एक लूट लेता तो दूसरा फोन करता:किसान से कहते- ‘प्रेत गुस्से में है क्रिया करनी होगी’; तीन ठगों ने बारी-बारी 28 लाख ठगे
आपके खेत में छिपा हुआ खजाना है जिसे निकालने के लिए खुदाई करनी पड़ेगी। और जब किसान ने हामी भरी और खेत खुदवाया तो उसके होश उड़ गए।
ठगों ने ऐसा क्या जाल बुना कि किसान बार-बार उन्हें रुपए देता रहा…
दरअसल, बीकानेर के एक खेत में खजाना छिपा होने के नाम पर दिल्ली के कुछ लोगों ने एक किसान से 28 लाख रुपए ठग लिए। पहले खजाना निकालने के नाम पर खेत में खुदाई की गई और उसके बाद सिलसिलेवार एक नई कहानी बता कर किसान से 28 लाख रुपए की ठगी की गई। मजे की बात ये है कि ये ठगी किसी एक व्यक्ति ने नहीं बल्कि कई लोगों ने बारी-बारी की। जिस जगह गड्ढा खोदकर खजाने की पेटी रखी गई थी, उसमें मिट्टी का कलश और एक सांप निकला। श्रीडूंगरगढ़ थाने में अब मामला दर्ज हो गया है और पुलिस छानबीन कर रही है।
खेत में ये लोहे की पेटी निकली, जिसमें मिट्टी का कलश और सांप था।
पहले 10 हजार मांगे, फिर लूटते गए…
दरअसल, रिड़ी गांव के किसान रेवंतराम पुत्र इमरत नाथ के साथ ठगी हुई है। उसे गांव के ही लोगों ने बार-बार कहा था कि उसके खेत में खजाना छिपा हुआ है। ऐसे में जब उसने उनकी बात मान ली तो गांव के लोगों ने दिल्ली के कुछ लोगों से उसका संपर्क करवाया। शुरुआत में, इन ठगों ने क्रिया के लिए रेवंतराम से दस हजार रुपए लिए। जिसके बाद शुरू हुआ ठगी का खेल जो 28 लाख रुपयों तक पहुंच गया।
कोई प्रेत-आत्मा गुस्से में है…
गांव का रहने वाला टेमाराम मेघवाल पीड़ित के पास एक व्यक्ति को लेकर आया जिसने खेत में गड़ा धन निकालने के लिए तीन लाख 86 हजार 786 रुपए की मांग रखी। रेवंतराम ने ये रुपए टेमाराम के साथ आए शख्स को दे दिए। इसके बाद खेत में धन निकालने के लिए खुदाई शुरू की गई। कुछ देर बाद शख्स ने पीड़ित से कहा- तुम्हारे खेत में कोई प्रेत-आत्मा है जो धन को निकालने नहीं दे रही है, वो बहुत गुस्से में है।
यह सुनकर रेवंतराम के होश फाख्ता हो गए। ठग ने इसी का फायदा उठाकर पीड़ित को कहा कि अब इस प्रेत-आत्मा को शांत करने के लिए बड़ी क्रिया करनी होगी। जिसके लिए 17 लाख 86 हजार 786 रुपए खर्च करने पड़ेंगे।
दो से ठगा गया, तीसरे ने ऐसे लूटा
पीड़ित रेवंतराम उनकी बातों में आ गया और रुपए देने सीधा दिल्ली पहुंच गया। ठगों ने उसे कुतुब मीनार के पास स्थित एक दरगाह में बुलाया। ठगों ने रुपए लेकर कहा कि वो खेत में आकर ही प्रेतात्मा को शांत कर पाएगा। पीड़ित के अपने घर लौटने के बाद कुछ दिन बाद एक फोन आया जिसमें ठगों ने कहा कि आपने जिसे रुपए दिए थे उसका एक्सीडेंट हो गया है। फोन पर बात कर रहे ठग ने आगे की सारी जिम्मेदारी लेते हुए पीड़ित से कहा कि अब इस मामले में वो उसकी मदद करेगा और खेत में प्रेत-आत्मा को शांत करेगा।
पीड़ित को झांसे में लेने के बाद कहा गया कि नई क्रिया के लिए हरियाणा के फरीदाबाद से सामान लाना होगा। वो फरीदाबाद पहुंचा तो 4 लाख 10 हजार रुपए की डिमांड रख दी गई। जहां उसे 2 लाख 5 हजार रुपए जमा कराने के लिए कहा। पीड़ित ने ये राशि भी जमा करा दी।
7 दिन बाद पेटी खोली तो होश उड़े…
इस दौरान ठगों ने एक रात खेत में पहुंचकर एक गड्ढा खोदा और उसमें एक पेटी रख दी। पीड़ित से कहा गया कि इसे सात दिन बाद ही खोलना। जब सात दिन बाद लोहे की उस पेटी को जब खोला गया तो उसमें मिट्टी का कलश और एक सांप निकला।
इसके बाद, जब कई दिनों तक ठग श्रीडूंगरगढ़ नहीं आए तो उनके मोबाइल पर कॉल किया गया। फोन पर किसी महिला ने बताया कि उन्हें तो पुलिस उठाकर ले गई। जिसके बाद तब पता चला कि रेवंतराम के साथ भी ठगी हो गई है। पुलिस ने मामला दर्ज करके छानबीन शुरू कर दी है।
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