहा कि कल्ला को विधायक जेठानंद व्यास का विधानसभा में साफगोई से बोलना पसंद नहीं आया, क्योंकि विधायक ने पूरे प्रदेश के सामने डॉ. कल्ला के राजनैतिक जीवन की विफलताओं और परिवारवाद को रखा है। उन्होंने कहा कि जेठानंद व्यास भलेही विधायक अब बने हों, लेकिन सार्वजनिक जीवन में पिछले कई दशकों से हैं। विधायक द्वारा सभी मुद्दे पूर्ण गंभीरता और जिम्मेदारी के साथ उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि कल्ला की अगुवाई में विधानसभा और लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया। लोकसभा चुनाव में भाजपा को बीकानेर पश्चिम में लगातार सबसे बड़ी जीत मिली। इससे कल्ला की साख प्रभावित हुई है और वे मनगढ़त बातें कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कल्ला ने मंत्री रहते हुए कभी भी कार्यकर्ताओं की कद्र नहीं की। वे अपने भाई-भतीजों के इर्द- गिर्द कैद रहे। कांग्रेस को इसका खामियाजा भुगतना पड़ा। कांग्रेस के समर्पित कार्यकर्ता धीरे-धीरे पार्टी से दूर होने लगे। उन्होंने कहा कि जब कल्ला ने गत चुनाव को सार्वजनिक तौर पर अंतिम चुनाव मान लिया था तो अब किस राजनीतिक महत्वाकांक्षा के कारण कल्ला बार-बार ऐसे बयान जारी कर रहे हैं। कल्ला को चाहिए कि वे अपने परिवार के मोह से बाहर निकलें और नए कार्यकर्ताओं को आगे बढ़ाएं।
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