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दो महीने में 135 लोगों की सड़क हादसे में मौत:जयपुर में इसका सबसे बड़ा कारण ब्लैक स्पॉट, डीसीपी ट्रैफिक बोले- गलत इंजीनियरिंग से हो रहे एक्सीडेंट

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दो महीने में 135 लोगों की सड़क हादसे में मौत:जयपुर में इसका सबसे बड़ा कारण ब्लैक स्पॉट, डीसीपी ट्रैफिक बोले- गलत इंजीनियरिंग से हो रहे एक्सीडेंट

जयपुर

जयपुर में दो महीने (जनवरी और फरवरी) में 523 भीषण सड़क हादसे हुए हैं। इनमें 135 लोगों की मौत हो गई। वहीं, 435 गंभीर रूप से घायल हो गए। जो जयपुर के लिए चिंता का विषय है। इसका सबसे बड़ा कारण जगह-जगह बने ब्लैक स्पॉट (सबसे ज्यादा हादसे वाली जगह) हैं। सड़क हादसों में कमी लाने के लिए जयपुर पुलिस ब्लैक स्पॉट को सही करने के लिए जेडीए और निगम के साथ मिलकर प्रोजेक्ट पर काम कर रही है। इसके बावजूद भी सड़क हादसों में कमी नहीं आ रही है।

जयपुर डीसीपी ट्रैफिक सागर राणा ने बताया- जयपुर के विभिन्न मार्गों पर गलत इंजीनियरिंग और अन्य तरह की डिफेक्ट के चलते ब्लैक स्पॉट बन रहे हैं। यहां सबसे ज्यादा सड़क हादसे हो रहे हैं। साथ ही हादसों में मौत का आंकड़ा भी काफी ज्यादा है।

उन्होंने बताया- जयपुर का 200 फीट चौराहा, ओटीएस चौराहा, गवर्नमेंट हॉस्टल चौराहा, टोंक रोड पुलिया और बीटू बायपास कुछ ऐसे ब्लैक स्पॉट हैं, जहां पर सर्वाधिक सड़क हादसे हो रहे हैं। यहां पर जो भी इंजीनियरिंग डिफेक्ट है। उसको सही करने के लिए जेडीए और नगर निगम के साथ मिलकर काम किया जा रहा है। इसके साथ ही तेज गति से वाहन चलाने वालों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है।

जयपुर कमिश्नरेट के चारों क्षेत्रों में दुर्घटना और उस से हुई लोगों की मौत

  • जयपुर कमिश्नरेट के ईस्ट जिले में पिछले 2 महीने में 188 सड़क हादसे हुए। इसमें 38 लोगों की मौत हो गई। 142 लोग इन हादसों में घायल हो गए।
  • जयपुर कमिश्नरेट के वैस्ट जिले में 2 महीने में हुए 171 सड़क हादसे सड़क हादसों में 50 लोगों की हुई मौत हुई। वहीं, 178 लोग हुए गंभीर रूप से घायल हुए।
  • जयपुर कमिश्नरेट के वैस्ट नॉर्थ जिले में 2 महीने में हुए 36 सड़क हादसे सड़क हादसों में 12 लोगों की हुई मौत हुई। इसमें 25 लोग हुए गंभीर रूप से घायल हो गए।
  • जयपुर कमिश्नरेट के वैस्ट साउथ जिले में 2 महीने में हुए 128 सड़क हादसे सड़क हादसों में 35 लोगों की मौत हुई। इसमें 90 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए।

हिट एंड रन के मामले काफी बढ़े

डीसीपी ट्रैफिक सागर ने बताया- राजधानी में हिट एंड रन के मामले भी काफी बढ़ रहे हैं। उन पर कमी लाने के लिए भी विशेष अभियान चलाए जा रहे हैं। साथ ही हिट एंड रन के मामलों की जांच राजधानी के अलग-अलग एक्सीडेंट थानों के द्वारा की जा रही है। सभी मामलों में आरोपी चालकों को गिरफ्तार किया जा रहा है।

सीसीटीवी कैमरों से की जा रही पहचान

जयपुर में लगे सीसीटीवी कैमरों के जरिए आरोपी चालक और उसकी गाड़ी की पहचान कर कार्रवाई की जा रही है। साथ ही उन्होंने बताया कि सड़क हादसों में घायल हुए लोगों को अस्पताल पहुंचने वाले व्यक्ति को किसी तरह की कानूनी परेशानी का सामना न करना पड़े इसका भी विशेष ध्यान रखा जा रहा है।

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