REPORT BY SAHIL PATHAN*
जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) में टारगेटेड किलिंग (Targeted Killing) मामले पर गृह मंत्रालय (Home Ministry) की पूरी नजर बनी हुई है. इस बीच सरकार ने राज्य को लेकर एक अहम फैसला किया है.
नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) में टारगेटेड किलिंग (Targeted Killing) मामले पर गृह मंत्रालय (Home Ministry) की पूरी नजर है. इस बीच सूत्रों के हवाले से ये खबर आई है कि गृह मंत्रालय (MHA) ने सीआरपीएफ (CRPF) के डीजी कुलदीप सिंह (DG Kuldeep Singh) को जम्मू-कश्मीर भेजा है. आपको बता दें कि ऑफिसर कुलदीप सिंह, नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (National Investigation Agency) के भी डीजी हैं. *
एक्शन मोड में MHA
*गृह मंत्रालय (MHA) के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि मामले को लेकर गृह मंत्रालय पूरी स्थिति पर नजर बनाए हुए है. वहीं जम्मू-कश्मीर में खुफिया एजेंसी आईबी (IB), एनआईए (NIA), सेना (Army), और सीआरपीएफ (CRPF) के सीनियर अधिकारी लगातार कैम्प कर रहे हैं. भारतीय एजेंसियों के इन अधिकारियों की पैनी नजर मामले से जुड़े हर एक इंटेलिजेंस इनपुट पर बनी हुई है.*
बौखलाहट में टारगेट किलिंग
‘*दरअसल सूत्रों के मुताबिक खबर ये भी है कि आतंकी संगठन (Terrorist Organizations), सुरक्षा बलों के लगातार जारी ऑपरेशंस की वजह से बौखलाहट में है. इसलिए आतंकवादियों की तरफ से टारगेटेड किलिंग की वारदातों को अंजाम दिया जा रहा है. गौरतलब है कि पिछले 9 दिनों में सुरक्षा बलों ने अलग अलग मुठभेड़ में 13 आतंकी को ढेर किया है. *’टूट रहे हैं आतंकी हौसले’*इस साल जनवरी से लेकर अब तक के आंकड़ो के मुताबिक भारतीय सुरक्षा बलों (Indian Security Forces) 132 से ज्यादा आतंकियो को मार चुके हैं. वहीं 254 आतंकियों को गिरफ्तार किया गया है. इसी तरह भारतीय एजेंसियां 30 सितंबर तक 105 AK-47 राइफेल, 126 पिस्टल और 276 हैंड ग्रेनेड बरामद कर चुकी हैं.*
गुरिल्ला स्टाइल में हमले?
*126 की संख्या में बरामद पिस्टल से साफ पता चलता है कि आतंकी हमले के लिए छोटे हथियार जैसे कि पिस्टल का ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं. पिछले साल आतंकियों के पास से 163 पिस्टल बरामद हुए थे. इसी तरह 2019 में 48 और 2018 में कुल 27 पिस्टल आतंकियो से जब्त हुई थीं. वहीं इस साल कुल 38 ऐसे मामले सामने आ चुके हैं जहां आतंकियों ने सुरक्षा बलों पर अचानक हमला किया फिर फरार हो गए.
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