इतिहास विभाग के आयोजन में कुलपति दीक्षित द्वारा एमजीएसयू में सुभाष पार्क बनाने की घोषणा
नेताजी सुभाष चंद्र बोस जयंती के उपलक्ष्य में मंगलवार को एमजीएसयू इतिहास विभाग द्वारा नेताजी के स्वतंत्रता संग्राम में दिये योगदान को याद करते हुये राष्ट्रीय परिसंवाद आयोजित किया गया।
मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुये दर्शनशास्त्री प्रो॰ राजनारायण व्यास ने कहा कि नेताजी दर्शनशास्त्र के विद्यार्थी रहे। उनके संबंध में भारतीय आज तक छला हुआ महसूस करते हैं क्यूंकि आज तक नेताजी के मृत्यु के कारणों को सार्वजनिक नहीं किया गया, ये अन्वेषण का विषय है।
आयोजन सचिव इतिहास विभाग की डॉ॰ मेघना शर्मा ने स्वागत भाषण में नेताजी को भारत की स्वतंत्रता में एक ऐसी प्रेरक शक्ति बताया जिसने राष्ट्र की स्वाधीनता के मुद्दे को अंतरराष्टीय पटल पर रेखांकित करवाया। डॉ॰ शर्मा ने आगे बताया कि सर्वप्रथम माँ सरस्वती की प्रतिमा व नेताजी की तस्वीर के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन व पुष्पांजलि के साथ आयोजित परिसंवाद में विभाग के विद्यार्थियों ऐश्वर्या, कुलदीप, निधि, हिमांशु आदि ने नेताजी के स्वतंत्रता आंदोलन में योगदान विषय पर अपने विचार प्रकट किये। अध्यक्षता करते हुये कुलपति आचार्य मनोज दीक्षित ने विश्वविद्यालय परिसर में शीघ्र ही सुभाष पार्क बनाए जाने की घोषणा करते हुये नेताजी के स्वर्णिम युग को इतिहास में अतुलनीय बताया व मुखर्जी कमीशन का ज़िक्र करते हुये कहा कि बोस स्वामी विवेकानंद की परंपरा के नेता थे और जिस विमान हादसे में नेताजी को शहीद होना बताया जाता है, दस्तावेज़ों में ऐसा कोई हादसा अंकित ही नहीं है। सरकारें सदा ही कई देशों से संबंध खराब होने की आशंका के चलते आज तक नेताजी के अंत पर चुप्पी साधे रहीं हैं।
विभागाध्यक्ष प्रो॰ छंगाणी ने विद्यार्थियों से नेताजी के जीवन से सीखने का आह्वान किया व दृढ़ निश्चय को अपनेआप में सबसे बड़ा मोटिवेशन बताया। मंच द्वारा अतिथि व्यास का शॉल, पुष्पगुच्छ व स्मृति चिन्ह देकर अभिनंदन किया गया।
धन्यवाद ज्ञापन कुल्सचिव अरुण प्रकाश शर्मा द्वारा दिया गया। आयोजन में विश्वविद्यालय के शिक्षक, अधिकारीगण व विद्यार्थी उपस्थित रहे। मंच संचालन इतिहास विभाग के छात्र निखिल सिंह द्वारा किया गया।
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