जयपुर में झोटवाड़ा पुलिया पर ट्रैफिक जाम से आधी राहत:एलिवेटेड रोड का एक हिस्सा खोला गया; जानिए अब कहां से निकलेंगे वाहन
जयपुर
जयपुर में झोटवाड़ा पुलिया पर ट्रैफिक जाम की समस्या से आज कुछ राहत मिली है। यहां बन रहे एलिवेटेड रोड के एक हिस्से का आज नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल ने लोकार्पण कर खोल दिया। धारीवाल ने आज अपने निवास से इस प्रोजेक्ट का उद्घाटन करने के बाद कहा- इस एलिवेटेड रोड के शुरू होने का लोगों को सालों से इंतजार था, जो आज पूरा हुआ। उन्होंने कहा कि जल्द ही इसके दूसरे हिस्से का काम पूरा करके इस प्रोजेक्ट को शुरू किया जाएगा।
उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान मौके पर पूजा-अर्चना करते हुए।
ऐसी रहेगी ट्रैफिक व्यवस्था
लोकार्पण के बाद कालवाड़ रोड से आने वाला ट्रैफिक झोटवाड़ा की पुरानी पुलिया से चढ़कर बीच में टी-पॉइंट (निवारू रोड जंक्शन) पर नई एलिवेटेड रोड से मिल गया। इसमें से जिस व्यक्ति को सीकर बाइपास जाना है। वह ट्राइटन मॉल के पास बने रैंप से उतर गया। जिसे जयपुर में कलेक्ट्रेट, चांदपोल जाना है। वह आगे एलिवेटेड से होता हुआ पानीपेच पुलिया पर आकर उतर गया।
इसके दूसरे हिस्से का काम अभी अधूरा है, जिसे अगले साल तक पूरा करने का टारगेट है। दूसरा हिस्सा पूरा होने के बाद झोटवाड़ा रेलवे ओवरब्रिज पर ट्रैफिक जाम की समस्या लगभग खत्म हो जाएगी। क्योंकि इस एलिवेटेड प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद पुराना आरओबी पर ट्रैफिक वन-वे हो जाएगा।
इस जंक्शन से ट्रैफिक को डायवर्ट करके नए एलीवेटेड रोड पर मर्ज किया गया है।
जुलाई 2018 में हुआ था प्रोजेक्ट का शिलान्यास
जुलाई 2018 में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने इस प्रोजेक्ट का शिलान्यास किया था। करीब 2.26 किलोमीटर लंबाई की इस एलिवेटेड रोड के पूरा होने पर यहां रहने वाली 4 लाख से ज्यादा की आबादी को यहां ट्रैफिक जाम की समस्या से काफी हद तक निजात मिलेगी।
उद्घाटन से पहले ट्रैफिक पुराने आरओबी पर ट्रैफिक जाम की स्थिति। यहां हर समय इसी तरह की स्थिति रहती है। जबकि सुबह 8 से 11 और शाम 4 से 8 बजे तक बहुत ज्यादा ट्रैफिक जाम रहता है।
दिसंबर 2020 तक करना था प्रोजेक्ट
शिलान्यास के समय इस प्रोजेक्ट को पूरा करने की डेडलाइन दिसंबर 2020 रखी गई थी। उस समय इस प्रोजेक्ट को बनाने के लिए 166.73 करोड़ रुपए की लागत आने का अनुमान जताया था। इस प्रोजेक्ट का काम ही देरी से शुरू हुआ। इस एलिवेटेड प्रोजेक्ट के एलाइनमेंट के बीच आ रहे 642 मकान या दुकान को शिफ्ट करने में बहुत समय लगा, जिसके कारण प्रोजेक्ट देरी से शुरू हुआ।
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