US एयरफोर्स में PAK मूल की महिला सैनिक:4 साल पहले धोखे से निकाह के लिए पेरेंट्स पाकिस्तान ले गए; हामना ने फैमिली ही छोड़ दी
न्यूयॉर्क

हामना की यह तस्वीर 2019 में पाकिस्तान में ली गई थी। तब उनके पेरेंट्स हामना को बिना बताए सगाई के लिए पाकिस्तान ले गए थे।
23 साल की हामना जफर पाकिस्तान मूल की हैं और इस वक्त अमेरिकी एयरफोर्स में सर्विंग ऑफिसर हैं। चार साल पहले हामना के पेरेंट्स उन्हें बिना वजह बताए पाकिस्तान ले गए। वहां हामना के निकाह की पूरी तैयारियां थीं। हामना अपने सपने पूरे करना चाहती थीं।
वो किसी तरह पाकिस्तान से अमेरिका आ गईं और अब अमेरिकी एयरफोर्स में हैं। अमेरिकी मैगजीन ‘द पीपुल’ ने हामना के संघर्ष और परिवार छोड़ने की कहानी बयां की हैं। आइए इसे तफ्सील से जानते हैं।

हामना की पोस्टिंग फिलहाल किर्टलैंड बेस पर है। उनकी यह तस्वीर ड्यूटी के दौरान एक कॉल अटैंड करते वक्त क्लिक की गई।
19 की उम्र में शादी कराना चाहते थे पेरेंट्स
- हामना सिर्फ 19 साल की थीं। एक दिन उनके पेरेंट्स ने पूरी फैमिली के साथ पाकिस्तान जाने का फैसला किया। इसकी कोई वजह नहीं बताई गई थी। हामना के मुताबिक- मैं ‘ड्रीम अमेरिका’ में यकीन करती हूं। उस वक्त भी पाकिस्तान नहीं जाना चाहती थी। कट्टरपंथी मुस्लिम फैमिली की मेंबर होने के नाते पाकिस्तान जाने के हुक्म को टाल नहीं सकी।
- हामना कहती हैं- हमेशा पेरेंट्स के बारे में सोचा करती थी। एक छोटी बहन भी थी। लेकिन, पाकिस्तान में एक रात के बाद सिर्फ मैंने खुद के बारे में सोचना शुरू किया। अमेरिका में हमारी फैमिली मेरीलैंड में रहती है। पढ़ाई में शुरू से बहुत अच्छी थी। यही अच्छी रहा कि पेरेंट्स ने कभी पढ़ाई से नहीं रोका। लेकिन, वो बहुत जल्द मेरी शादी कर देना चाहते थे।
- हामना आगे कहती हैं- मुझे उम्मीद थी कि पेरेंट्स अमेरिकी कल्चर को समझेंगे। मुझे कॅरियर बनाने देंगे। लेकिन, वो जल्द से जल्द मेरा निकाह कर देना चाहते थे और वो भी अरेंज्ड मैरिज।

हामना ने यह तस्वीर अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर भी शेयर की है।
पाकिस्तान में क्या हुआ
- हामना के मुताबिक- 2019 में जब मैं पाकिस्तान पहुंची तो एक शाम घर में किसी फंक्शन की तैयारी थी। कुछ देर बाद पता लगा कि मेरी सगाई होने वाली है। सामने ज्वैलरी और कई तरह के खूबसूरत ड्रेसेज थे। पेरेंट्स चाहते थे कि मैं 20 साल की होने वाली हूं। किसी दूसरे पुरुष से आंखें न मिलाऊं, इसलिए वो शादी कर देना चाहते थे।
- हामना के मुताबिक- मेरी सगाई मेरे ही कजिन से तय की गई। सब बहुत खुश थे। लेकिन, मैं तकलीफ में थी। जिस शख्स से मेरी सगाई की गई, उससे मैंने शायद ही कभी बात की। चंद दिन बाद हम अमेरिका लौट आए। मैंने मां को समझाने की बहुत कोशिश की। जब उन्हें पता लगा कि मैं तो अमेरिकी सेना में जाने का सपना देख रही हूं, वो नाराज हो गए। मजबूरी ये थी कि मैं उन पर ही निर्भर थी हामना कुछ करतीं, इसके पहले ही कोविड का दौर शुरू हो गया। जफर कहती हैं- वो थका देने वाला वक्त था। एक समय तो मुझे लगा कि मेरे सपने टूट चुके हैं और मुझे पेरेंट्स की बात माननी ही होगी।

