अर्जेंटीना से भारतीय तेजस विमान पर मिल सकती बड़ी खुशखबरी, चीन और पाकिस्तान के JF-17 को झटका
Tejas Fighter Jet: अर्जेंटीना ने चीन और पाकिस्तान को बड़ा झटका दिया है। अर्जेंटीना के नए राष्ट्रपति जाविएर मिलेई ने साफ कह दिया है कि वह चीन के साथ बिजनस नहीं करेंगे। इससे अब जेएफ-17 फाइटर जेट डील खटाई में पड़ती दिख रही है। अब भारत का तेजस और अमेरिकी एफ-16 इस रेस में हैं।
ब्यूनस आयर्स: अर्जेंटीना के नए चुने गए राष्ट्रपति जाविएर मिलेई ने चीन और पाकिस्तान दोनों को ही बड़ा झटका दिया है। अपने चीन विरोधी रुख के लिए चर्चा में चल रहे जाविएर ने खुलकर ऐलान कर दिया है कि उनका चीन के साथ बिजनस करने का कोई इरादा नहीं है। इसके साथ ही अब चीनी और पाकिस्तान के संयुक्त रूप से बनाए गए फाइटर जेट जेएफ-17 पर डील होने की संभावना न के बराबर हो गई है। आर्जेंटीना के इस फाइटर जेट डील की रेस में अमेरिका का एफ-16 सबसे आगे चल रहा है लेकिन उसे भारत के स्वदेशी तेजस फाइटर जेट से कड़ी टक्कर मिल रही है। तेजस फाइटर जेट में आज पीएम मोदी ने उड़ान भरकर इसकी काबिलियत को लेकर दुनिया को एक बड़ा संदेश देने की भी कोशिश की है।
अर्जेंटीना में चुनाव परिणाम आने के बाद से ही नए राष्ट्रपति ने चीनी ड्रैगन को कड़ा संदेश देना शुरू कर दिया है। अर्जेंटीना ने भारत, चीन, रूस आदि देशों को लेकर अपनी नीति में बड़े बदलाव का संकेत दिया है। अपने चुनाव प्रचार के दौरान जाविएर मिलेई ने आरोप लगाया था कि चीन ने उनके विरोधी के समर्थन में यूट्यूब पर प्रचार कराया है। इससे पहले की सरकार चीन के आगे झुक गई थी और ड्रैगन के साथ अपने रिश्ते को काफी बढ़ा दिया था। जाविएर मिलेई अब 10 दिसंबर को राष्ट्रपति पद की शपथ ग्रहण करने जा रहे हैं।
एफ-16 या भारत का तेजस, कौन मारेगा बाजी?
जाविएर मिलेई के इस कदम से चीन और अर्जेंटीना के बीच रिश्तों पर सवाल उठने लगा है। अर्जेंटीना ने चीन से 8 अरब डॉलर का भारी भरकम लोन ले रखा है। मिलेई के चीन के प्रति नकारात्मक रवैये से दोनों देशों के बीच जेएफ 17 फाइटर विमान डील को लेकर समझौता खटाई में पड़ता दिख रहा है। इससे पहले जेएफ-17 को दोनों देशों के बीच बढ़ते सहयोग का प्रतीक माना जा रहा था। दरअसल, अर्जेंटीना का फाल्कलैंड द्वीप को लेकर ब्रिटेन से विवाद है और यही वजह है कि लंदन की सरकारें उसे फाइटर जेट हासिल करने में बाधा डालती रही हैं। इसी वजह से आर्जेंटीना की पिछली सरकार चीन से जेएफ-17 खरीदना चाहती थी।
चीन के हाथ सौदा जाते देख अमेरिका इस पूरे मामले में कूद पड़ा और उसने एफ-16 फाइटर जेट का ऑफर दे डाला। वहीं भारत ने भी मौका देखकर अपने तेजस फाइटर का ऑफर दे दिया। भारत के तेजस में अमेरिकी इंजन लगा है और अगर यह डील तेजस को मिलती है तो यह उसका पहला अंतरराष्ट्रीय सौदा होगा। अब तक भारतीय विमान में कई देश रुचि दिखा चुके हैं लेकिन कोई डील नहीं हुई है। पिछले दिनों रिपोर्ट आई थी कि आर्जेंटीना ने अमेरिका के साथ एफ-16 को लेकर एक समझौता किया है ताकि 38 फाइटर जेट खरीदे जा सकें। हालांकि यह डील अभी पूरी तरह से हुई नहीं है। विशेषज्ञों के मुताबिक आर्जेंटीना चीन विरोधी रुख के कारण अमेरिकी एफ-16 या भारत के बने तेजस पर दांव लगा सकता है।
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