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आतंकी साजिश का मामला: एनआईए ने देश के जम्मू-कश्मीर तथा राजस्थान के जोधपुर सहित 18 स्थानों पर बड़े आतंकी हमले में की छापेमारी

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जोधपुर। राष्ट्रीय जांच एजेंसी सहित इंटेलिजेंस द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी संदिग्ध गतिविधियों के चलते जोधपुर के कथित पत्रकार के घर अर्ध रात्रि को कार्यवाही की गई। उल्लेखनीय है कि जोधपुर के रातानाडा इलाके में निवास करने वाले कथित पत्रकार बरकत के निवास स्थल पर कल रात लगभग 2 बजे राष्ट्रीय जांच एजेंसी सहित इंटेलिजेंस की टीमों ने छापा मारा।दिल्ली से आई NIA की टीम के साथ स्थानीय पुलिस टीम ने भी मामले में पड़ताल की है।कुछ संदिग्धों की गतिविधियां सामने आने पर की जा रही इस पड़ताल में , महत्वपूर्ण सूचनाओं को इधर उधर करने के आरोप लगे हैं । विश्वस्त सूत्रों की माने तो आज एनआईए द्वारा आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्त जनों पर की जा रही कार्यवाही के तहत जम्मू कश्मीर के छ जिलों सोपोर, कुपवाड़ा, शोपियां, राजौरी, बूडगाम, गंदेरबल सहित राजस्थान के जोधपुर में छापेमारी की गई है।अंदरूनी सूत्रों के अनुसार जोधपुर के उक्त पत्रकार बरकत पर पहले भी इस प्रकार के गंभीर आरोप लगते रहे हैं। एनआईए ने बरकत के घर से जरूरी दस्तावेज सहित मोबाइल फोन भी जब्त किए हैं। सूत्रों का कहना है कि “राजस्थान के जोधपुर जिले में छापेमारी की गई है क्योंकि वहां से भी संदिग्धों की संलिप्तता के संबंध में कुछ सूचना मिली थी। टीमें भेजी गईं और छापेमारी की गई है। कुछ डिजिटल सबूत जब्त किए गए हैं और उनका विश्लेषण किया जा रहा है।” अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि मामले के तार एक प्राथमिकी से जुड़े है जिसके तहत जांच एजेंसी द्वारा नागरिक हत्याओं सहित विभिन्न पहलुओं की जांच की जा रही है। एनआईए अब तक अकेले इस मामले में दो दर्जन से अधिक आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। यह मामला प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी), जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम), हिज्ब के कार्यकर्ताओं द्वारा जम्मू-कश्मीर और नई दिल्ली सहित अन्य प्रमुख शहरों में हिंसक आतंकवादी कृत्यों को अंजाम देने के लिए शारीरिक और साइबर स्पेस दोनों में साजिश से संबंधित है। उल-मुजाहिदीन (एचएम), अल बद्र और इसी तरह के अन्य संगठन और उनके सहयोगी जैसे रेसिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ), पीपल अगेंस्ट फासिस्ट फोर्सेज (पीएएफएफ) आदि। इन आतंकवादियों और कैडरों ने कई आतंकवादी कृत्यों को अंजाम दिया है, जिसमें कई निर्दोष नागरिकों और सुरक्षा कर्मियों की हत्याएं शामिल हैं, जिससे कश्मीर की घाटी में आतंक का राज कायम हो गया है, जिससे राज्य के अधिकार को चुनौती मिली है। जिसके बाद एनआईए ने आरसी 29/2021/एनआईए/डीएलआई) दिनांक 10.10.2021 के रूप में मामला दर्ज किया था और जांच शुरू की थी।

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