REPORT BY SAHIL PATHAN
इनसाइड स्टोरी: अधीर रंजन का ऐतराज, PM मोदी और CJI का साथ… यूं लगी प्रवीण सूद को CBI डायरेक्टर बनाने पर मुहर
New CBI Director Name: पीएम मोदी की अध्यक्षता में एक हाई-पावर्ड कमिटी ने बहुमत से कर्नाटक के डीजीपी प्रवीण सूद को सीबीआई का अगला निदेशक नियुक्त करने का फैसला किया।
हाइलाइट्स
- नए सीबीआई निदेशक का नाम चुनने को पीएम की अध्यक्षता में हुई बैठक
- कर्नाटक के डीजीपी प्रवीण सूद के नाम पर पीएम और CJI चंद्रचूड़ सहमत
- लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी को सूद के नाम पर आपत्ति थी
नई दिल्ली: कर्नाटक के डीजीपी प्रवीण सूद सीबीआई के अगले निदेशक होंगे। 1986 बैच के आईपीएस अधिकारी के नाम पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ सहमत थे। संभावितों की सूची में सूद ही सबसे वरिष्ठ थे। इसी आधार पर पीएम और सीजेआई ने उन्हें देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी सौंपने का मन बनाया। हालांकि, सूद के नाम पर लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी को ऐतराज रहा। सीबीआई निदेशक की नियुक्ति करने वाली तीन सदस्यीय समिति में वह भी हैं। शनिवार को दिल्ली में इस हाई-पावर्ड कमिटी की मीटिंग हुई। चौधरी ने बड़े विस्तार से सूद की उम्मीदवारी के खिलाफ दलीलें रखीं। मुख्यत: उनका ऐतराज इस बात से था कि सूद आईपीएस अधिकारियों के उस पूल का हिस्सा नहीं थे जो केंद्र में डीजीपी लेवल पर सेवा के योग्य हों। फिर भी पीएम और सीजेआई की राय एक होने से सूद की दावेदारी बेहद मजबूत हो गई। रविवार दोपहर उनकी नियुक्ति का ऐलान कर दिया गया।
प्रवीण सूद को मिला दो साल का फिक्स्ड-टर्म
सीबीआई की कमान अभी सुबोध कुमार जायसवाल के हाथ में है। उनका दो साल का कार्यकाल इसी महीने 25 तारीख को खत्म हो रहा है। उनके बाद रेस में सबसे सीनियर सूद ही हैं। सूत्रों के अनुसार, सीजेआई कैबिनेट नियुक्ति समिति (ACC) को भेजे गए तीन नामों में से सबसे सीनियर अधिकारी को CBI निदेशक नियुक्त करने के पक्ष में थे। सूद के रिटायरमेंट की तारीख 31 मई, 2024 है। उन्हें सीबीआई डायरेक्टर बनाने जाने के बाद उनका कार्यकाल मई 2025 तक फिक्स किया जा सकता है।
सूत्रों के अनुसार, दो अन्य ‘योग्य’ 1986 बैच के अधिकारियों में CISF प्रमुख शीलवर्धन सिंह का नाम है जो अगस्त में रिटायर हो रहे हैं। वहीं, NSG प्रमुख एमए गणपति को मार्च 2024 में रिटायर होना है। गणपति के पास सीबीआई में काम करने का अनुभव भी है। इसके बावजूद पैनल में बहुमत का रुझाव सूद के पक्ष में दिखा। सूद ने पहले कभी सीबीआई के साथ काम नहीं किया है।
वैसे देखा जाए तो दिल्ली स्पेशल पुलिस इस्टैब्लिशमेंट एक्ट और CVC एक्ट में बदलाव के बाद, तकनीकी तौर पर सुबोध को भी एक्सटेंशन दिया जा सकता था। इन संशोधनों के जरिए CBI और ED के प्रमुखों का अधिकतम कार्यकाल पांच साल का कर दिया गया था। इसमें दो साल का फिक्स्ड टर्म शामिल है जिसे ‘जनहित’ में तीन साल और बढ़ाया जा सकता है, एक-एक साल करके।
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