- एयरफोर्स के लिए 22 हजार करोड़ की लागत से खरीदे जाजने हैं 56 ट्रांसपोर्ट विमान
रक्षा उपकरणों की सबसे बड़ी प्रदर्शनी डिफेंस एक्स्पो 2022 का आगाज मंगलवार से गांधीनगर में होने जा रहा हैं। रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने के लिए एक्स्पो में पहली बार सिर्फ स्वदेशी कंपनियां ही भाग लेगी। वे ही विदेशी कंपनियां में शिरकत करने जा रही है, जो यहां की बड़ी डिफेंस कंपनियों से ज्वाइंट वेंचर करे रही हैं। इस अभियान के तहत ही इंडियन एयरफोर्स के ट्रांसपोर्ट बेड़े के लिए 22 हजार करोड़ की लागत से एयरबस से खरीदे जा रहे 56 सी-295 एमडब्ल्यू ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट की खरीद हो रही हैं। इस विमान प्रोडक्शन लाइन गुजरात के धोलेरा स्थित स्पेशल इन्वेस्टमेंट रीजन में स्थापित किया जाना हैं।
एयरबस डिफेंस एंड स्पेस और टाटा एडवांस सिस्टम लिमिटेड की ओर से एक्स्पो के दौरान इसकी घोषणा करने की तैयारी हो चुकी हैं। गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले ये केंद्र सरकार का यहां प्लांट स्थापित करवाना मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा हैं। हिंदुस्तान एयरोनोटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के बाद देश में पहला प्राइवेट सेक्टर में एयरो स्पेस कॉम्पलेक्स धोलेरा में स्थापित होगा।
16 रेडी फ्लाई मिलेंगे, 40 असेम्बल होंगे
एयरफोर्स के ट्रांसपोर्ट बेड़े में नए विमान खरीदने के लिए गत साल मोदी सरकार ने 2.8 बिलियन यानी 22 हजार करोड़ की लागत से 56 सी-295 एमडब्ल्यू ट्रांसपोर्ट विमान खरीदने को मंजूरी दी थी। एयरबस के साथ डील के दौरान स्वदेशी कंपनी के साथ विमान तैयार करने की शर्त रखी गई। इसके तहत ही एयरबस ने टाटा से हाथ मिलाया।
आगामी चार साल में 16 विमान सीधे स्पेन से भारत आएंगे, शेष 40 विमान यहीं पर तैयार होंगे। यहीं पर एयरोस्पेस कॉम्पलेक्स स्थापित होगा। यहां पर 40 विमानों की प्रोडक्शन लाइन बनेगी यानी विमानों असेम्बल होंगे। इंडस्ट्रियल इको सिस्टम में प्रमुख रूप से उत्पादन, असेम्बली लाइन, विमानों के टेस्टिंग की सुविधा विकसित होगी। विमानों की डिलवरी होने के बाद उनकी मेंटेनेंस भी यहीं पर की जाएगी। विमान में भारत इलेक्ट्रोनिक्स लिमिटेड से स्वदेशी इलेक्ट्रोनिक वारफेयर सिस्टम लगाया जाएगा।
इसलिए स्थापित होगा धोलेरा में कॉम्पलेक्स
दोनों ही कंपनियों में डील होने के बाद मोदी सरकार ने गुजरात में इसका प्लांट स्थापित करने की तैयारी शुरू की। गुजरात सरकार ने तीन स्थानों पर जमीन चिह्नित की। इसके बाद सरकार ने सीधे ही धोलेरा के स्पेशल इन्वेस्टमेंट रीजन में इसे स्थापित करने के लिए जमीन तय की। धोलेरा का चयन होने की कई वजह हैं। इनमें सबसे पहली, ये दिल्ली मुंबई इंडस्ट्रीयल कॉरिडोर के पास में बना हुआ हैं। वहीं यहां पर इंटरनेशनल एयरपोर्ट का निर्माण चल रहा हैं। गुजरात में पोर्ट होने के कारण भी सप्लाई लाइन आसान रहेगी। इस प्लांट से आने वाले दस सालों में सीधे तौर पर 25 हजार से ज्यादा नौकरियां मिलेगी। इसमें दस हजार दक्ष कार्मिक भी शामिल हैं। इस डील के बाद भविष्य में निजी क्षेत्र में बड़े ग्लोबल प्लेयर्स के हमारी कंपनियों के साथ प्लांट स्थापित करने की संभावना रहेगी।
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