जयपुर में निकले हाजी के जनाजे ने प्रदेशभर में हलचल पैदा कर दी है। जयपुर पुलिस सवालों के घेरे में फंस गई है। मामला राजधानी का होने की वजह से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी निशाना बन रहे हैं। सोमवार को प्रसिद्ध समाजसेवी हाजी रफत अहमद की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई थी। हाजी के जनाजे में हजारों लोग शामिल हुए। लॉकडाउन व कोरोना गाइडलाइन की जमकर धज्जियां उड़ी। एक अनुमान के अनुसार जनाजे में करीब 15 हजार से अधिक लोग शामिल हुए। आदर्श नगर से कांग्रेस विधायक रफीक खान सहित कांग्रेस विधायक अमीन कागजी के शामिल होने की ख़बर भी है। पुलिस ने बाकायदा भीड़ को सुरक्षा प्रदान की। सुरक्षा प्रदान करने में आरपीएस सुमित शर्मा, सुनील शर्मा, रामगंज थानाधिकारी बीएल मीणा सहित पुलिस अधिकारी स्वयं मौजूद रहे।
पुलिस की मौजूदगी में 15 हजार की भीड़ का इकट्ठा होना व पुलिस द्वारा भीड़ को सुरक्षा प्रदान करना सवाल खड़े कर रहा है। आमजन का सवाल है कि पुलिस नींद में थी या दबाव में थी? कोरोना की वजह से जब व्यापार, शिक्षा बर्बाद हो रहा है। लोगों की आजादी छिन गई है। प्रदेश को बचाने के लिए आमजन घरों में रहकर बड़ा त्याग कर रहा है। उसी वक्त एक जनाजे में इतनी भीड़ इकट्ठा होना कानून व्यवस्था के मुंह पर तमाचा है।
चौंकाने वाली बात यह भी है कि हाजी रफअत अली ने ही अपील कर ईद का जुलूस रुकवाया था। उन्हीं के जनाजे में कोरोना गाइडलाइन की धज्जियां उड़ाई गई है। सोशल मीडिया पर जनाजे का वीडियो वायरल हो रहा है। मामला वायरल होने पर एक विधायक सहित अन्य के खिलाफ रामगंज पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है। हालांकि धज्जियां उड़ाने में सहयोगी पुलिस भी रही, मगर उस पर अभी तक कोई मुकदमा दर्ज नहीं हुआ है।
Report By : sahil pathan
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