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करूणा क्लब इकाई द्वारा नालन्दा पब्लिक सी.सै. स्कूल के सभागार में मानवीय शिक्षा पर आधारित विद्यालयी शिक्षक प्रशिक्षण शिविर आयोजित

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वेदना के प्रति संवेदना पैदा करना ही करूणा है-दुलीचंद मीणा

बीकानेर 28 अक्टूबर, 2024
नालन्दा पब्लिक सी.सै. स्कूल की करूणा क्लब इकाई के द्वारा शाला के सभागार में एक दिवसीय मानवीय शिक्षा पर आधारित अन्तरर्विद्यालयी शिक्षक प्रशिक्षण शिविर का आयोजन हुआ। जिसमें बीकानेर की सरकारी व निजी शिक्षण संस्थाओं के 20 से अधिक विद्यालयों के 80 शिक्षकों ने इसमें अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि अतिरिक्त जिला कलेक्टर (प्रशासन) दुलीचंद मीणा ने कहा कि सही अर्थ में वेदना के प्रति संवेदना पैदा करना ही करूणा है। हमें आज के बच्चों को पढाई के साथ-साथ संस्कारवान भी बनाना है। हमें बच्चों के ऊपर यह बोझ नहीं लादना है कि आपको टॉपर बनना है, हमें उन्हें सही इंसान बनाना है। अगर आदमी डॉक्टर, इंजी. या कोई और भी बड़ा आदमी बन जाए और उसमें मानवीय संवेदना नहीं है, बड़ो के प्रति सम्मान नहीं है, गुरू के प्रति आदर नहीं है, अपनों से छोटों के प्रति दयाभाव नहीं है तो वह व्यक्ति व्यक्ति कहलाने के लायक नहीं है। हमे आज के बच्चों को पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ नशे से दूर रखना होगा। मीणा ने बताया कि मेरे इतने लंबे सेवा कार्यकाल में यह ऐसा पहला कार्यक्रम है कि जिसमें मैं अपनी उपस्थिति दर्ज कराकर अपने आप को गौरवान्वित महसूस कर रहा हूंँ। उन्होंने कहा करूणा इंटरनेशनल बीकानेर के द्वारा यह कार्यक्रम 21वीं सदी की चुनौतियों की दृष्टि से अति प्रासंगिक है।
प्रशिक्षण शिविर को संबोधित करते हुए करूणा इंटनेशनल के निदेशक जतनलाल दुग्गड़ ने कहा कि मानवीय शिक्षा या मुल्यपरक शिक्षा के समुचित प्रचार के लिए शिक्षक महत्वपूर्ण धुरी होता है। भावी पीढ़ियों में सद्गुणों के संस्कार संप्रेषित कर शिक्षक ही महानता के गुणों का समावेश करते हैं। आज का यह शिक्षक प्रशिक्षण शिविर निश्चय ही करूणा गतिविधियों के प्रचार प्रसार का सार्थक प्रयास होगा। प्रत्येक शिक्षक हजारों-हजारों व्यक्तियों व उनके व्यक्तित्वों का निर्माण करंेगे।
द्वितीय सत्र को संबोधित करते हुए ज्ञान विहार विश्वविद्यालय जयपुर के डीन प्रोफेसर टी.के. जैन ने कहा कि इस कार्यक्रम के द्वारा शिक्षक विद्यार्थियों को मानवीय मूल्यों व जीव दया तथा करूणा से जोडने के लिए प्रेरित करते रहेंगे। शिक्षक और विद्यार्थी जो एक दूसरे के बिना अधुरे है। वो इन करूणा के कार्यक्रमों के द्वारा हमारे संस्काारों और रीति रिवाजों से जोड़ने के लिए प्रेरित करते रहेंगे। यह प्रयास एक सार्थक प्रयास है।
इसी क्रम को आगे बढ़ाते हुए उपनिदेशक (जनसंपर्क) हरिशंकर आचार्य ने कहा कि यह मानवीय मूल्यों पर आधारित यह शिक्षक-प्रशिक्षण कार्यक्रम मानवीय सेवा की अवधारणा को जन-जन तक पहँुंचाने में सार्थक सिद्ध होगा। विद्यार्थी जो सही मायनों में देश का भविष्य है। उन तक करूणा की यह ज्ञानोपयोगी सामग्री पहुंचेगी और देश का भविष्य सुन्दर, सुदृढ़ और उज्ज्वल होगा।
