छात्राओं के छात्रावासों और शिक्षण संस्थानों के लिए सीआईएसएफ जैसे केन्द्रीय छात्र सुरक्षा बल के गठन की माँग ! विशेष “छात्र हेल्पलाइन” बनाई जाए और 10 मिनट में मदद पहुँचे!
अस्पतालों में सीआईएसएफ तैनात की जाए! डाक्टरों और मरीजों के बीच हाथापाई की नौबत न आए इसलिए डाक्टरों और मरीजों के लिए बनाई जाएँ विशेष “त्वरित शिकायत निवारण हेल्पलाइन” ! 10 मिनट में मदद पहुँचे!
तत्काल अनलाइन एफआईआर दर्ज कराए जाने की व्यवस्था बनाई जाए.
भारतीय महिला अस्तित्व पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. मंजु गुप्ता कछावा ने बताया कि आज दिनाँक 24 अगस्त 2024 दिन शनिवार को शाम 4 बजे संयुक्त मीटिंग आयोजित की गई! छात्राओं की सुरक्षा और डाक्टरों की पिटाई रोकने तथा मरीजों की शिकातों के त्वरित निवारण के लिए व्यवस्था बनाने हेतु माँगें तय की गईं!
कोलकाता में आर. जी. कर मेडिकल कॉलेज में पीजी की स्टूडेंट जो कि रेजिडेंट डॉक्टर के तौर पर ड्यूटी पर थीं, न्यूज चैनल्स से प्राप्त जानकारी के अनुसार उनसे लगातार 36 घंटे ड्यूटी कराई गई थी तथा वे ड्यूटी के दौरान रात्रि में अस्पताल में ही विश्राम कर रही थीं तब उनके साथ बाहरी अपराधी ने अस्पताल के अंदर घुसकर बर्बरता की, बलात्कार और वीभत्स हिंसा कर उनकी हत्या कर दी. एक घटना जो मुंबई के पास ठाणे जिले के बदलापुर में चार वर्ष की दो छात्राओं के साथ स्कूल के बाथरूम में स्कूल के ही कर्मचारी द्वारा जो घृणित अपराध घटित हुआ है. दोनों मामलों में पुलिस को सूचित करने व पुलिस द्वारा एफआईआर दर्ज करने में जो लापरवाही की गई ऐसी पुनरावृत्ति न हो इसके लिए व्यवस्था बनाई जाए.
अक्सर ही ऐसे समाचार सामने आते रहते हैं कि पेशेंट या पेशेंट के साथ आए लोगों ने डॉक्टर को पीटा या मेडिकल स्टाफ के साथ मारपीट की. ऐसी घटनायें क्यों होती हैं? इसके कारण मीमांसा करने की आवश्यकता है जिसमें डॉक्टरर्स और पेशेंट्स दोनों पक्षों की स्थिति पर विचार करना आवश्यक है.
अस्पतालों में पेशेंट्स की संख्या के अनुपात में डॉक्टरर्स भी पर्याप्त संख्या में पदस्थ किए जाएँ. लाइन में वेटिंग समय में पेशेंटस को बैठने की आरामदायक व्यवस्था की जाए. डॉक्टर्स और पेशेंटस के लिए एक विशेष हेल्पलाइन नंबर की स्थापना की जाए जिस पर कॉल करने पर उस अस्पताल में स्थित सीआईएसएफ 10 मिनट के टारगेट समय में पहुँचे तथा कॉल पर लिखित कम्पलेन्ट ली जाए व कम्पलेन्ट का 24 घंटे में निवारण कर शिकायतकर्त्ता को लिखित तौर पर अवगत कराया जाए कि क्या कार्यवाही की गई है. साथ ही, अनलाइन एफआईआर करने की व्यवस्था की जाए जिस पर डॉक्टर्स और पेशेंट्स एफआईआर दर्ज कर सकें और उन्हें तत्काल एफआईआर नंबर मिल जाए.
राष्ट्रीय कार्याध्यक्ष (कार्यक्रम) सुश्री पिंकी जैन ने बताया कि माननीय प्रधानमंत्री जी व माननीय केन्द्रीय गृहमंत्री जी को संबोधित एक माँग-पत्र तैयार कर उस पर हस्ताक्षर अभियान चलाया जाएगा तथा सभी हस्ताक्षरों सहित उक्त माँग-पत्र को माननीय कलेक्टर के माध्यम से भेजा जाएगा.
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