एलओसी पर घायल सैनिकों को निकालने वाले कर्नल मोहित ममगेन अब आयरनमेन बने
भारतीय सेना के कर्नल मोहित ममगेन ने हाल ही में गोवा में सम्पन्न वह ‘ आयरनमेन’ ( ironman ) मुकाबला पूरा किया जो दुनिया के सबसे कठिन ताकत वाले खेल मुकाबलों में से एक गिना जाता है . साहस , मानसिक व शारीरिक ताकत और स्पीड में इंसान का चरम तक साबित करने वाले इस मुकाबले में प्रतिभागी को 1. 9 किलोमीटर अरब सागर में तैरना , 90 किलोमीटर का फासला साइकिलिंग से पूरा करना और 21 किलोमीटर की दौड़ लगानी होती है . कर्नल मोहित ममगेन ने यह सब 6 घंटे 51 सेकंड में पूरा करने की उपलब्धि हासिल की.
भारतीय सेना ने कर्नल मोहित ममगेन ( col mohit mamgain ) को आयरनमेन 70.3 (ironman 70.3 ) में कामयाबी के लिए , अपने आधिकारिक सोशल मीडिया पर पोस्ट डालकर, बधाई दी है. सेना की सेवा कोर (army service corps ) के कर्नल मोहित ममगेन सेना की क्वार्टर जनरल शाखा ( QMG branch ) में हैं . सेना ने इस मुकाबले के दौरान की उनकी फोटो भी शेयर की हैं और उनकी इस कामयाबी को अतुलनीय बताया है .
गोवा में आयरनमेन 70 .3 को समय पर पूरा कर लेने वाले 2024 विनफ़ास्ट आयरनमेन 70 .3 विश्व चैम्पियनशिप ( 2024 VinFast IRONMAN 70.3 World Championship) के लिए क्वालीफाई होंगे. यह विश्व मुकाबला 14 – 15 दिसंबर को न्यू ज़ीलैंड ( new zealand ) के ताउपो में होगा. वैसे खेल के मैदान के अलावा युद्ध जैसे हालात में भी कर्नल ममगेन के एक दफा किये गए ख़ास कारनामे को सराहा गया था जिसे ऐसे अवसर पर याद करना स्वाभाविक है .
एलओसी पर ऑपरेशन :
यह 23 साल पुरानी बात है. तारीख थी 28 अक्टूबर 2000. वक्त सुबह के 6 .30 बजे का था और जगह थी भारत पाकिस्तान सीमा का नौशेरा सेक्टर. तब यहां तैनात 14 गढ़वाल राइफल्स ने एलओसी पर एक खतरनाक ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए प्लान बनाया . इसके तहत मेजर अमिताभ रॉय ( बाद में कर्नल ) अपने कैप्टन भूपी खण्डका ( बाद में कर्नल ) और अन्य जांबाज़ सैनिक साथियों के पाकिस्तानी सेना के से आक्रामक युद्ध करने भेजे गए थे . उन्होंने पाकिस्तानी सेना के एलओसी के पास बनाए कंक्रीट के बंकर व दीवार धमाकों से उड़ा डाले और इस घमासान में तकरीबन दो दर्जन दुश्मन सैनिकों को भी मार डाला.
घायल सैनिकों को निकाला :
अपने साहस और वीरता के शानदार सबूत के तौर पर वह पाकिस्तानी सेना के हथियार और गोला बारूद तक उठा लाये थे. लेकिन इस ऑपरेशन में कई सैनिक घायल भी हुए थे. तब उन घायल सैनिकों को वहा से सुरक्षित निकालने का चुनौतीपूर्ण काम कैप्टन ( वर्तमान में कर्नल ) मोहित ममगेन के नेतृत्व में गए सैनिकों ने पूरा किया था .
जिस वक्त यह ऑपरेशन किया गया तब 14 गढ़वाल राइफल्स के कमांडर कर्नल वी जी खंडारे थे जो बाद में भारतीय सेना के लेफ्टनेंट जनरल के ओहदे से रिटायर हुए और फिर रक्षा मंत्रालय में सुरक्षा सलाहकार भी बने. इस साहसिक ऑपरेशन के लिए मेजर अमिताभ रॉय को वीर चक्र से सम्मानित किया गया था.
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