समापन सत्र में डॉ. नमामी शंकर आचार्य ने कहा कि करूणा इंटरनेशनल का यह कार्य आज के लोग व्यवसायी हो गए है। प्रत्येक काम में पैसे को तव्वजो प्रकृति संस्कार व माँ बाप से अधिक देने लगे है। करूणा का यह कार्यक्रम लोगों में पुनः दया, प्रेम, करूणा का भाव पैदा कर दे तो आज का यह प्रशिक्षण शिविर सफल हो सकता है।
इसी क्रम में डॉ. मीनाक्षी पुरोहित ने कहा कि आज के इस औद्योगिकीकरण युग में करूणा के भाव पैदा करना किसी चुनौति से कम नहीं है। एक माँ को अपने बेटे को दूध पिलाने का समय नहीं है। वह भी पैसे कमाने के चक्कर में रहती है, जब बेटा रोता है तो उसे मोबाईल पकड़ाकर अपनी जिम्मदारी से पल्ला झाडने का प्रयास करती है तो हम कैसे सोच सकते हैं कि वही बच्चा आगे चलकर पर्यावरण, जीव दया व मां बाप के प्रति दयाशील व करूणाशील होगा। क्योंकि बच्चा जो देखता है वही आगे चलकर करता है तो हमें बच्चों को संस्कारवान, करूणावान, दयावान बनाने से पहले हमे भी अपने बच्चों के प्रति समर्पित होना होगा। उनको समय देना होगा। तभी यह प्रशिक्षण-शिविर कामयाब होगा।
शिक्षा अधिकारी घनश्याम साध ने कहा कि आज के इस दौर में जहां विश्व बारूद के ढेर पर बैठा है, वहीं करूणा क्लब लोगों को अहिंसा शाकाहार जैसे विषयों पर बल देकर लोगों में जन-जागृति के साथ-साथ करूणा, दया आदि के भाव पैदा कर रही है।
कार्यक्रम के प्रारंभ में आज के कार्यक्रम का विषय प्रवर्तन करते हुए शाला प्राचार्य राजेश रंगा ने बताया कि किस प्रकार आज के युग में हम मानवीय शिक्षा नैतिक शिक्षा, बच्चों को दे सकते हैं। हमें जीवों को अगर सुरक्षित रखना है तो हमें शाकाहार के प्रति बल देना होगा अगर हमें पर्यावरण को सुरक्षित रखना है, तो पेड़ पौधों की अधाधंुध कटाई को रोकना पडे़गा और बचे हुए पेड़ों की देखभाल करनी होगी।
करूणा क्लब सहप्रभारी आशीष रंगा ने बताया कि कार्यक्रम की शुरूआत अतिरिक्त जिला कलेक्टर (प्रशासन) डॉ. दूलीचंद मीणा, करूणा क्लब इंटरनेशनल के जतन जी दुग्गड़, ज्ञान विहार विश्वविद्यालय जयपुर के डीन प्रोफेसर टी.के. जैन, सूचना एवं उपनिदेशक जनसंपर्क अधिकारी हरिशंकर आचार्य, शाला प्राचार्य राजेश रंगा व शिक्षा अधिकारी घनश्याम साध ने द्वीप प्रज्ज्वलित कर व माँ सरस्वती के तेल चित्र पर मार्ल्यापण कर कार्यक्रम का आगाज किया।
करूणा क्लब प्रभारी हरिनारायण आचार्य ने बताया कि कार्यक्रम में सभी अतिथियों का स्वागत माल्यार्पण कर किया गया व उन्हें स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया। इस कार्यक्रम में बीकानेर शहर की विक्टोरियस सी.सै स्कूल, शान्ति विद्या निकेतन, एस.पी.ग्यान मन्दिर स्कूल, संत खेतेश्वर स्कूल, जी.एस.एस. धोलिया, एंजेल इंग्लिश स्कूल, एस वी एन सै स्कूल, श्री गोपेश्वर विद्यापीठ, डिसैंट किड्स, प्रभात बाल मन्दिर, कपूर पब्लिक स्कूल, शास्त्री सी. सै. स्कूल, श्री नालन्दा पब्लिक स्कूल, श्री रामबक्स मेमोरियल स्कूल, राज. डूंगर महाविद्यालय, बेसिक पीजी कॉलेज, संत साईनाथ पब्लिक स्कूल, पूर्णेश्वर ज्ञान मन्दिर के सहित अनेक विद्यालयों के शिक्षकों ने भाग लिया। कार्यक्रम का संचालन सुनील व्यास ने किया व सभी का आभार हेमलता व्यास ने ज्ञापित किया।

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