ड्यूटी के दौरान एक चेक पॉइंट पर मौजूद हामना जफर।
फिर कैसे बदले हालात
- जफर कहती हैं- एक दिन मेरे कॉलेज फ्रेंड ऑस्टिन ने मुझसे कहा कि तुम मेरी फैमिली के रहो। मैं उसके घर चली गई। यहीं रहकर मैंने डिग्री कम्पलीट की। एयरफोर्स में लिस्ट भी हो गई। ऑस्टिन की मां क्लाउडिया बेरेरा को हामना अपनी मां के तौर पर ही देखती हैं।
- क्लाउडिया कहती हैं- इस प्यारी बच्ची की हिफाजत करना मेरी जिम्मेदारी थी। एयरफोर्स में सिलेक्शन के होने के बाद जब मैं उसे ट्रेनिंग के लिए छोड़ने गई तो मुझे रोना आ गया। मैंने वहां कहा- वो तो बच्ची है। सिर्फ 5 फीट और 2 इंच उसकी हाइट है। लेकिन, इरादों की बहुत मजबूत है।
- हामना कहती हैं- ट्रेनिंग बेहद सख्त थी और पूरे दिन हमें इसी माहौल में रहना होता था। फिजिकली फिट रहने के साथ ही कुछ और चैलेंज भी पूरे करने होते थे। कोहनी के बल रेंगना, कीचड़ में फाइटिंग स्किल्स और भी बहुत कुछ करना होता था। शरीर और दिमाग थक जाता था। मैंने वहां जो कुछ सीखा, उसका सार ये निकला कि मन को शरीर से ज्यादा मजबूत रखना चाहिए।
- हामना को ट्रेनिंग देने वाले सार्जेंट रॉबर्ट स्टीवर्ट कहते हैं- मैंने उससे सिर्फ यही सिखाया कि खुद पर भरोसा करो। बाकी चीजें अपने आप रास्ते पर आ जाएंगी। इसके लिए तुम्हें परेशान होने की जरूरत ही नहीं है।

ट्रेनिंग के बाद ऑस्कर एब्रेका और उनकी पत्नी क्लाउडिया बेरेरा के साथ हामना जफर। हामना कहती हैं- इस परिवार ने एक तरह से मुझे गोद लिया। अगर मैं अपना सपना पूरा कर पाई तो इन्हीं माता-पिता की वजह से। इन्हें ऊपरवाले ने मेरी मदद के लिए फरिश्ते के तौर पर भेजा।
फैमिली ने कभी जवाब नहीं दिया
- स्टीवर्ट के मुताबिक- इस लड़की ने जो सपना देखा, उसे पूरा भी किया। ट्रेनिंग के दौरान उसने कई बार पेरेंट्स और फैमिली से संपर्क करने की कोशिश की। वहां से कभी कोई जवाब नहीं मिला। मेरी पत्नी आज भी उसको इमोश्नल सपोर्ट देती हैं। जब वो ग्रेजुएट हुई तो ट्रेनिंग में चली गई। वो चाहती थी कि ग्रेजुएशन सेरेमनी में उसकी फैमिली शामिल हो, लेकिन वो नहीं आए। कॉल का भी जवाब नहीं दिया।
- हामना खुद कहती हैं- मुझे लगता है कि पेरेंट्स को मुझ पर फख्र होना चाहिए। उनकी बेटी ने उनका सिर गर्व से ऊंचा किया है। लेकिन, अफसोस ऐसा कभी नहीं हुआ। उन्होंने मुझसे रिश्ता ही तोड़ दिया।
- क्लाउडिया कहती हैं- उम्मीद है कि हामना की फैमिली को एक दिन जरूर अपनी गलती का अहसास होगा। वो खुद से सवाल करेंगे कि बेटी को आखिर क्यों छोड़ दिया। अमेरिका की खूबसूरती यही है कि उसने जो सपना देखा, उसे पूरा भी किया। अगर वो पाकिस्तान में शादी कर लेती तो क्या इस मुकाम तक पहुंच पाती? उसका परिवार और खासतौर पर दो छोटी बहनें जो सलूक उसके साथ कर रही हैं, एक दिन उन्हें पछताना पड़ेगा।
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