बीकानेर। संभागीय आयुक्त डॉ. नीरज के. पवन की पहल पर संभाग के सभी जिलों की विद्यालयों में प्रातः 11:11 बजे कार्यक्रम आयोजित हुए। इस दौरान दो मिनट का मौन रखकर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। वहीं एक साथ राष्ट्रगान का गायन किया गया। इस दौरान स्कूलों में जिले के सभी 22 शहीदों की वीरगाथा और कारगिल युद्ध इतिहास की जानकारी दी गई। संभागीय आयुक्त के निर्देशानुसार प्रत्येक स्कूल में 22 शहीदों के चित्र लगाए गए।
कारगिल विजय दिवस के अवसर पर गंगाशहर स्थित शांति बाल निकेतन मा. विद्यालय में बीकानेर के शहीदों के लिये श्रद्धांजलि कार्यक्रम रखा गया। इस अवसर पर शाला प्रधानाध्यापक, समस्त स्टाफ और विद्यार्थियों ने बीकानेर के शहीदों के चित्रों पर 11:11 बजे पुष्पांजलि अर्पित कर नमन किया। बच्चों ने उनकी शौर्य गाथाओं को अपने शब्दों में भाषण, कविता तथा देश भक्ति गीत में पिरोकर शहीदों को शब्दांजलि प्रस्तुत की। इस कार्यक्रम का संचालन शाला अध्यापक श्री विजय मोहन खत्री ने अपनी गरिमामय वाणी से कर वातावरण को और अधिक देश भक्ति मय बनाने का प्रयास किया।
बलिदान के प्रति पीढ़ियां कृतज्ञ
शांति बाल निकेतन के प्रधानाध्यापक श्री लोकेश मोदी ने कहा कि देश और देशवासियों की रक्षा के लिए सैनिक अपनी जान की बाजी लगा देते हैं। हमें इनके प्रति कृतज्ञता प्रकट करने के साथ देश के विकास में अपना योगदान देने का संकल्प लेना चाहिए।
शाला प्रधान ने अपने ओजपूर्ण उद्बोधन द्वारा देश की आन, बान, शान की सुरक्षा के लिए शहीदों के जज्बे को सलाम करते हुए विद्यार्थियों के दिल में देश सेवा की भावना को जागृत करने का बीजारोपण किया। इस दौरान 13 से 15 अगस्त तक आयोजित होने वाले हर घर तिरंगा अभियान के बारे में भी बताया गया।
शाला अध्यापिका श्रीमती रेखा शर्मा ने बताया कि कारगिल युद्ध में विपरीत परिस्थितियों होने के बावजूद भी भारतीय सैनिकों ने पाक सैनिकों के छक्के छुड़ा दिए 60 दिन चले इस युद्ध में तकरीबन 550 भारतीय सेना के अधिकारी एवं जवान शहीद हुए उनकी शहादत की वजह से कारगिल युद्ध बहुत ही दुर्गम होते हुए भी 26 जुलाई 1999 को भारत ने विजयश्री प्राप्त की।
शाला अध्यापिका श्रीमती पिंकी भाटी ने कारगिल की विषम परिस्थितियों में विजयश्री हासिल करने पर प्रकाश डाला तथा वीर शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए उनकी वीरता एवं बहादुरी का बखान किया।
कार्यक्रम की समाप्ति भारत माता की जय, जय हिन्द और वन्दे मातरम के नारों के साथ की गई।
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