कानून मंत्रालय छीने जाने पर किरेन रिजिजू की पहली प्रतिक्रिया, CJI के साथ-साथ PM मोदी के लिए कही ये बात
Kiren Rijiju on CJI : किरेन रिजिजू की जगह अब अर्जुन राम मेघवाल को नया लॉ मिनिस्टर बनाया गया है। वहीं किरेन रिजिजू को पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की जिम्मेदारी सौपीं गई है। अब इस बदलाव के बाद किरेन रिजिजू ने मुख्य न्यायाधीश समेत पूरी न्यायपालिका पर पहली प्रतिकिया दिया है।
Kiren Rijiju on CJI : मोदी सरकार ने लॉ मंत्री किरेन रिजिजू का विभाग बदल दिया है। रिजिजू को अब पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय दिया गया है।साफ़-साफ शब्दों में कहें तो किरेन रिजिजू का ओहदा इस कैबिनेट में कम किया गया है। रिजिजू की जगह अब अर्जुन राम मेघवाल नए लॉ मिनिस्टर होंगे। राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी सूचना में बताया गया है कि अर्जुन मेघवाल को स्वतंत्र प्रभार सौंपा गया है। मेघवाल के पास पहले से संसदीय मामलों के राज्य मंत्री का जिम्मा भी है। बता दें की, किरेन रिजिजू को रविशंकर प्रसाद की जगह जुलाई 2021 में कानून मंत्री नियुक्त किया गया था। रिजिजू अपने कार्यकाल के दौरान जजों पर टिप्पणियों को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहे हैं।इसी बीच किरेन रिजिजू ने अपनी पहली प्रतिक्रिया दी है।
किरेन रिजिजू की पहली प्रतिक्रिया
जिम्मेदारी बदले जाने पर किरेन रिजिजू ने पहली बार प्रतिक्रिया दी है। किरेन रिजिजू ने चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, अन्य न्यायाधीशों और कानून अधिकारियों को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद कहा है। रिजिजू ने कहा कि केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री के रूप में सेवा करना मेरे लिए बड़े सौभाग्य की बात है। मुख्य न्यायाधीश समेत पूरी न्यायपालिका को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद करता हूं।
पीएम मोदी के बारे में ये कहा
मंत्रालय में फेरबदल के बाद किरेन रिजिजू ने कहा कि कानून मंत्री के रूप में सेवा करना मेरे लिए बड़ी बात थी। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय में पीएम मोदी के विजन को पूरा करने की उम्मीद है। उन्होंने आगे कहा- मैं उसी उत्साह और जोश के साथ पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय में पीएम मोदी के विजन को पूरा करने की कोशिश करूंगा।
जजों को भारत विरोधी ग्रुप का हिस्सा बताया था
इसी साल 18 मार्च को किरण रिजिजू ने कहा था कि कुछ रिटायर्ड जजों की बात सुनकर लगता है की ये एंटी इंडिया ग्रुप का हिस्सा बन गए हैं। ये लोग कोशिश करते हैं कि भारतीय न्यायपालिका विपक्ष की भूमिका निभाए। देश के खिलाफ इस तरह के काम करने वालों को इसकी कीमत चुकानी होगी।
देश के बाहर और भीतर भारत विरोधी ताकतें एक ही भाषा का इस्तेमाल करती हैं कि यहां लोकतंत्र खतरे में है, अल्पसंख्यक खतरे में है। इंडिया में मानवाधिकार का अस्तित्व ही नहीं है। भारत विरोधी ग्रुप जो कहता है, वही भाषा राहुल गांधी भी इस्तेमाल करते हैं। इससे पुरे विश्व में भारत की छवि खराब होती है।
Add Comment