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कृषि अनुसंधान किसान के समृद्धि की धुरी है – डॉ. अरुण कुमार

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बीकानेर, 2 मार्च | स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय बीकानेर में किसान मेले के आयोजन से पूर्व माननीय कुलपति डॉ. अरुण कुमार ने कृषि अनुसंधान केंद्र बीकानेर की अनुसंधान गतिविधियों का प्रक्षेत्र भ्रमण कर अवलोकन किया | उन्होंने कहा कि कृषि अनुसंधान से ही किसान को नवाचार का मौका मिलता है और इसी से किसान को उत्पादन बढ़ाने में मदद मिलती है | निदेशक अनुसंधान, डॉ. पी. एस. शेखावत, क्षेत्रीय निदेशक अनुसंधान, डॉ. शीशराम यादव, कृषि अधिष्ठाता, डॉ. आई. पी. सिंह, प्रसार शिक्षा निदेशक, डॉ. सुभाष चंद्र तथा अन्य अधिकारियों को साथ लेकर कुलपति ने मृदा परीक्षण परियोजना के प्याज में जैव उर्वरको के प्रभाव, लहसुन और प्याज में जैविक खेती, अलसी में संतुलित उर्वरक प्रबंधन एवं उन अपशिष्ट के खाद के रूप में उपयोग, प्याज का बीज उत्पादन, प्याज की फसल में पशु अपशिष्ट खाद के उपयोग आदि प्रक्षेत्रों का भ्रमण किया | अखिल भारतीय बाजरा परियोजना अंतर्गत बाजरा बीज उत्पादन के लिए ऑफ सीजन नर्सरी का अवलोकन कर जायद में फसल लेने के प्रयास को बीकानेर जिले के लिए उपयोगी बताया | बीकानेर क्षेत्र में आलू की विभिन्न किस्मों की अनुकूलता के अध्ययन को जरूरी बताते हुए उन्होंने इस नई नकदी फसल को समय की आवश्यकता बताया | कुलपति ने सरसों, जीरा, ईसबगोल व जई की विभिन्न किस्मों के परीक्षण पर प्रक्षेत्रों का भ्रमण कर ऐसी कम पानी चाहने वाली फसलों पर अनुसंधान को उपयोगी बताया | भ्रमण दल ने बील आधारित कृषि उद्यानिकी मॉडल प्रक्षेत्र, सरसों जैव रसायन का परीक्षण व बेर, अनार व बील के बगीचों में विभिन्न किस्मों का अवलोकन किया, साथ ही, अखिल भारतीय चारा फसल प्रबंधन परियोजना के अंतर्गत रिजका,एवं चारे वाली सरसों के बीज उत्पादन, जई, कासनी व नेपियर बाजरा सहित 35 प्रकार की चारे की फसलों के प्रक्षेत्र म्यूजियम का भी भ्रमण किया | उन्होंने किसान मेले पर इन अनुसंधान गतिविधियों को किसानों को दिखाने के लिए पुख्ता प्रबंध करने के निर्देश दिये |

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