ताइवान में 25 साल का सबसे तेज भूकंप, तीव्रता 7.5:एक की मौत, कई जगह लैंड स्लाइड, 91 हजार घरों में बिजली नहीं; फिलीपींस-जापान तक झटके
ताइपे/टोक्यो
![भूकंप के झटकों के बाद ताइवान में एक पुल हिलने लगा। - Dainik Bhaskar](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2024/04/03/comp-1-2024-04-03t074828628_1712115729.gif)
भूकंप के झटकों के बाद ताइवान में एक पुल हिलने लगा।
ताइवान में बुधवार (3 अप्रैल) को 7.5 तीव्रता का भूकंप आया। इसके झटके जापान और फिलीपींस तक महसूस किए गए। ताइवान के फायर डिपार्टमेंट के मुताबिक, एक व्यक्ति की मौत हुई है। 50 घायल हैं।
मौसम विभाग के मुताबिक भूकंप ईस्ट ताइवान के हुलिएन शहर में आया। इसका केंद्र धरती से 34 किलोमीटर नीचे था। भारतीय समय के मुताबिक सुबह 5:30 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए। कई इमारतें जमींदोज हो गईं, लैंड स्लाइड भी हुई है।
ताइवानी सेंट्रल वेदर ब्यूरो के मुताबिक, यह ताइवान में 25 साल में आने वाला सबसे तेज तीव्रता वाला भूकंप है। इसके पहले 1999 में 7.6 तीव्रता का भूंकप आया था। तब 2 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी।
भूकंप के 2 फुटेज…
![भूकंप से हुई तबाही की यह फुटेज ताइवान के हुलिएन शहर की है।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2024/04/03/comp-1-2024-04-03t071500674_1712109050.gif)
भूकंप से हुई तबाही की यह फुटेज ताइवान के हुलिएन शहर की है।
![सोशल मीडिया पर वायरल हो रही यह फुटेज जापान की बताई जा रही है। इसमें मेट्रो में बैठे लोग दिख रहे हैं। झटकों से बचने के लिए लोगों ने पोल को पकड़ रखा है।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2024/04/03/comp-1-2024-04-03t082114725_1712112695.gif)
सोशल मीडिया पर वायरल हो रही यह फुटेज जापान की बताई जा रही है। इसमें मेट्रो में बैठे लोग दिख रहे हैं। झटकों से बचने के लिए लोगों ने पोल को पकड़ रखा है।
जापान-फिलिपींस ने सुनामी अलर्ट हटाया
भूकंप के बाद ताइवान, जापान और फिलीपींस ने सुनामी का अलर्ट जारी किया था। जापान के मौसम विभाग ने समुद्र में 3 मीटर यानी करीब 10 फीट तक की लहरें उठने का अनुमान जताया था। हालांकि, जापान और फिलीपींस ने अब सुनामी अलर्ट हटा दिया है।
चीन मदद भेजने को तैयार
चीनी मीडिया के मुताबिक, चीन में ताइवान मामलों पर नजर रखने वाले ऑफिस ने कहा कि वो भूकंप से हुए नुकसान से चिंतित है और ताइवान में मदद भेजने को तैयार है। चीन, ताइवान को अपना हिस्सा बताता है। वहीं, ताइवान अपने आपको स्वतंत्र कहता है।
मैप से समझिए भूकंप कहां आया
![](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2024/04/03/map-9_1712115587.jpg)
ताइवान में नुकसान पर नजर…
1. 91 हजार घरों में बिजली नहीं
ताइवानी मीडिया के मुताबिक, भूकंप के बाद ताइवान के 91 हजार से ज्यादा घरों में बिजली नहीं है। भूकंप से तारों और पावर प्लांट को नुकसान पहुंचा है।
![पूर्वी ताइवान के हुलिएन शहर में भूकंप की वजह से इमारत टेढ़ी हो गई।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2024/04/03/taiwan_1712110179.jpg)
पूर्वी ताइवान के हुलिएन शहर में भूकंप की वजह से इमारत टेढ़ी हो गई।
![ताइवान की राजधानी ताइपे में एक घर के अंदर भूकंप से हुई तबाही।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2024/04/03/_1712110471.jpg)
ताइवान की राजधानी ताइपे में एक घर के अंदर भूकंप से हुई तबाही।
2. 6.5 तीव्रता का आफ्टर शॉक आया
ताइवान में कई आफ्टरशॉक्स भी आए हैं। इनमें से सबसे तेज 6.5 तीव्रता का आफ्टर शॉक भी आया।
![फुटेज हुलिएन शहर का है। भूकंप से एक इमारत टेढ़ी हो गई। आस-पास का इलाका खाली कराया गया है।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2024/04/03/comp-1-2024-04-03t074811379_1712111722.gif)
फुटेज हुलिएन शहर का है। भूकंप से एक इमारत टेढ़ी हो गई। आस-पास का इलाका खाली कराया गया है।
