*जयपुर ट्रांसफर नहीं हुआ तो इंजीनियर पत्नी ने सुसाइड किया:कंपाउंडर पति के पास आया था कॉल, अब बच्चे की कस्टडी पर विवाद*
जयपुर में द्रव्यवती नदी में कूदकर सुसाइड करने वाली इंजीनियर पत्नी और बचाने के लिए कूदे कंपाउंडर पति की मौत के पीछे का कारण सामने आया है। इंजीनियर महिला जयपुर में ट्रांसफर चाहती थी। उसे पता चला कि उसका जयपुर ट्रांसफर नहीं हो सकता तो गुस्से में उसने सुसाइड कर लिया। इधर, दंपती की 10 महीने की कस्टडी को लेकर दोनों के घरवालों में विवाद हो गया।
शिप्रापथ थाने के SI अमर सिंह ने बताया कि तरुण का परिवार जयपुर में रहता है। इसी कारण तरुण चाहता था कि उसकी पत्नी मधुबाला (28) का ट्रांसफर सूरतगढ़ थर्मल पावर प्लांट से जयपुर हो जाए। जयपुर में ट्रांसफर को लेकर मधुबाला भी राजी थी। शनिवार को पति तरुण (32) ट्रांसफर के लिए किसी से मिलकर भी आया था।
पुलिस जांच में सामने आया है कि दोपहर करीब 2:30 बजे तरुण के मोबाइल पर कॉल आया था। कॉल करने वाले ने बताया कि मधुबाला का ट्रांसफर जयपुर नहीं हो सकता। इस बारे में तरुण ने अपनी पत्नी को बताया। ये सुनने के बाद मधुबाला कुछ बोले बिना ही घर से निकल गई और नदी में कूदकर सुसाइड कर लिया। बचाने के लिए पति भी नदी में कूद गया। डूबने से उसकी भी मौत हो गई।
*प्यार इतना एक-दूसरे के बिना नहीं रह सकते थे*
तरुण कुमार बिहार के पटना मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में स्टाफ नर्स ए-ग्रेड (कंपाउंडर) के पद पर था। मुधबाला सूरतगढ़ थर्मल पावर प्लांट में AEN पद पर थी। तरुण और उसकी पत्नी की अलग-अलग राज्यों में गवर्नमेंट पोस्टिंग थी।
एक-दूसरे से मिलने के लिए महीने में 4-5 दिन का समय निकालते थे। कभी तरुण छुट्टी लेकर आता तो कभी मधुबाला ऑफ लेती थी। बेटी के जन्म के बाद जयपुर में मुधबाला के ट्रांसफर की प्लानिंग की थी।
*मधुबाला के घरवाले बोले- बेटी को भेज देते तो बच जाती जान*
SI अमर सिंह ने बताया कि मधुबाला के डिप्रेशन में रहने के कारण उसकी दवाइयां चल रही थी। मृतका के परिजनों का कहना है कि मधुबाला की जोधपुर से डिप्रेशन की दवाइयां चल रही थी। जिसे बदलकर दूसरी जगह से चालू करवाया गया।
डॉक्टर ने एक गोली बंद करने से मना किया, उसके बाद भी उसे बंद कर दिया। बेटी को लेने शुक्रवार को जयपुर आए थे। बेटी-नवासी को लेकर जाने की कहने पर ससुरालवालों ने बेटी से ही मना करवा दिया। मना करते हुए बोली कि हम दोनों ही आएंगे। ससुराल वाले अगर बेटी से मना नहीं करवाते तो आज बेटी-दामाद जिंदा होते।SI ने बताया कि तरुण-मधुबाला के घरवालों 10 महीने की बच्ची की कस्टडी को लेकर विवाद हो गया। अलवर के शिवाजी पार्क इलाके में रहने वाले ननिहाल पक्ष ने नातिन की कस्टडी नहीं मिलने तक शव लेने से मना कर दिया था।
तरुण के घरवालों की भी जिद थी कि हम किसी भी हालत में बच्ची की कस्टडी नहीं देंगे। बच्ची तो उनके पास ही रहेगी। पुलिस ने समझाइश कर मामले को शांत करवाया। जयपुर में दंपती के शव का अंतिम संस्कार किया गया। 10 महीने की बच्ची की कस्टडी के लिए दोनों पक्षों में बातचीत चल रही है।
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