अहीर रेजिमेंट बना तो चीन की रूह कांप जाएगी, संसद में बोले निरहुआ, 162 सैनिकों ने 3000 को मार गिराया था
आजमगढ़ से भाजपा सांसद दिनेश लाल यादव निरहुआ ने लोकसभा में शून्यकाल के दौरान अहीर रेजिमेंट की मांग उठाई। उन्होंने कहा कि अहीर रेजिमेंट बना तो चीन की रुह कांप जाएगी। 1962 की घटना भी याद दिलाई।
आजमगढ़ से भाजपा सांसद दिनेश लाल यादव निरहुआ ने लोकसभा में शून्यकाल के दौरान अहीर रेजिमेंट की मांग उठाई। उन्होंने कहा कि अहीर रेजिमेंट बना तो चीन की रुह कांप जाएगी। निरहुआ ने 1962 की घटना का जिक्र करते हुए बताया कि क्यों देश को अहीर रेजिमेंट की जरूरत है। निरहुआ ने आजमगढ़ से चुनाव लड़ने के दौरान भी अहीर रेजिमेंट बनवाने के लिए पुरजोर आवाज उठाने का वादा किया था।
निरहुआ ने कहा कि अहीर रेजिमेंट की मांग लंबे समय से चल रही है। सेना में सभी जाति, धर्म, संप्रदाय और राज्य के योगदान और बलिदान को ध्यान में रखते हुए रेजिमेंट का निर्माण किया गया है। जाति, धर्म, संप्रदाय और राज्यों के आधार पर रेजिमेंट की मांग की गई है। इसको देखते हुए अहीर रेजिमेंट की मांग को बिल्कुल जायज बताया गया है। निरहुआ ने संसद में सरकार से मांग की कि अहीर रेजिमेंट का गठन जल्द से जल्द किया जाए।
निरहुआ ने जोर देते हुए कहा कि जिस दिन अहीर रेजिमेंट का गठन होगा, उस दिन चाइना की रूह कांप जाएगी। इसकी वजह बताते हुए उन्होंने कहा कि चीन को रेजांगला चौकी पर 1962 के युद्ध का संस्मरण अब तक है। कैसे 162 अहीर जवानों ने 3000 से अधिक सैनिकों को मार गिराया था। यह इतिहास है। चीन ने भी इस घटना को हमेशा याद किया है।
निरहुआ ने चीन को करारा जवाब देने के लिए इस पुरानी मांग पर एक बार फिर चर्चा की है। अभी इस मामले की चर्चा इसलिए हो रही है, क्योंकि पिछले दिनों चीनी सैनिकों से झड़प के बाद जमकर हंगामा हुआ है। अरुणाचल प्रदेश के तवांग इलाके में भारतीय सेना के जवानों ने चीनी सैनिकों के घुसपैठ के प्रयास को विफल कर दिया था। इस दौरान दोनों सेनाओं के बीच झड़प हुई थी। इस मामले को लेकर संसद में पिछले दिनों रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बयान भी दिया है। वहीं, चीनी पक्ष की ओर से भी बयान आ चुका है।
दरअसल, इस समय देश में अरुणाचल प्रदेश के तवांग में चीन की सेना से भारतीय सैनिकों की झड़प का मुद्दा गरमाया हुआ है। इस मामले को लेकर संसद में यह मुद्दा चर्चा का विषय बन गया। निरहुआ के अहीर रेजिमेंट की मांग के बाद सवाल यह उठने लगा है कि क्या भारत सरकार उनकी मांग पर कोई ध्यान देगी।
Add Comment