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अनगिनत देशवासियों के बलिदान के बाद मिली आजादी, इसे सुरक्षित रखने ‘देश प्रथम’ की भावना को समृद्ध करना जरूरी: राज्यपाल श्री बागडे

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अनगिनत देशवासियों के बलिदान के बाद मिली आजादी, इसे सुरक्षित रखने ‘देश प्रथम’ की भावना को समृद्ध करना जरूरी: राज्यपाल श्री बागडे
राष्ट्रीय महिला आयोग और नगर निगम के तत्वावधान में ‘हम भारत की महिलाएं’ कार्यक्रम आयोजित

बीकानेर, 26 नवम्बर। राज्यपाल श्री हरिभाऊ बागडे ने कहा कि अनगिनत देशवासियों के सर्वस्व बलिदान के फलस्वरूप देश को आजादी मिली। इसे लाखों वर्षों तक सुरक्षित रखने के लिए ‘देश प्रथम’ की भावना को समृद्ध करना होगा।

राज्यपाल श्री बागडे मंगलवार को बीकानेर के रवींद्र रंगमंच पर राष्ट्रीय महिला आयोग तथा नगर निगम के तत्वावधान में आयोजित ‘हम भारत की महिलाएं’ समारोह को संबोधित कर रहे थे।

राज्यपाल ने कहा कि विदेशी आक्रांताओं ने एक हजार वर्षों तक भारत की संस्कृति को मिटाने के प्रयास किया, लेकिन इस पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा क्योंकि हमें हमारी संस्कृति पर विश्वास था। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ कालखंड में अनेक संस्कृतियां खत्म हो गई, मगर भारत की संस्कृति को कोई खंडित नहीं कर सका।

राज्यपाल ने किसी भी देश के विकास में शिक्षा नीति को महत्वपूर्ण बताया और कहा कि शिक्षा से ही देश के प्रति विश्वास रखने वाले स्वाभिमानी और आदर्श लोग गढ़े जाते हैं। राज्यपाल ने कहा कि भारत का संविधान हमें एक सूत्र में बांधता है। वर्ष 2014 से प्रतिवर्ष संविधान दिवस मनाया जाता है। उन्होंने अखंड भारत की संविधान समिति तथा आजादी के पश्चात गठित संविधान समिति और इसके कार्यों के बारे में बताया। राज्यपाल ने कहा कि संविधान समिति में 15 महिलाएं थीं। इसमें राजस्थान के 15 तथा बीकानेर के दो लोग भी शामिल थे।

राज्यपाल ने कहा कि बाबा साहेब का कथन था कि संविधान चाहे कितना भी अच्छा क्यों ना हो, मगर उसे अमल में लाने वाले लोग खराब होंगे, तो यह संविधान अच्छा साबित नहीं होगा। उन्होंने सभी को विकारों से मुक्त रहना सीखने, बच्चों को शिक्षित करने, महान व्यक्ति बनने की महत्वाकांक्षा पैदा करने तथा नफरत मिटाने की पैरवी की। उन्होंने कहा कि भारत का नागरिक अच्छा होगा तो भारत की प्रगति होगी। जब तक मन शुद्ध नहीं होता, तब तक नैतिकता की अपेक्षा नहीं की जा सकती।

राज्यपाल ने कहा कि संविधान ने भाषा, क्षेत्र और संस्कृति के नाम पर भेदभाव को स्वीकार नहीं किया। उन्होंने सभी को ‘पहले और अंतिम भारतीय तथा भारत से परे कुछ नहीं का रुख’ अपनाने की पैरवी किया।

राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती विजया रहाटकर ने कहा कि संविधान दिवस पूरे देश के लिए महत्वपूर्ण है। हमें ऐसे देश के नागरिक होने का गर्व होना चाहिए, जिसके संविधान निर्माण में महिलाओं की भूमिका भी महत्वपूर्ण रही। उन्होंने कहा कि राजस्थान शौर्य और साहस की भूमि है। उन्होंने गार्गी मैत्रेई से लेकर रानी लक्ष्मी बाई, सावित्री बाई फूले और संविधान निर्माण में योगदान देने वाली महिलाओं को याद किया। उन्होंने कहा कि हमें लोकतंत्र व संविधान की मजबूती पर गर्व होना चाहिए, जिसमें महिलाओं ने नेतृत्व, नीति निर्माण सामाजिक सुधार में योगदान दिया। उन्होंने कहा कि संविधान निर्माण में महिलाओं की संघर्ष गाथा हमें सिखाती है कि बाधाओं के बावजूद बदलाव संभव है।

खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री श्री सुमित गोदारा ने कहा कि
बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के नेतृत्व में बना दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान आज पूरी दुनिया के समक्ष एक मिसाल है। इस संविधान निर्माण में 15 महिलाओं का बहुत बड़ा योगदान रहा। जिसे हमेशा याद रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि आज प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है। जल्दी ही यह दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा। इसमें संविधान द्वारा प्रत्येक नागरिक को दिए गए अधिकार का महत्वपूर्ण योगदान रहेगा।

राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य सचिव श्रीमती मीनाक्षी नेगी ने स्वागत उद्बोधन दिया। उन्होंने संविधान में महिलाओं के योगदान पर प्रकाश डाला। उन्होंने संविधान की उद्देशिका और नीति निर्देशक तत्वों का वाचन किया।

कार्यक्रम में बीकानेर पूर्व विधानसभा क्षेत्र विधायक सुश्री सिद्धि कुमारी, बीकानेर पश्चिम विधायक श्री जेठानंद व्यास और श्रीडूंगरगढ़ विधायक श्री ताराचंद सारस्वत बतौर अतिथि मौजूद रहे।

इस दौरान राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य श्रीमती अर्चना मजूमदार, श्रीमती ममता कुमारी, संभागीय आयुक्त श्रीमती वंदना सिंघवी, महानिरीक्षक पुलिस श्री ओमप्रकाश, जिला कलेक्टर श्रीमती नम्रता वृष्णि, पुलिस अधीक्षक श्री कावेन्द्र सिंह सागर, श्री चम्पा लाल गेदर, पूर्व महापौर श्रीमती सुशीला कंवर राजपुरोहित सहित बड़ी संख्या में प्रतिभागी मौजूद रहे।

फोटो प्रदर्शनी का किया उद्घाटन
इससे पूर्व राज्यपाल श्री हरिभाऊ बागडे ने रवींद्र रंगमंच परिसर में संविधान निर्माण में योगदान देने वाली 15 महिलाओं पर आधारित तथा सूचना एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा संविधान दिवस के अवसर पर लगाई गई ऐतिहासिक फोटो की प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। उन्होंने इनकी सराहना की। उन्होंने बीकानेरी नमकीन, मरुशक्ति सहित अन्य स्थानीय उत्पादों की स्टॉल्स का अवलोकन किया। इस दौरान संविधान निर्माण में योगदान देने वाली महिलाओं पर आधारित नाटक का प्रदर्शन किया गया।

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