बीकानेर। 5 जनवरी 2023 को सिखों के 10वे गुरु गुरुगोविंद सिंह जी की जयंती को जयनारायण व्यास कॉलोनी के गुरुद्वारे में प्रकाश पर्व के रूप में मनाया जाएगा । यह दिवस नानकशाही कैलेंडर अनुसार निर्धारित हो कर मनाते हैं। उल्लेखनीय है कि गुरुगोविंद सिंह सिखो के दसवे और अंतिम गुरु हुवे। इनके पश्चात गुरुग्रंथ साहिब सिख समाज के मार्ग दर्शक और पवित्रग्रन्थ ही मानते हैं। इस दिन एक ओंकार सतनाम करता पुरख की गुरद्वारों में गूंज होती है। गुरुद्वारों में सेवा कार्यहोते है और लंगर चखा जाता है।गुरुगोविंद सिंह का जन्म 1666 में पटना के रहने वाले सिखों के 9वे गुरु तेग बहदुर के यहाँ हुआ। जिनका औरंगजेब ने दिल्ली के चाँदनी चौक में 11 नवम्बर 1675 में इस्लाम धर्म स्वीकार नहीं किए जाने से सिर धड़ से अलग कर हत्या कर दी थी । 1699 में बेसाख़ी के दिन गुरु गोविंद सिंह जी ने खालसा पंथ की स्थापना की। जिस के अन्तर्गत सिख धर्म के अनुयई विधिवत रूप से दीक्षा प्राप्त करते हैं।गुरु गोविंद सिंह जी ने एक सभा में बैठे लोगो से पूछा था कि कौन अपना सर बलिदान देना चाहता है? जिसपर एक व्यक्ति तैयार हुआ जिसे गुरु जी तंबू में ले गये और जब गुरु जी लौटे तो उनकी तलवार खून से सनी थी । एक के बाद एक गुरु जी ने 5 लोगों से वही सवाल किया और तंबू में जाते और गुरु जी वापस निकलते तो तलवार खून से सनी होती । परन्तु 5 वी बार जब निकले तो लोगो ने देखा जो लोग अपने सर बलिदान करवाने गये वही सब गुरु जी के साथ जीवित वापस आ गए हैं । लौटे पाँचो को बाद में पंच प्यारे कहा जाने लगा और पंज प्यारे खालसा नाम दिया।7 अक्तूबर 1708 में सरहिंद के २ लोगो ने धोखे से वार कर उनकी हत्या कर दी। जिसके बाद नांदेड़ में वे दिव्य ज्योति में लीन हुवे।

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