![ताइवान के बाहरी इलाकों में भूकंप से भूस्खलन हुआ है। तस्वीर जिउलिन इलाके की है।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2024/04/03/_1712113108.jpg)
ताइवान के बाहरी इलाकों में भूकंप से भूस्खलन हुआ है। तस्वीर जिउलिन इलाके की है।
जापान में हुए नुकसान पर नजर…
1. मरीजों तक नहीं पहुंच पा रहे डॉक्टर
जापान में भूकंप से कई लोगों के घायल होने की खबर है। इन लोगों को इलाज मिलना मुश्किल हो रहा है। इसकी वजह ये है कि भूकंप की वजह से ज्यादातर सड़कें टूट चुकी हैं और डॉक्टर्स प्रभावित जगहों पर नहीं पहुंच पा रहे हैं।
![भूकंप के बाद इशिकावा प्रांत के वाजिमा शहर में सड़क पर दरारें आ गईं। कई इलाकों की सड़कें टूट भी गईं।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2024/04/03/vb_1712111058.jpg)
भूकंप के बाद इशिकावा प्रांत के वाजिमा शहर में सड़क पर दरारें आ गईं। कई इलाकों की सड़कें टूट भी गईं।
![भूकंप से जापान के घरों में लगे पंखे और लाइट हिलने लगे। सोशल मीडिया पर यह फुटेज वायरल हो रहा है।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2024/04/03/comp-1-2024-04-03t071456777_1712108819.gif)
भूकंप से जापान के घरों में लगे पंखे और लाइट हिलने लगे। सोशल मीडिया पर यह फुटेज वायरल हो रहा है।
2. फ्लाइट्स कैंसल की गईं
भूकंप का सबसे ज्यादा असर जापान के ओकिनावा प्रांत में देखने को मिला। यहां आने-जाने वाली सभी फ्लाइट्स कैंसल कर दी गई हैं। ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री ने कहा कि एहतियात के तौर पर सभी फ्लाइट्स कैंसल की गई हैं।
![तस्वीर जापान के ओकिनावा प्रांत के नाहा शहर की है। यहां लोग अपने घरों से बाहर आ गए।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2024/04/03/df7225b8-ef5e-4820-b814-49735c45b048_1712111817.jpg)
तस्वीर जापान के ओकिनावा प्रांत के नाहा शहर की है। यहां लोग अपने घरों से बाहर आ गए।
जापान में 1 जनवरी को 7.6 तीव्रता का भूकंप आया था
1 जनवरी 2024 को 7.6 तीव्रता का भूकंप आया था। इसके बाद यहां सुनामी आ गई थी। वाजिमा शहर में करीब 4 फीट ऊंची (1.2 मीटर) लहरें उठी थीं। हालांकि, शाम को सरकार ने सुनामी की हाईएस्ट वॉर्निंग वापस ले ली थी।
रिंग ऑफ फायर पर बसा है जापान
जापान भूकंप के लिहाजे से सेंसिटिव है। यहां भूकंप आते रहते हैं, क्योंकि ये दो टेक्टोनिक प्लेटों के जंक्शन के पास स्थित है। ओकिनावा प्रान्त, जहां भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं, महासागर के चारों ओर भूकंपीय फॉल्ट लाइनों की एक घोड़े की नाल के आकार की श्रृंखला- रिंग ऑफ फायर के करीब स्थित है।
रिंग ऑफ फायर ऐसा इलाका है जहां कॉन्टिनेंटल प्लेट्स के साथ ओशियनिक टेक्टॉनिक प्लेट्स भी मौजूद हैं। ये प्लेट्स आपस में टकराती हैं तो भूकंप आता है। इनके असर से ही सुनामी आती है और वोल्केनो भी फटते हैं।
दुनिया के 90% भूकंप इसी रिंग ऑफ फायर में आते हैं। यह क्षेत्र 40 हजार किलोमीटर में फैला है। दुनिया में जितने सक्रिय ज्वालामुखी हैं, उनमें से 75% इसी क्षेत्र में हैं। 15 देश- जापान, रूस, फिलीपींस, इंडोनेशिया, न्यूजीलैंड, अंटार्कटिका, कनाडा, अमेरिका, मैक्सिको, ग्वाटेमाला, कोस्टा रिका, पेरू, इक्वाडोर, चिली, बोलिविया रिंग ऑफ फायर की जद में हैं।
![](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2024/04/03/unnamed16894940351704103478_1712108441.jpg)
दुनिया में हर साल 20 हजार भूकंप आते हैं
हर साल दुनिया में कई भूकंप आते हैं, लेकिन इनकी तीव्रता कम होती है। नेशनल अर्थक्वेक इंफॉर्मेशन सेंटर हर साल करीब 20,000 भूकंप रिकॉर्ड करता है। इसमें से 100 भूकंप ऐसे होते हैं जिनसे नुकसान ज्यादा होता है। भूकंप कुछ सेकेंड या कुछ मिनट तक रहता है। अब तक के इतिहास में सबसे ज्यादा देर तक रहने वाला भूकंप 2004 में हिंद महासागर में आया था। यह भूकंप 10 मिनट तक रहा था।
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