*अफगानिस्तान मुद्दे पर चर्चा:NSA अजीत डोभाल रीजनल सिक्योरिटी डायलॉग के लिए दुशांबे रवाना; रूस, चीन, ईरान भी होगा शामिल*
नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर (NSA) अजीत डोभाल गुरुवार को एक रीजनल सिक्योरिटी डायलॉग में भाग लेने के लिए ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे के लिए रवाना हो गए हैं। भारत अपनी सुरक्षा के लिहाज से अफगानिस्तान से अपने संबंध ठीक कर रहा है जो काफी महत्वपूर्ण है। ये सम्मेलन ऐसे समय में हो रहा है जब सभी देशों का ध्यान रूस-यूक्रेन की ओर है। इस सम्मेलन में अफगानिस्तान के काम की समीक्षा की जाएगी। इस समय अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद किए गए वादों से मुकरने का आरोप लगाया जा रहा है। तालिबान ने लड़कियों और महिलाओं के अधिकारों को लेकर कहा था कि उन पर किसी तरह का प्रतिबंध नहीं लगाया जाएगा लेकिन तालिबान लगातार उसका उल्लंघन करता आ रहा है।
*किसी को कोई दिक्कत तो शांति से समझौता करेंगे*
सम्मेलन से पहले तालिबान ने बताया कि वे दोहा समझौते का पालन कर रहे हैं और किसी को भी पड़ोसी और क्षेत्रीय देश के खिलाफ आतंक के लिए अफगानिस्तान की धरती का उपयोग करने की अनुमति नहीं दे रहे हैं।
अगर किसी पड़ोसी देश को कोई समस्या है तो हम शांतिपूर्ण तरीके से उसका समाधान निकालने को तैयार हैं। हम चाहते हैं अफगानिस्तान भी व्यापार का केंद्र बने। इसके लिए हम सभी देशों से अच्छे संबंध सहयोग चाहते हैं।
*अफगानिस्तान ने कभी दबाव में काम नहीं किया*
तालिबान प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने कहा कि अफगानिस्तान ने कभी दबाव की रणनीति में काम नहीं किया। तालिबान ने अब तक भारत की सुरक्षा के खिलाफ कुछ भी नहीं किया। साथ ही भारत से मदद के तौर पाकिस्तान के रास्ते जमीनी मार्ग से 50000 मीट्रीक टन गेंहू अफगानिस्तान को भेजने पर तारीफ की है।
भारत के लिए ये डायलॉग महत्वपूर्ण होगा क्योंकि डोभाल के दुशांबे सम्मेलन में आतंकवाद पर जोर देने की उम्मीद है कि अफगानिस्तान की जमीन का किसी भी स्थिति में पाकिस्तान में पैदा हो रहे आतंकी समूह को भारत या किसी अन्य पड़ोसी देशों को निशाना बनाने के लिए इस्तेमाल नहीं होना चाहिए।
*बच्चों, महिलाएं और अल्पसंख्यकों का ध्यान रखें*
डोभाल शुक्रवार को ताजिकिस्तान में होने वाले सम्मेलन में रूस, चीनी, ईरानी और सभी मध्य एशियाई समकक्षों के साथ शामिल होंगे। उनकी द्विपक्षीय बैठकें भी होने की संभावना है।
बता दें दुशांबे में एनएसए लेवल का सुरक्षा वार्ता सम्मेलन लगातार हो रहा है। इसके पहले नवंबर में अजीत डोबाल की मेजबानी में हुआ था। सम्मेलन में आतंकवाद के मुद्दों के साथ अफगानिस्तान में एक अच्छी सरकार के लिए बात करने की उम्मीद है, जो महिलाओं, बच्चों और अल्पसंख्यकों के अधिकारों का ख्याल रखें।
*अफगानिस्तान में मानवाधिकार के हनन को लेकर चिंता*
तालिबान को पिछले कुछ महीनों में अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने महिलाओं के अधिकारों पर सख्ती और मानवाधिकारों के हनन के लिए समझाया है। यूएनएससी ने इस हफ्ते की शुरुआत में तालिबान से अफगान महिलाओं और लड़कियों के मानवाधिकारों और मौलिक अधिकारों को प्रतिबंधित करने वाली नीतियों को बदलने के लिए बोला था। साथ ही अफगानिस्तान में हो रहे मानवाधिकारों के हनन पर भी चिंता व्यक्त की है।
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