कांस्टेबल भर्ती 2021 पेपर लीक मामला: स्कूल संचालक, परीक्षा एजेंसी कर्मी, पुलिस इंस्पेक्टर ने स्ट्रॉन्ग रूम से पेपर लीक किया, फर्जी आधार कार्ड पर ड्यूटी लगाई, 22 के खिलाफ चालान पेश
जयपुर: दूसरी पारी का पेपर पहले ही वाट्सएप पर आ गया।
एसओजी ने कांस्टेबल भर्ती: 2021 परीक्षा के 14 मई को दूसरी पारी के पेपर लीक मामले में 22 आरोपियों के खिलाफ जयपुर मेट्रो-2 की सीएमएम कोर्ट में धोखाधड़ी और आपराधिक षड्यंत्र सहित राज.सार्वजनिक परीक्षा अधिनियम 2022 के प्रावधानों के तहत चालान पेश किया है। एसओजी ने माना है कि परीक्षा से पहले ही पेपर लीक करने में स्कूल संचालक, परीक्षा आयोजक एजेंसी के कर्मचारी, ड्यूटी पर तैनात पुलिस अफसरों और अन्य स्टाफ की भूमिका सामने आई है।
एसओजी के सीआई मोहनलाल पोषवाल को मुखबिर से सूचना मिली थी कि 14 मई को दोपहर तीन से शाम पांच बजे तक होने वाली दूसरी पारी का पेपर पहले ही वाट्सएप पर आ गया है। इस पर उन्होंने केस दर्ज कराया। आरोपियों ने संगठित गिरोह के तौर पर सुनियोजित तरीके से परीक्षा से पहले ही पेपर आउट कर दिया। फिलहाल, एसओजी ने अन्य आरोपियों भूपेन्द्र विश्नोई, शिवलाल और गोपाल सहित अन्य के खिलाफ चालान लंबित रखा है।
पेपर लीक करने वाले 22 नाम; फर्जी एंट्री से लेकर पेपर तक आउट किया, स्ट्रॉन्ग रूम में ही बक्से को काट कर पेपर निकाला था…और फिर परीक्षार्थियों को बेचा
- मुकेश शर्मा : दिवाकर पब्लिक स्कूल के मालिक मुकेश शर्मा ने आरोपी छोटूराम को मोहनलाल के नाम से फर्जी तरीके से वीक्षक लगा दिया। छाेटू राम ने पेपर लीक करवाने के लिए आठ लाख रुपए एडवांस लिए थे। मुकेश शर्मा ने अपने विश्वसनीय कमल कुमार को परीक्षा में ड्यूटी नहीं होने के बावजूद भी पेपर लीक करने में सहयोग के लिए बुलाया था।
- शालू शर्मा: दिवाकर पब्लिक स्कूल की प्रिंसीपल थीं। शालू शर्मा मुकेश कुमार शर्मा की पत्नी है। उसने केन्द्र अधीक्षक के तौर पर पेपर का पैकेट सही सलामत खोेलने पर हस्ताक्षर किए। लेकिन सीसीटीवी फुटेज में वह पेपर के बक्सों को खोलते समय स्ट्रॉन्ग रूम में मौजूद नहीं दिखाई दी थीं।
- सत्यनारायण: स्कूल मालिक मुकेश का विश्वसनीय। ड्यूटी के दौरान स्ट्रॉन्ग रूम में ही रहा। इसी की निगरानी में आरोपी छोटूराम ने स्ट्रॉन्ग रूम से पेपर निकाला और वायरल किया।
- राकेश: परीक्षा कराने वाली एजेंसी टीसीएस का सेंटर मैनेजर। इसने भी पेपर ‘सही खोलने’ पर हस्ताक्षर किए हैं।
- कमल कुमार: आरोपी छोटूराम का नाम मोहनलाल बदलकर वीक्षक का कार्ड बनाया था, जो कमल के घर में जमा था।
- राकेश कुमावत: स्कूल संचालक के कहने पर राकेश ने ही अपने कंप्यूटर से छोटूराम का मोहनलाल के नाम से फर्जी आधार कार्ड बनाया था।
- विक्रम सिंह: टीसीएस ने विक्रम को सेंटर पर डिप्टी मैनेजर नियुक्त किया था।
- रतनलाल: तत्कालीन एएसआई। रतन की ड्यूटी स्कूल के स्ट्रॉन्ग रूम में थी।
- राजेन्द्र प्रसाद: पुलिस निरीक्षक। बतौर सेंटर प्रभारी पेपर सही होने की पुष्टि की।
- पूजा मामलानी: स्कूल में शिक्षिका थी और परीक्षा के दौरान अर्न्तरीक्षक थी। पेपर खोलतेे समय मौजूद नहीं थी।
- मनोज वर्मा: एजेंसी ने लगाया था। यह मुकेश का विश्वसनीय था। इसकी ड्यूटी स्ट्रॉन्ग रूम में नहीं होने के बाद भी वहां की निगरानी के मौजूद था।
- शाहरुख: शाहरुख ने जिओ कंपनी के कर्मचारी के तौर पर कंवरसिंह के साथ मुकेश नामक व्यक्ति की सिम अपडेट करने के बहाने अंगूठे के निशान लिए और नई सिम कंवर सिंह को दी थी।
- कंवर सिंह: छोटूलाल उर्फ मोहन के पास उसे पहंुचाने में सहयोग किया था। सिम से पुलिस भर्ती पेपर की चर्चा हुई थी।
- प्रिया: छोटूलाल की पत्नी है। पेपर लीक करने की एवज में लिए गए 7.97 लाख रुपए की बरामदगी हुई थी।
- छोटूराम : मुकेश के साथ स्ट्रॉन्ग रूम में बक्से को काटा और पेपर निकाला।
- महिपाल: छोटूराम ने कॉन्सटेबल भर्ती का पेपर महिपाल को भेजा।
- विनोद कुमार: परीक्षा से पहले विनोद ने छोटूराम से पेपर लिया था।
- बलबीर सुंडा: अक्षय कोचिंग सेंटर जोबनेर में बलबीर, मुकेश बाना व सुरेश जाट ने पेपर हल किया था।
- मुकेश बाना: मुकेश ने बलबीर और सुरेश के साथ पेपर को हल किया था।
- धीरज शर्मा: जागृति पब्लिक स्कूल के धीरज ने पेपर को बलबीर से लिया था।
- सुरेश कुमार: सुरेश ने भी बलबीर व मुकेश के साथ पेपर हल किया था।
- मुकेश मांडिया: पेपर आउट कर बेचने का केस दर्ज किया गया।
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