जयपुर बम ब्लास्ट मामलें में सरकार को झटका:सुप्रीम कोर्ट ने एसएलपी की खारिज़, आऱोपी सरवर आज़मी की जमानत रहेगी बरकरार
जयपुर
जयपुर बम ब्लास्ट के दौरान जिंदा बम मिलने के एक मामले में आऱोपी सरवर आज़मी की मिली जमानत बरकरार रहेगी। सुप्रीम कोर्ट ने आज इसे लेकर दायर राज्य सरकार की एसएलपी को खारिज़ कर दिया हैं। जस्टिस ऋषिकेश रॉय और जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा की खंडपीठ ने यह आदेश राज्य सरकार की एसएलपी पर दिए।
दरअसल राज्य सरकार ने राजस्थान हाई कोर्ट के अक्टूबर 2023 के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें हाई कोर्ट ने आऱोपी सरवर आज़मी को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए थे। सरकार की ओर से कोर्ट में कहा गया था कि आरोपी भले ही मुख्य मामलें में दोष मुक्त हो चुका है। लेकिन सरकार ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर कर रखी हैं। जो लंबित चल रही है। वहीं जिंदा बम मामले में ट्रायल चल रहा है।
वहीं आरोपी सरवर आजमी देशभर में अन्य जगहों पर हुए बम ब्लास्ट केस में भी आरोपी है। इसलिए आरोपी को हाईकोर्ट से मिली जमानत के आदेश पर रोक लगाते हुए उसे रद्द किया जाए। जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने हाईकोर्ट के आदेश में दखल से इनकार करते हुए एसएलपी खारिज कर दी।
करीब 4 महीने पहले हाई कोर्ट ने दी थी जमानत
दरअसल जयपुर बम ब्लास्ट केस में 8 मामलों में बम ब्लास्ट मामलों की विशेष अदालत ने 20 दिसम्बर 2019 को 4 आरोपियों सैफुर्रहमान, मोहम्मद सैफ, मोहम्मद सरवर आज़मी व एक अन्य नाबालिग (जिसे बाद में हाईकोर्ट ने घटना के समय नाबालिग माना) को फांसी की सजा सुनाई थी। वहीं, एक आरोपी शाहबाज अहमद को बरी कर दिया था।
आरोपियों की दलील थी कि शाहबाज जेल से रिहा न हो जाए, इसके लिए जानबूझकर पुलिस ने करीब 11 साल पहले दर्ज जिंदा बम मामले में आरोपियों को फिर से गिरफ्तार कर लिया। हालांकि बाद में शाहबाज को हाईकोर्ट से जमानत मिल गई। इसके बाद आरोपियों की अपील पर फैसला सुनाते हुए हाईकोर्ट ने 29 मार्च 2023 को निचली अदालत के फैसले को रद्द करते हुए सभी आरोपियों को बरी कर दिया। लेकिन जिंदा बम मामले के केस में सभी आरोपी जेल में बंद थे। बाद में मोहम्मद सरवर आज़मी को हाई कोर्ट से अक्टूबर 2023 को जमानत मिल गई थी। जिसके खिलाफ राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की थी।
सीरियल ब्लास्ट से दहल उठा था जयपुर
करीब 15 साल पहले 13 मई 2008 को जयपुर में एक के बाद एक हुए सीरियल बम ब्लास्ट में 71 लोगों की मौत हुई थी। इनमें 185 लोग घायल हुए थे। इस संबंध में जयपुर के माणक चौक और कोतवाली थाने में 4-4 एफआईआर दर्ज की गई थीं। ब्लास्ट केस के कुल 11 आरोपियों में से 5 को राजस्थान एसओजी ने गिरफ्तार किया था।
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