बीकानेर। गंगाशहर के राजकीय सेटेलाईट अस्पताल में नेत्र चिकित्सक डॉ. दिनेश शर्मा को आज सेवानिवृति के उपलक्ष्य में भावभीनी विदाई दी गई। डॉ. मुकेश बाल्मिकी ने बताया कि डॉ. शर्मा अपनी 34 वर्ष चिकित्सा की राजकीय सेवाओं में पिछले 2 वर्षों से गंगाशहर अस्पताल में सेवाएँ प्रदान कर रहें हैं। बाल्मिकी ने बताया कि इस अवसर पर डॉ. वी.के.गांधी ने डॉ. शर्मा को साफा पहना कर व डॉ. संजीव सहगल, डॉ. अनिल मोहता एवं रेखा मोहता ने शॉल ओढा कर, डॉ. चन्द्रप्रभा ने नारियल भेंट कर डॉ. शर्मा का स्वागत किया। सुश्री गीतांजली राजपुरोहित ने डॉ. दिनेश शर्मा व उनकी धर्मपत्नी डॉ. दीपिका शर्मा का तिलक लगाकर सम्मान किया। इस अवसर पर डॉ. मुकेश बाल्मिकी ने डॉ. शर्मा के सम्मान में प्रदत्त किये जाने वाले अभिनन्दन पत्र का पठन किया। अस्पताल के सभी चिकित्सकों, नर्सिंगकर्मियों व समस्त स्टाफ ने डॉ. शर्मा को प्रशस्ति पत्र व उपहार देकर सम्मानित किया।
डॉ. रविन्द्र पंवार, डॉ. विजयपाल सुनिया, डॉ. जयसिंह राठोड़, डॉ. अभिषेक व्यास, डॉ. असलम, डॉ. विजय कच्छावा, नर्सिंग अधीक्षक मोहनलाल मोदी, अनिल यादव, अमित सारस्वत, परमेश्वर सियाग, सुशील, मनोज प्रजापत, विनोद सोनगरा, विकास, मनोज पन्नू, घनश्याम, संजू आदि अस्पताल के समस्त
स्टाफ ने डॉ. शर्मा का माल्यार्पण कर सम्मान किया। इस अवसर पर डॉ. रेखा मोहता, डॉ. खुशबू जोशी. कल्पना यादव, सरला, सुनीता आदि ने डॉ. दीपिका शर्मा का माल्यार्पण कर स्वागत किया।
इस अवसर पर अस्पताल में सहयोगी संस्था गंगाशहर नागरिक परिषद् के सम्पतलाल दूगड़, महेन्द्र चौपड़ा, जतनलाल दूगड़ एवं बच्छराज रांका ने माल्यार्पण कर एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान कर डॉ. शर्मा का अभिनन्दन किया।
समारोह में डॉ. प्रवीण चतुर्वेदी ने अपने उद्गार व्यक्ति करते हुए कहा कि डॉ. दिनेश शर्मा कुशल नेत्र चिकित्सक के साथ ही कवि, संगीतकार व नाटककार भी है। इनकी 2 काव्य रचनाओं का प्रकाशन भी हुआ है। स्वागत के क्रम में डॉ. शर्मा की बहन उमा शर्मा, भाई राजेश व राकेश शर्मा व डॉ. शर्मा के ससुराल पक्ष आदि परिजनों ने भी डॉ. शर्मा का माल्यार्पण व शॉल ओढ़ा कर सम्मान किया। डॉ. शर्मा की भाभी संतोष शर्मा ने कहा कि चिकित्सा के साथ ही अन्य विधाओं व पारिवारिक जीवन में भी डॉ. शर्मा का व्यक्त्त्वि बहुत संजीदा व मिलनसार रहा है।
डॉ. दिनेश शर्मा ने अपने उद्गार व्यक्त करते हुए कहा कि मैं अपने सेवाकाल में विभिन्न जगहों पर अपनी चिकित्सकीय कार्य किया है, मगर गंगाशहर अस्पताल में जो कार्य करने की सुविधाएं, वातावरण व सामंजस्य मिला है, उससे मैं अभिभूत हूं। उन्होंने गंगाशहर अस्पताल के बारे में उपनिषद् की उक्ति शैले शैले न माणिक्यं.. का उल्लेख करते हुए कहा कि अधीक्षक डॉ. बाल्मिकी व अन्य सहयोगी चिकित्सक गणों से मुझे बहुत अनुभव व सहयोग प्राप्त हुआ है।
सेवानिवृति समारोह में डॉ. रविन्द्र ने चलते चलते मेरे ये गीत याद रखना. कभी अलविदा न कहना, डॉ. प्रवीण ने अभी अलविदा ना कहो दोस्तों.. ना जाने कहां फिर मुलाकात हो, डॉ. मुकेश बाल्मिकी ने मधुबन खुशबू देता है, सागर सावन देता है, जीना उसका जीना है जो औरों को जीवन देता है.. आदि मधुर संगीत सुना कर सबको भाव-विभोर कर दिया।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए जतनलाल दूगड़ ने कहा कि डॉ. दिनेश शर्मा ने नेत्र चिकित्सक के रूप में मानवता की बेसकीमती सेवा की है। दूगड़ ने कहा कि दृष्टि ही दुनिया की सब वस्तुओं का ज्ञान कराने व उनके सुखानुभूति में सबसे अहम् रहती है, अन्यथा व्यक्ति के लिए सब कुछ अंधेर है। दूगड़ ने डॉ. शर्मा का अभिनन्दन करते हुए उनके सुखी, सुदीर्घ व कल्याणकारी जीवन की कामना की
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