*मंत्री के नाम पर भी ले रहे टोकन मनी:दो नंबर का जिप्सम एक नंबर में कर फैक्ट्री तक पहुंचाने की गारंटी देते हैं माफिया*
*खबर पाक सीमा से*
*नाके पर ऑनलाइन रॉयल्टी के अलावा मंत्री के नाम पर 25 रुपए प्रति टन नकद वसूली*
बॉर्डर पर बे-खौफ जिप्सम का अवैध खनन करने वाले माफियाओं का नेटवर्क इतना लंबा है कि थाने से लेकर मंत्री तक बंधी का दावा करते हैं। मंत्री के नाम से रॉयल्टी के साथ 25 रुपए प्रति क्विंटल टोकन मनी ली जा रही है।
सीमावर्ती बज्जू क्षेत्र में जिप्सम की रॉयल्टी का ठेका करीब 47 करोड़ का है। रॉयल्टी के 280.20 रुपए ऑन लाइन जमा होते हैं। इसके अलावा 25 रुपए अलग से टोकन मनी नगद मंत्री के नाम पर ली जा रही है। यानी 305.20 रुपए प्रति टन कलेक्शन होता है। बज्जू क्षेत्र का सीमावर्ती इलाका कोलायत विधानसभा में आता है।
यहां से विधायक भंवर सिंह भाटी राज्य के ऊर्जा मंत्री भी हैं। जब हमने मंत्री से बात की तो उन्होंने अवैध खनन होने की बात ही स्वीकार नहीं की। 25 रुपए टोकन मनी का पूछने पर कहा, यह विरोधियों की साजिश है। बदनाम कर रहे हैं। टीम ने खनन माफिया और रॉयल्टी कर्मचारियों से बातचीत कर सबूत इकट्ठे किए।
बीएसएफ अलर्ट, तीन ग्रामीणों को पकड़ा: ‘बॉर्डर पर 250 मीटर दूर माफिया खोद रहे सुरंग…रोज 150 ट्रक जिप्सम खनन’ शीर्षक से बॉर्डर पर जिप्सम के अवैध खनन का मामला
ख़बर में उजागर होने के बाद बीएसएफ अलर्ट मोड पर आ गई है। देर रात तीन ग्रामीणों को भी पकड़ा है। बीएसएफ के दिल्ली मुख्यालय और राजस्थान फ्रंटियर के आईजी ने इसकी विस्तृत रिपोर्ट डीआईजी से मांगी है। डीआईजी पुष्पेंद्र सिंह राठौड़ ने जी ब्रांच के अधिकारियों को जांच के लिए मौके पर भेजा है।
जिला कलेक्टर भगवती प्रसाद कलाल और एसपी योगेश यादव से बात कर बॉर्डर इलाके में जिप्सम के खनन की अनुमति देने पर आपत्ति जताई है। एसपी ने बताया कि बॉर्डर एरिया में अवैध खनन के मामले की जांच एएसपी ग्रामीण को सौंपी गई है। सीओ को भी निगरानी के निर्देश दिए हैं।
*रॉयल्टी कर्मी और खनन माफिया से की डील तो सामने आया सच…*
*रिपोर्टर : गाड़ी लगानी है। रॉयल्टी का क्या सिस्टम है?*
रॉयल्टी कर्मी : 280 रुपए 20 पैसे प्रति टन लीज के खाते से लेते हैं। 25 रुपए टोकन मनी है। प्रति टन 305. 20 रुपए लेते हैं।
*रिपोर्टर : टोकन मनी किस बात की ले रहे हो?*
रॉयल्टी कर्मी : टोकन मनी तो सभी को देनी पड़ती है। चाहे कितना ही बड़ा आदमी क्यों ना हो। रॉयल्टी तो मंत्री की भी लगेगी।
*रिपोर्टर : मेरी 10 चक्का गाड़ी है। जिप्सम बेचने की क्या सेटिंग हो सकती है?*
रॉयल्टी कर्मी : रॉयल्टी, टोकन मनी के अलावा 70 रुपए प्रति टन भाड़ा और 100 रुपए प्रति टन रवन्ना के लगेंगे। फैक्ट्री तक सेटिंग करवा देंगे।
*रिपोर्टर : रवन्ना कैसे मिलेगा?*
माफिया : इसकी चिंता नहीं है। आसानी से मिल जाएगा। आपने यदि अक्कूसर आबादी से जिप्सम भरा और रवन्ना लीज का मिल जाएगा।
*रिपोर्टर : ओवरलोडिंग पर आरटीओ पकड़ लेगा, तब?*
माफिया : ऐसा नहीं होता, रॉयल्टी के साथ ही वजन के हिसाब से ओवर लोडिंग का चालान कट जाता है।
*रिपोर्टर : पकड़े गए तो ?*
माफिया : खुली धांधली चल रही है। सरकारी मुरबे खोद रहे हैं। भागी ने अभी काम शुरू किया है। पुलिस 300 रुपए टन लेती है, जिसमें 100 रुपए टन मंत्री को जाता है। बाकी अफसरों में बंदरबांट होती है। ये सिस्टम किसी के ताबे नहीं आता।
*ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी से सीधी बात*
*Q. आपके विधानसभा क्षेत्र में अवैध खनन हो रहा है, क्या कहेंगे?*
A. अवैध खनन मेरी जानकारी में नहीं है। किसानों को लीज दे देनी चाहिए। ताकि अवैध खनन रुके। हमने पहले भी लीज दिलवाई है।
*Q. आपके नाम से 25 रुपए प्रति टन अवैध रूप से लिए जा रहे हैं। ऐसा क्यों?*
A. इसकी मुझे कोई जानकारी नहीं है। यदि ऐसा है तो विरोधियों की साजिश है मुझे बदनाम करने की।
*Q. जिप्सम की रॉयल्टी ठेके में भी आपकी और रिश्तेदार की हिस्सेदारी बताई जा रही है?*
A. यह गलत है। मेरी या मेरे किसी रिश्तेदार की कोई हिस्सेदारी किसी ठेके में नही है।
*Q. बॉर्डर पर खनन हो रहा है। पुलिस भी नहीं रोक रही है। ऐसा क्यों?*
A. बॉर्डर पर बीएसएफ का पहरा है। एक किमी एरिया में लीज पर रोक है। इस रोक को हटाने की मांग सरकार से की है। अवैध खनन की शिकायत मिलने पर पुलिस कार्रवाई करती है।
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